गाजियाबाद । मार्च महीने में किए जा रहे दो कार्यक्रमों - डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन तथा डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता गंभीर आरोपों में फँस गए हैं, और फजीहत का शिकार हो रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन में उन पर पैसे बनाने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार को लेकर उन पर रोटरी का मजाक बना देने का आरोप है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता का प्रायः प्रत्येक कार्यक्रम आरोपों का शिकार बना है; प्रत्येक कार्यक्रम की आलोचना होने के बाद उम्मीद की जाती थी कि दीपक गुप्ता अगले कार्यक्रम में सावधानी तथा पारदर्शिता रखेंगे और लोगों को आलोचना का मौका नहीं देंगे, लेकिन दीपक गुप्ता अगले कार्यक्रम में लोगों को और भी बुरी तरह निराश करते - तथा दिखाते/जताते रहे कि वह नहीं सुधरेंगे । उनके रवैये का यह सिलसिला अब भी जारी है, जबकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके कार्यक्रम लगभग पूरे हो चुके हैं । दीपक गुप्ता के नजदीकियों तथा उन्हें जानने वाले रोटेरियंस का भी कहना है कि दीपक गुप्ता जिस तरह से ऊँची ऊँची बातें करते रहे हैं, उन्हें सुनते हुए उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वह पैसों के मामले में इतने 'कच्चे' साबित होंगे, और उनके कार्यक्रम मजाक बन जायेंगे ।
डिस्ट्रिक्ट में विभिन्न तरीकों से पैसे बनाने के आरोप दीपक गुप्ता पर उनका गवर्नर-वर्ष शुरू होते ही लगने लगे थे, लेकिन दीपक गुप्ता कभी भी उनकी परवाह करते हुए नहीं दिखे और - आरोपों के अनुसार - वह तरह तरह के झूठ बोलते हुए लूट/खसोट में लगे रहे । डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले में उनकी तरफ से ठगी का शिकार हुई एक कंपनी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक करने के लिए मजबूर हो गई । डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन के नाम पर दीपक गुप्ता ने जिस तरह से स्पॉन्सर्स जुटाए हैं, और भारी-भरकम रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा है, उसे देख कर लोगों को कहने का मौका मिला है कि दीपक गुप्ता पैसे बनाने का कोई मौका छोड़ना ही नहीं चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन की आयोजनकर्ता रोटरी क्लब दिल्ली प्रीत विहार की सचिव अंजु गुप्ता हैं, जो उस होटल की मालकिन हैं जिसमें होली सेलिब्रेशन हो रहा है । स्वाभाविक ही है कि आयोजन के खर्च में उनकी सहयोगात्मक भूमिका होगी ही । उनके अलावा, आयोजन के कई एक स्पॉन्सर हैं । इसके बाद भी, प्रत्येक प्रतिभागी से दो हजार रुपए का रजिस्ट्रेशन लिया जा रहा है । कई लोगों के अनुसार, यह सीधे सीधे 'लूट' का मामला है, और उनका आरोप है कि दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करते करते हर संभव तरीके से पैसे बना लेना चाहते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार को लेकर दीपक गुप्ता पर रोटरी और रोटरी के बुनियादी कार्यक्रमों का मजाक बना देने का आरोप है । वास्तव में किसी को भी यह समझ नहीं आ रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता का कार्यकाल अब जब पूरा होने वाला है, तब मेंबरशिप सेमीनार करने का भला क्या मतलब है ? उल्लेखनीय है कि रोटरी व्यवस्था में मेंबरशिप सेमीनार का समय डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के कार्यकाल के शुरू में निर्धारित किया गया है; और इस नाते से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स जुलाई/अगस्त में यह सेमीनार करते हैं । माना/समझा जाता है कि गवर्नर-वर्ष के शुरू में सेमीनार करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर क्लब्स के प्रेसीडेंट्स व अन्य पदाधिकारियों को मेंबरशिप बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का काम करेगा । दीपक गुप्ता लेकिन उल्टी गंगा बहा रहे हैं । अब जब क्लब्स के प्रेसीडेंट्स अपना अपना 'बस्ता' समेटने की तैयारी कर रहे हैं, तब दीपक गुप्ता को उन्हें मेंबरशिप का पाठ पढ़ाने की याद आई है । इस सेमीनार को खानापूर्ति के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है । लोगों के अनुसार, यह इस बात का एक उदाहरण भी है कि दीपक गुप्ता रोटरी को लेकर बातें चाहें कितनी ही ऊँची ऊँची करते हों - लेकिन रोटरी तथा उसके कार्यक्रमों के प्रति उनमें जरा भी जिम्मेदारी व गंभीरता का भाव नहीं है; और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद को उन्होंने सिर्फ लूट-खसोट का जरिया ही माना/समझा है ।
डिस्ट्रिक्ट में विभिन्न तरीकों से पैसे बनाने के आरोप दीपक गुप्ता पर उनका गवर्नर-वर्ष शुरू होते ही लगने लगे थे, लेकिन दीपक गुप्ता कभी भी उनकी परवाह करते हुए नहीं दिखे और - आरोपों के अनुसार - वह तरह तरह के झूठ बोलते हुए लूट/खसोट में लगे रहे । डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले में उनकी तरफ से ठगी का शिकार हुई एक कंपनी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक करने के लिए मजबूर हो गई । डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन के नाम पर दीपक गुप्ता ने जिस तरह से स्पॉन्सर्स जुटाए हैं, और भारी-भरकम रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा है, उसे देख कर लोगों को कहने का मौका मिला है कि दीपक गुप्ता पैसे बनाने का कोई मौका छोड़ना ही नहीं चाहते हैं । डिस्ट्रिक्ट होली सेलिब्रेशन की आयोजनकर्ता रोटरी क्लब दिल्ली प्रीत विहार की सचिव अंजु गुप्ता हैं, जो उस होटल की मालकिन हैं जिसमें होली सेलिब्रेशन हो रहा है । स्वाभाविक ही है कि आयोजन के खर्च में उनकी सहयोगात्मक भूमिका होगी ही । उनके अलावा, आयोजन के कई एक स्पॉन्सर हैं । इसके बाद भी, प्रत्येक प्रतिभागी से दो हजार रुपए का रजिस्ट्रेशन लिया जा रहा है । कई लोगों के अनुसार, यह सीधे सीधे 'लूट' का मामला है, और उनका आरोप है कि दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करते करते हर संभव तरीके से पैसे बना लेना चाहते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार को लेकर दीपक गुप्ता पर रोटरी और रोटरी के बुनियादी कार्यक्रमों का मजाक बना देने का आरोप है । वास्तव में किसी को भी यह समझ नहीं आ रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता का कार्यकाल अब जब पूरा होने वाला है, तब मेंबरशिप सेमीनार करने का भला क्या मतलब है ? उल्लेखनीय है कि रोटरी व्यवस्था में मेंबरशिप सेमीनार का समय डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के कार्यकाल के शुरू में निर्धारित किया गया है; और इस नाते से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स जुलाई/अगस्त में यह सेमीनार करते हैं । माना/समझा जाता है कि गवर्नर-वर्ष के शुरू में सेमीनार करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर क्लब्स के प्रेसीडेंट्स व अन्य पदाधिकारियों को मेंबरशिप बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का काम करेगा । दीपक गुप्ता लेकिन उल्टी गंगा बहा रहे हैं । अब जब क्लब्स के प्रेसीडेंट्स अपना अपना 'बस्ता' समेटने की तैयारी कर रहे हैं, तब दीपक गुप्ता को उन्हें मेंबरशिप का पाठ पढ़ाने की याद आई है । इस सेमीनार को खानापूर्ति के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है । लोगों के अनुसार, यह इस बात का एक उदाहरण भी है कि दीपक गुप्ता रोटरी को लेकर बातें चाहें कितनी ही ऊँची ऊँची करते हों - लेकिन रोटरी तथा उसके कार्यक्रमों के प्रति उनमें जरा भी जिम्मेदारी व गंभीरता का भाव नहीं है; और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद को उन्होंने सिर्फ लूट-खसोट का जरिया ही माना/समझा है ।