चंडीगढ़ । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनप्रीत सिंह गंधोके ने डिस्ट्रिक्ट एकाउंट के करीब 15 लाख रुपए दबाए रखते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा, निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल तथा पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू को जैसा नाच नचाया हुआ है, वह डिस्ट्रिक्ट ही क्या - रोटरी के इतिहास की अनोखी घटना है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा ने उक्त रकम वापस करने के लिए मनप्रीत सिंह गंधोके को कई बार ईमेल संदेश लिखे हैं, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके ने रकम वापस करना तो दूर - उनके ईमेल संदेशों का जबाव तक नहीं दिया है । जितेंद्र ढींगरा ने 16 सितंबर 2019 को एक ईमेल के जरिये इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या को भी मामले से परिचित कराया, लेकिन तब भी मनप्रीत सिंह गंधोके ने परवाह नहीं की । अभी हाल ही में, 5 अप्रैल 2020 को जितेंद्र ढींगरा ने फिर मनप्रीत सिंह गंधोके को उक्त रकम डिस्ट्रिक्ट एकाउंट में जमा करने की चेतावनी दी, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके के कानों पर जूँ रेंगती हुई लग/दिख नहीं रही है । जितेंद्र ढींगरा ने निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल से भी ईमेल मैसेज के जरिये अनुरोध किया कि चूँकि उनके गवर्नर वर्ष में मनप्रीत सिंह गंधोके को डिस्ट्रिक्ट एकाउंट से उक्त रकम दी गई है, इसलिए वह उक्त रकम वापस करवाएँ । जबाव में प्रवीन गोयल ने भी रोना रो दिया कि मनप्रीत सिंह गंधोके उनकी सुन ही नहीं रहे हैं और जबाव ही नहीं दे रहे हैं ।
हैरत की बात यह है कि मनप्रीत सिंह गंधोके ने उक्त रकम दबाए रखने के लिए डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर और पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजा साबू को भी ठेंगा दिखाया हुआ है । जितेंद्र ढींगरा का कहना/बताना रहा है कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में राजा साबू ने आश्वस्त किया था कि वह मनप्रीत सिंह गंधोके से उक्त रकम वापस करवायेंगे । राजा साबू के उस आश्वासन को कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके ने उक्त रकम वापस करने के कोई संकेत तक नहीं दिए हैं । इससे डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को संदेह हो चला है कि मनप्रीत सिंह गंधोके उक्त रकम के बबाल में जो बेशर्मी दिखा रहे हैं, उसके पीछे राजा साबू की ही शह है - अन्यथा यह कतई संभव नहीं है कि राजा साबू सचमुच चाहें, और फिर भी मनप्रीत सिंह गंधोके रकम दबाए बैठे रहें । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लगता है कि राजा साबू दोहरा खेल खेल रहे हैं - कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में तो उन्होंने कह दिया कि वह मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम वापस दिलवायेंगे, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके को भी संकेत दे दिया कि चुपचाप बैठो, बेशर्मी ओढ़े रहो - कोई आखिर क्या कर लेगा ? दरअसल, मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम बसूलने के मामले में अभी तक जो कुछ हुआ है, उसे एक 'ट्रेजिडी' के 'कॉमिक' बनते जा रहे किस्से के रूप में देखा जाने लगा है । इस मामले को देख रहे डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों को यह तो विश्वास हो चला है कि मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम वापस लेने के मामले में राजा साबू और प्रवीन गोयल तो नाटक कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हैरानी इस बात की है कि जितेंद्र ढींगरा क्यों कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, और क्यों सिर्फ चेतावनी दे कर पीछे हट जा रहे हैं ?
मामला पिछले रोटरी वर्ष का है । एक ट्रेवल एजेंसी के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट द्वारा उपभोक्ता अदालत में किए गए केस में फैसला डिस्ट्रिक्ट के पक्ष में हुआ, जिसके चलते डिस्ट्रिक्ट एकाउंट में 14 लाख 95 हजार 978 रुपए आए । उक्त केस मनप्रीत सिंह गंधोके के गवर्नर वर्ष में हुआ था । मनप्रीत सिंह गंधोके ने तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल को बताया कि जिस रकम पर ट्रेवल एजेंसी के साथ विवाद था, वह रकम उन्होंने अपने निजी एकाउंट से दी थी, इसलिए उक्त रकम पर उनका अधिकार है और वह उन्हें मिलनी चाहिए । प्रवीन गोयल इतने 'भोले' हैं कि मनप्रीत सिंह गंधोके ने उनसे कहा और उन्होंने बिना सच्चाई को जाने/समझे फटाक से उक्त रकम का चेक मनप्रीत सिंह गंधोके को दे दिया, जिसके बाद उक्त रकम डिस्ट्रिक्ट एकाउंट से मनप्रीत सिंह गंधोके के एकाउंट में चली गई । यह काम इतने आनन-फानन में हुआ कि प्रवीन गोयल की भूमिका भी संदेह और आरोपों की शिकार बनी । बाद में जैसे ही इस बात का पता चला, तब बबाल मचा । कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में पूर्व गवर्नर टीके रूबी ने दावा किया कि इस रकम पर मनप्रीत सिंह गंधोके का दावा सरासर झूठ और धोखा है, तथा वास्तव में यह रकम रोटेरियंस की है, जिन्होंने बैंकॉक में होने वाली इंटरनेशनल कन्वेंशन में शामिल होने के लिए इसे जमा करवाया था । टीके रूबी ने चुनौती दी कि मनप्रीत सिंह गंधोके साबित करें कि यह रकम उन्होंने अपने किसी निजी एकाउंट से दी है । भेद खुला तो प्रवीन गोयल ने मासूमियत की चादर ओढ़ ली कि उन्हें तो बात का पता ही नहीं था, और मनप्रीत सिंह गंधोके ने उनसे जो कहा, उसे उन्होंने सच मान लिया । टीके रूबी द्वारा सच्चाई बताने तथा चुनौती देने के बाद से मनप्रीत सिंह गंधोके ने चुप्पी साध ली है, और वह उक्त रकम वापस करने संबंधी ईमेल संदेशों का जबाव भी नहीं दे रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा इस मामले में इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या से मदद माँग चुके हैं - लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके की बेशर्मी के सामने भरत पांड्या, राजा साबू सहित डिस्ट्रिक्ट 3080 की लीडरशिप की लाचारी ही सामने आ रही है ।
हैरत की बात यह है कि मनप्रीत सिंह गंधोके ने उक्त रकम दबाए रखने के लिए डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर और पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजा साबू को भी ठेंगा दिखाया हुआ है । जितेंद्र ढींगरा का कहना/बताना रहा है कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में राजा साबू ने आश्वस्त किया था कि वह मनप्रीत सिंह गंधोके से उक्त रकम वापस करवायेंगे । राजा साबू के उस आश्वासन को कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके ने उक्त रकम वापस करने के कोई संकेत तक नहीं दिए हैं । इससे डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को संदेह हो चला है कि मनप्रीत सिंह गंधोके उक्त रकम के बबाल में जो बेशर्मी दिखा रहे हैं, उसके पीछे राजा साबू की ही शह है - अन्यथा यह कतई संभव नहीं है कि राजा साबू सचमुच चाहें, और फिर भी मनप्रीत सिंह गंधोके रकम दबाए बैठे रहें । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लगता है कि राजा साबू दोहरा खेल खेल रहे हैं - कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में तो उन्होंने कह दिया कि वह मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम वापस दिलवायेंगे, लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके को भी संकेत दे दिया कि चुपचाप बैठो, बेशर्मी ओढ़े रहो - कोई आखिर क्या कर लेगा ? दरअसल, मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम बसूलने के मामले में अभी तक जो कुछ हुआ है, उसे एक 'ट्रेजिडी' के 'कॉमिक' बनते जा रहे किस्से के रूप में देखा जाने लगा है । इस मामले को देख रहे डिस्ट्रिक्ट के आम और खास लोगों को यह तो विश्वास हो चला है कि मनप्रीत सिंह गंधोके से रकम वापस लेने के मामले में राजा साबू और प्रवीन गोयल तो नाटक कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हैरानी इस बात की है कि जितेंद्र ढींगरा क्यों कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, और क्यों सिर्फ चेतावनी दे कर पीछे हट जा रहे हैं ?
मामला पिछले रोटरी वर्ष का है । एक ट्रेवल एजेंसी के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट द्वारा उपभोक्ता अदालत में किए गए केस में फैसला डिस्ट्रिक्ट के पक्ष में हुआ, जिसके चलते डिस्ट्रिक्ट एकाउंट में 14 लाख 95 हजार 978 रुपए आए । उक्त केस मनप्रीत सिंह गंधोके के गवर्नर वर्ष में हुआ था । मनप्रीत सिंह गंधोके ने तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल को बताया कि जिस रकम पर ट्रेवल एजेंसी के साथ विवाद था, वह रकम उन्होंने अपने निजी एकाउंट से दी थी, इसलिए उक्त रकम पर उनका अधिकार है और वह उन्हें मिलनी चाहिए । प्रवीन गोयल इतने 'भोले' हैं कि मनप्रीत सिंह गंधोके ने उनसे कहा और उन्होंने बिना सच्चाई को जाने/समझे फटाक से उक्त रकम का चेक मनप्रीत सिंह गंधोके को दे दिया, जिसके बाद उक्त रकम डिस्ट्रिक्ट एकाउंट से मनप्रीत सिंह गंधोके के एकाउंट में चली गई । यह काम इतने आनन-फानन में हुआ कि प्रवीन गोयल की भूमिका भी संदेह और आरोपों की शिकार बनी । बाद में जैसे ही इस बात का पता चला, तब बबाल मचा । कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में पूर्व गवर्नर टीके रूबी ने दावा किया कि इस रकम पर मनप्रीत सिंह गंधोके का दावा सरासर झूठ और धोखा है, तथा वास्तव में यह रकम रोटेरियंस की है, जिन्होंने बैंकॉक में होने वाली इंटरनेशनल कन्वेंशन में शामिल होने के लिए इसे जमा करवाया था । टीके रूबी ने चुनौती दी कि मनप्रीत सिंह गंधोके साबित करें कि यह रकम उन्होंने अपने किसी निजी एकाउंट से दी है । भेद खुला तो प्रवीन गोयल ने मासूमियत की चादर ओढ़ ली कि उन्हें तो बात का पता ही नहीं था, और मनप्रीत सिंह गंधोके ने उनसे जो कहा, उसे उन्होंने सच मान लिया । टीके रूबी द्वारा सच्चाई बताने तथा चुनौती देने के बाद से मनप्रीत सिंह गंधोके ने चुप्पी साध ली है, और वह उक्त रकम वापस करने संबंधी ईमेल संदेशों का जबाव भी नहीं दे रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जितेंद्र ढींगरा इस मामले में इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या से मदद माँग चुके हैं - लेकिन मनप्रीत सिंह गंधोके की बेशर्मी के सामने भरत पांड्या, राजा साबू सहित डिस्ट्रिक्ट 3080 की लीडरशिप की लाचारी ही सामने आ रही है ।