Saturday, May 23, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में सीओएल के चुनावी परिदृश्य में प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद अपनी उम्मीदवारी को लेकर सुधीर मंगला की जिद के चलते, लॉकडाउन के कारण ठंडी का शिकार बने डिस्ट्रिक्ट में गर्मी बढ़ी 

नई दिल्ली । सीओएल प्रतिनिधि के चुनाव में नामांकन वापस लेने की तारीख नजदीक आ रही है, और डिस्ट्रिक्ट के कई धुरंधर नेता सुधीर मंगला को अपना नामांकन वापस लेने के लिए राजी करने का प्रयास कर कर के थक चुके हैं - लेकिन सुधीर मंगला अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए तैयार ही नहीं हो रहे हैं, और चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं । नामांकन वापस लेने के लिए अभी हालाँकि चार दिन का समय बचा हुआ है, लेकिन हर किसी ने मान लिया है कि सीओएल प्रतिनिधि के लिए अमित जैन और सुधीर मंगला के बीच चुनाव होना तय ही है । सुधीर मंगला को इस बात पर बड़ी हैरानी है कि डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर नेता और पूर्व गवर्नर्स उन पर ही उम्मीदवारी वापस लेने के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं ? सीओएल प्रतिनिधि के पिछले चुनाव में भी, डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर लोग उम्मीदवारी वापस करवाने को लेकर उन्हीं के पीछे पड़े थे । हालाँकि पिछली बार भी उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी थी, और चुनाव लड़ बैठे थे - लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था । सुधीर मंगला को उम्मीद थी कि वह चूँकि पिछली बार हारे हुए उम्मीदवार हैं, इसलिए डिस्ट्रिक्ट के लोग उनके प्रति हमदर्दी दिखाते हुए इस बार उन्हें सर्वसम्मति से सीओएल प्रतिनिधि चुन लेंगे; लेकिन अब उन्हें समझ में आ गया है कि रोटरी की दुनिया के लोग बड़े निष्ठुर लोग हैं, जिनके नजदीक हमदर्दी जैसी तो कोई चीज नहीं फटकती है । इसलिए सुधीर मंगला एक बार फिर सीओएल प्रतिनिधि के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं ।
सुधीर मंगला का कहना है कि रोटरी में उन्हें आसानी से कुछ नहीं मिला है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवारी पाने के लिए उन्हें अपने क्लब के सदस्यों के साथ ही जूझना पड़ा था, जिसके चलते उन्हें उम्मीदवारी तो नहीं ही मिली थी - बल्कि उन्हें अपना क्लब छोड़ने के लिए मजबूर और होना पड़ा था । उन्होंने नया क्लब बनाया, तब वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार हो सके थे - उम्मीदवार तो वह बन गए, लेकिन चुनाव वह हार गए थे । दूसरी बार फिर जब वह उम्मीदवार बने, तो बड़ी मुश्किल से जीत सके थे । सीओएल प्रतिनिधि के मामले में भी सुधीर मंगला को जितने पापड़ बेलने पड़ रहे हैं, उतने डिस्ट्रिक्ट में इससे पहले शायद किसी ने नहीं बेले हैं । सीओएल प्रतिनिधि के चयन/चुनाव को लेकर डिस्ट्रिक्ट में खींचतान के मौके तो हालाँकि कई बार बने हैं, लेकिन असफल रहने वाले और या चुनावी पराजय का शिकार होने वाले लोगों ने इसे वैसा रंग कभी नहीं दिया - जैसा रंग सुधीर मंगला ने दिया हुआ है । सुधीर मंगला की बदकिस्मती है कि डिस्ट्रिक्ट का कोई नेता खुलकर उनकी उम्मीदवारी की वैसी वकालत करता हुआ भी नहीं दिख रहा है, जैसी वकालत कई नेता अमित जैन की करते हुए सुने जा रहे हैं । सुधीर मंगला का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट के नेता और पूर्व गवर्नर्स भले ही उनके साथ न दिख रहे हों, लेकिन क्लब्स के पदाधिकारियों और प्रेसीडेंट्स का समर्थन उनके साथ है - और उनके समर्थन के भरोसे ही वह अपनी उम्मीदवारी को वापस लेने के लिए राजी नहीं हैं ।
सुधीर मंगला को यह भी विश्वास है कि अभी भले ही कोई पूर्व गवर्नर उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में नहीं दिख रहा है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में खेमेबाजी के असर और दबाव के चलते कुछेक पूर्व गवर्नर्स अवश्य ही उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने में जुटेंगे । दूसरी तरफ, अमित जैन की उम्मीदवारी को पूर्व गवर्नर्स का अच्छा खासा समर्थन मिलता नजर आ रहा है - खास बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में परस्पर विरोधी के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले पूर्व गवर्नर्स अमित जैन की उम्मीदवारी का समर्थन करते देखे/सुने जा रहे हैं । दूसरी/तीसरी पंक्ति के नेता के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले कुछेक सक्रिय रोटेरियंस के भी अमित जैन की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने तथा माहौल बनाने के काम में लगे होने की चर्चा है, जबकि सुधीर मंगला को अकेले ही अपनी उम्मीदवारी के लिए काम करते हुए देखा/सुना जा रहा है । सुधीर मंगला के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि जो लोग उनकी उम्मीदवारी के समर्थक हैं भी, और जिनका समर्थन सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को मिलने की संभावना थी भी - वह भी उनकी उम्मीदवारी के लिए वास्तव में कुछ करते नजर नहीं आ रहे हैं.। तमाम प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद भी सुधीर मंगला ने लेकिन जिस तरह से अपनी उम्मीदवारी को लेकर जिद पकड़ी हुई है, और उम्मीदवारी वापस लेने के दबावों को वह अनसुना कर रहे हैं - उसके चलते लॉकडाउन के कारण ठंडी का शिकार बने डिस्ट्रिक्ट में सीओएल प्रतिनिधि के चुनाव को लेकर गर्मी तो बढ़ रही है ।