Tuesday, September 17, 2019

रोटरी इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता की संस्था रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के आयोजन में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार विनय कुलकर्णी की मौजूदगी ने आयोजन तथा शेखर मेहता की भूमिका को विवादास्पद बनाया

नई दिल्ली । कोलकाता में हो रहे रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में विनय कुलकर्णी की उपस्थिति ने जोन 7 में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव को विवाद में घसीट लिया है । रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस को मिली/भेजी गई कुछेक शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि यह कार्यक्रम विनय कुलकर्णी की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, और रोटरी इंटरनेशनल को इसका संज्ञान लेना चाहिए तथा इस बारे में उचित कार्रवाई करना चाहिए । शिकायतों में कहा गया है कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने के लिए होने वाली नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग से ठीक पहले रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन की उक्त मीटिंग की - और उसमें विनय कुलकर्णी की उपस्थिति से परहेज भी नहीं किया । उल्लेखनीय है कि जोन 7 में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में विनय कुलकर्णी भी उम्मीदवार हैं, और उन्हें शेखर मेहता खेमे के उम्मीदवार के रूप में ही देखा/पहचाना जाता है । उल्लेखनीय यह भी है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने के लिए तीन दिन बाद ही - 21 सितंबर को नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग होनी है ।
गौरतलब है कि रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के पीछे शेखर मेहता का ही दिमाग और उनकी मेहनत है । 2011 में श्रीलंका में आयोजित हुई रोटरी साऊथ एशिया कॉन्फ्रेंस में शेखर मेहता की प्रेरणा व पहल से श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, मालदीव्स तथा भारत के रोटेरियंस ने क्षेत्र में अन्य कई विषयों के साथ-साथ शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर काम करने के लिए रोटरी साऊथ एशिया सोसायटी फॉर डेवेलपमेंट एंड को-ऑपरेशन का गठन किया था । पिछले वर्ष इसका ही नाम बदल कर रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन किया गया है । मजे की बात यह है कि इसके तहत काम भले ही शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर किए गए हैं, लेकिन इसके गठन तथा इसके कामों के पीछे असली उद्देश्य राजनीतिक ही देखा/पहचाना गया है । इसी कारण से बासकर चॉकलिंगम ने इंटरनेशनल डायरेक्टर के अपने कार्यकाल में रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन को तथा उसके कार्यक्रमों को कोई तवज्जो नहीं दी; और उनके इंटरनेशनल डायरेक्टर के कार्यकाल में इसकी सक्रियता भी कम रही और जो रही भी वह दबी-छिपी रही । रोटेरियंस के बीच माना जाता रहा है कि शेखर मेहता ने लंबी राजनीतिक छलाँग लगाने के लिए ही इसका गठन किया है । रोटरी में बहुत से लोग मानते और कहते हैं कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट (नॉमिनी) के पद पर पहुँचने में रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के जरिए किए गए 'कामों' ने शेखर मेहता की काफी मदद की है ।
सिर्फ समझा ही नहीं जा रहा है, बल्कि कहा भी जा रहा है कि रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन ने अब विनय कुलकर्णी को इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाने का बीड़ा उठा लिया है । रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस को भेजी गई शिकायतों में कहा गया है कि रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के कोलकाता में हो रहे कार्यक्रम में शेखर मेहता तथा मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या व कमल सांघवी की उपस्थिति में विनय कुलकर्णी की जिस तरह की मौजूदगी रही और 'दिखाई' गई है, वह जोन 7 में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश है और चुनावी आचार-संहिता का खुला उल्लंघन है । कहा गया है कि डिस्ट्रिक्ट्स में होने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में आचार-संहिता के नाम पर उम्मीदवारों पर तरह तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं, लेकिन इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी तथा इंटरनेशनल डायरेक्टर्स की मौजूदगी में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार को खुल्लमखुल्ला तवज्जो दी जा रही है । बिडंवना और निराशा की बात यह भी है कि रोटरी इंटरनेशनल को भेजी गई शिकायतों के संबंध में संबद्ध रोटेरियंस का यह भी कहना है कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के सान्निध्य में ही जब चुनावी आचार-संहिता का उल्लंघन किया जा रहा हो और मजाक बनाया जा रहा हो, तो न्याय मिलने की उम्मीद भी घट जाती है । इसी कारण से जोन 7 में इंटरनेशनल डायरेक्टर का चयन करने के लिए होने वाली नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग से चार दिन पहले, 16 सितंबर को कोलकाता में शुरू हुए दो दिवसीय रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन का आयोजन गहरे विवाद में फँस गया है ।