Thursday, March 19, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अजीत जालान के बड़े अंतर से जीतने के विनोद बंसल के दावे ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच हलचल मचाई हुई है, और अशोक कंतूर व महेश त्रिखा के समर्थकों को डरा दिया है

नई दिल्ली । विनोद बंसल और रवि चौधरी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अजीत जालान की जीत का दावा करके न सिर्फ अशोक कंतूर और महेश त्रिखा के समर्थकों के बीच खासी हलचल मचा दी है, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के लोगों को भी हैरान और चकित किया है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में हर कोई अशोक कंतूर व महेश त्रिखा में से किसी एक के जीतने का अनुमान लगा रहा है, और अजीत जालान को तीसरे नंबर पर देख/पा रहा है । अजीत जालान के नजदीकी तथा उनकी उम्मीदवारी के समर्थक तक अजीत जालान को तीसरे नंबर पर देख रहे हैं । उनके कुछेक समर्थक बताते रहे हैं कि जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा, उन्हें भी समझ में आ गया कि अजीत जालान तो मुकाबले में भी नहीं आ पा रहे हैं - और तब उनकी कोशिश यह हो गई कि अजीत जालान को कम से कम इतने वोट तो मिल जाएँ कि उन्हें शर्मनाक हार का सामना न करना पड़े और वह अगले रोटरी वर्ष में अपनी उम्मीदवारी का दावा पेश कर सकें । ऐसे में, अजीत जालान की जीत के विनोद बंसल और रवि चौधरी के दावे ने हर किसी को चौंकाया है । रवि चौधरी को तो डिस्ट्रिक्ट में कोई सीरियसली नहीं लेता है; लेकिन विनोद बंसल को लेकर लोगों को लगता है कि वह यदि अजीत जालान की जीत का दावा कर रहे हैं - तो जरूर चुनावी नतीजे में कुछ बड़ा उलटफेर हो रहा होगा । विनोद बंसल, रवि चौधरी और अजीत जालान के साथ नजदीकी रखने वाले कुछेक रोटेरियंस का कहना/बताना है कि वोटिंग लाइन खुलने से दो/एक दिन पहले विनोद बंसल ने अजीत जालान की उम्मीदवारी के पक्ष में जो सक्रियता दिखाई, उसने फिर चुनावी परिदृश्य का सारा नजारा ही बदल दिया है ।
उल्लेखनीय है कि विनोद बंसल को अजीत जालान के समर्थक के रूप देखा/पहचाना तो जा रहा था, लेकिन विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति से दूर रहने के दावे कर रहे थे । हालाँकि कई मौकों पर उन्हें महेश त्रिखा और अशोक कंतूर के खिलाफ शब्दों के बाण चलाते तो सुना/देखा गया; और अशोक कंतूर को लेकर अक्सर ही वह यह कहते हुए सुने गए कि उन्हें चुनाव जितवाने के लिए जितनी कोशिश की जा सकती थी, वह पिछले वर्ष उन्होंने की थी - और उसके बाद भी अशोक कंतूर नहीं जीते, तो मतलब यही है कि गवर्नर बनना उनकी किस्मत में नहीं है । महेश त्रिखा और अशोक कंतूर को लेकर की जाने वाली कटाक्षभरी विरोधी बातों के जरिये विनोद बंसल यह संकेत तो देते रहे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में उनकी पसंद अजीत जालान हैं, लेकिन सच यह भी है कि वह अजीत जालान के लिए कुछ करते हुए नजर नहीं आए । इसके लिए अजीत जालान को कई लोगों से ताने भी सुनने को मिले कि विनोद बंसल ने उन्हें उम्मीदवार तो बना/बनवा दिया, लेकिन उनकी उम्मीदवारी के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं । इस तरह के तानों पर अजीत जालान तो मुस्कुरा कर चुप रह जाते, लेकिन उनके कुछेक नजदीकी लोगों को कहते/बताते रहे कि विनोद बंसल अभी पर्दे के पीछे से अजीत जालान के लिए 'काम' कर रहे हैं, और उचित समय आने पर वह पर्दा हटा कर सामने आयेंगे । 
वोटिंग शुरू होने से दो/एक दिन पहले विनोद बंसल ने अजीत जालान की उम्मीदवारी की कमान सँभाली, और रवि चौधरी के साथ मिलकर अजीत जालान के लिए वोट डलवाने का काम शुरू किया । विनोद बंसल ने बहुत ही गुपचुप तरीके से काम किया, और दूसरे लोगों को ज्यादा हवा नहीं लगने दी कि वह क्या कर रहे हैं । वोटिंग शुरू होने के आठ/नौ दिन बाद अब जब अधिकतर क्लब्स के वोट पड़ चुके हैं, और दो/तीन क्लब्स ही वोट डालने के लिए बचे रह गए हैं - तब विनोद बंसल ने खुद से ही लोगों को कहना/बताना शुरू कर दिया है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव अजीत जालान जीत रहे हैं, और जल्दी ही इसकी सार्वजनिक घोषणा हो जाएगी । विनोद बंसल बता रहे हैं कि उन्हें प्रत्येक क्लब का पता है कि उसने किसे वोट दिया है, और इसी जानकारी के आधार पर उनका आकलन है कि पहली और दूसरी वरीयता के वोटों को जोड़ कर अजीत जालान को 80 से 90 के बीच वोट मिल रहे हैं, और वह एक अच्छे अंतर से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव जीत रहे हैं । विनोद बंसल और रवि चौधरी का कहना/बताना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव का नतीजा उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा, जो अजीत जालान को तीसरे नंबर पर देख रहे हैं । यह दावा यदि रवि चौधरी की तरफ से किया गया होता, तो कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेता; लेकिन चूँकि यह दावा विनोद बंसल की भी तरफ से किया गया है - इसलिए इस दावे ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच हलचल मचाई हुई है, और अशोक कंतूर व महेश त्रिखा के समर्थकों को डरा दिया है । देखना दिलचस्प होगा कि अजीत जालान की जीत का विनोद बंसल का दावा सचमुच सच साबित होता है, या साबित होगा कि विनोद बंसल पर रवि चौधरी की संगत का कुछ ज्यादा ही असर हो गया है ।