Tuesday, March 24, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में गौरव गर्ग और रजनीश गोयल को बधाई दे कर पंकज बिजल्वान ने अपनी चुनावी रणनीति को बदलने का तथा इस बात को समझने का संकेत दिया है कि चुनावी राजनीतिक अभियान में व्यक्तिगत चिढ़ और खुन्नस से कोई फायदा नहीं होता है   

देहरादून । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए हुए चुनाव में बड़ी और बुरी हार का शिकार होने के बाद पंकज बिजल्वान अब सबसे पहले अपना क्लब छोड़ कर अपने लिए एक नया क्लब बनाने की कोशिशों में जुटे हैं । हालाँकि अभी तक चर्चा सुनी जा रही थी कि उनके क्लब के प्रमुख सदस्य, फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज अपने कुछेक साथियों के साथ क्लब छोड़ेंगे और अपना एक नया क्लब बनायेंगे । लेकिन अब सुनने को मिल रहा है कि पंकज बिजल्वान यह देख/जान कर बहुत व्यथित और निराश हैं कि उनकी उम्मीदवारी को उनके अपने क्लब के ही अधिकतर सदस्यों का सहयोग/समर्थन नहीं मिला, इसलिए अब वह क्लब में रहने में कोई फायदा नहीं देख रहे हैं - और अपने लिए एक नया क्लब बना लेने में ही अपनी भलाई देख/पहचान रहे हैं । उनके कुछेक नजदीकी यद्यपि उन्हें यह भी समझा रहे हैं कि नया क्लब बनाने के झंझट में पड़ने की बजाये वह किसी ऐसे क्लब में ट्रांसफर ले लें, जहाँ उनके 'मित्र' हों और जहाँ उन्हें एकतरफा सहयोग/समर्थन मिल सके । पंकज बिजल्वान सचमुच क्या करेंगे, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा - लेकिन एक बात पक्की लग रही है, और वह यह कि पंकज बिजल्वान और अश्वनी काम्बोज अब एक क्लब में नहीं रहेंगे । इस वर्ष हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव और उसके नतीजे ने एक तरफ विनय मित्तल और मुकेश गोयल के वर्षों पुराने संग/साथ में गहरी खाई बना दी है, तो दूसरी तरफ अश्वनी काम्बोज और पंकज बिजल्वान की दोस्ती के बीच भी चौड़ी दरार पैदा कर दी है । यह ठीक है कि विनय मित्तल और मुकेश गोयल के बीच बनी खाई के किस्से में जो रोमांच व 'ग्लैमर' है, और जिसके चलते यह प्रसंग 'राष्ट्रीय' चर्चा का विषय बना है - वैसा रोमांच अश्वनी काम्बोज व पंकज बिजल्वान की दोस्ती में पड़ी दरार के किस्से में नहीं है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट के और खासतौर से देहरादून के लोगों के लिए वह एक बात बनाने वाला किस्सा तो है ही ।
अश्वनी काम्बोज के साथ संबंध बिगड़ने के कारण पंकज बिजल्वान के लिए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अगली लड़ाई और मुश्किल हो गई है । पंकज बिजल्वान के कुछेक समर्थकों का ही मानना और कहना है कि अश्वनी काम्बोज के पास वोटों की कोई 'ताकत' भले ही न हो - लेकिन उनके साथ बिगड़े संबंधों का प्रतीकात्मक रूप से प्रतिकूल असर तो पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी पर पड़ेगा ही । इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि इस वर्ष के चुनाव में पंकज बिजल्वान के समर्थकों ने इस तथ्य को छिपाने की भरसक कोशिश की कि अश्वनी काम्बोज का समर्थन पंकज बिजल्वान को नहीं मिलेगा । 'रचनात्मक संकल्प' ने जब जब इस तथ्य को उद्घाटित किया, तब तब पंकज बिजल्वान के समर्थकों ने 'रचनात्मक संकल्प' को निशाना बनाया - लेकिन सच्चाई को किसी भी तरह से छिपाया नहीं जा सका । अश्वनी काम्बोज की तरफ से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए पंकज बिजल्वान ने हालाँकि गौरव गर्ग और रजनीश गोयल की तरफ हाथ बढ़ाया है । पंकज बिजल्वान ने पिछले वर्ष फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट होने पर गौरव गर्ग को बधाई नहीं दी थी, और वह गौरव गर्ग से बुरी तरह चिढ़े हुए थे - लेकिन इस वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट बनने पर गौरव गर्ग को उन्होंने फोन करके बधाई दी । राजनीतिक प्रौढ़ता का प्रदर्शन करते हुए पंकज बिजल्वान ने अपने प्रतिद्वंद्वी रहे रजनीश गोयल को भी फोन करके बधाई दी । गौरव गर्ग और रजनीश गोयल को फोन करके बधाई देने के पंकज बिजल्वान के 'काम' को अच्छे संकेत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, और माना जा रहा है कि 'ठोकरों' ने उन्हें राजनीतिक रूप से मैच्योर बनाना शुरू कर दिया है ।
पंकज बिजल्वान सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को पुनःप्रस्तुत करने के मामले में हालाँकि कितनी मैच्योरटी दिखाते हैं, यह देखना/समझना अभी बाकी है । इस वर्ष के चुनाव में, पंकज बिजल्वान ने चुनाव जीतने के लिए हर वह हथकंडा अपनाया - जिसे चुनाव जीतने के लिए जरूरी समझा जाता है । इसके बावजूद वह भारी अंतर से और बुरी तरह से चुनाव हार गए । इससे एक बात साबित हो गई है कि चुनाव हथकंडों से नहीं जीते जाते हैं - यह सच है कि चुनाव जीतने के लिए हथकंडों का इस्तेमाल करना भी जरूरी होता है, लेकिन सिर्फ हथकंडों के भरोसे चुनाव जीतने की उम्मीद करना आत्मघाती होता है । पंकज बिजल्वान के सामने चुनौती और मुश्किल यह है कि एक उम्मीदवार के रूप में वह जितना, जैसा, जो कर सकते थे, वह उन्होंने इस वर्ष कर लिया है; उससे ज्यादा कुछ करने को बचता नहीं है - ऐसे में, चुनावी रणनीति में बदलाव करके तथा नए समीकरणों को बना कर ही वह अपनी उम्मीदवारी के लिए कोई उम्मीद कर सकते हैं । डिस्ट्रिक्ट में अभी लेकिन जो 'हालात' हैं; विनय मित्तल की रणनीति ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति पर जैसा, जो शिकंजा कसा हुआ है - उसमें नए समीकरणों को लेकर कोई संभावना अभी तो नजर नहीं आ रही है । पंकज बिजल्वान ने गौरव गर्ग और रजनीश गोयल को फोन करके बधाई देने का जो काम किया है, उससे यह संकेत जरूर मिल रहा है कि उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए कदम उठा लिया है - और इस बात को समझ लिया है कि चुनावी राजनीतिक अभियान में व्यक्तिगत चिढ़ और खुन्नस से कोई फायदा नहीं होता है । हालाँकि यह देखना/समझना अभी बाकी है कि पंकज बिजल्वान अपनी रणनीति में किस हद तक और क्या क्या बदलाव करते हैं और हालात की सच्चाई को किस हद तक कैसे समझते/पहचानते है - दरअसल इसी पर यह निर्भर करता है कि पुनःप्रस्तुत होने वाली उम्मीदवारी के लिए वह जीतने लायक समर्थन जुटा पायेंगे या इस वर्ष जैसे नतीजे को ही दोहरायेंगे ।