Wednesday, May 27, 2020

रोटरी इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी की, आयोजन की तारीख को आगे बढ़ा कर तथा 'विशेष नियुक्ति' के तहत सुभाष जैन को वाइस चेयरमैन बना कर कोच्ची इंस्टीट्यूट को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने की, कोशिश काम करेगी क्या ? 


नई दिल्ली । पहले कोच्ची इंस्टीट्यूट के आयोजन की तारीख को आगे बढ़ा कर और फिर आयोजन कमेटी में 'विशेष नियुक्ति' के तहत सुभाष जैन को वाइस चेयरमैन बना कर इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी ने कोरोना वायरस के प्रकोप से पैदा हुए हालात की काली छाया से इंस्टीट्यूट को बचाने की कार्रवाई तो शुरू कर दी है, लेकिन उनके नजदीकियों और शुभचिंतकों को भी लग रहा है कि कोच्ची इंस्टीट्यूट को लेकर कमल सांघवी ने जैसे जो सपने बुन रखे थे - उन पर ग्रहण तो लग ही चुका है । नजदीकियों और शुभचिंतकों का ही मानना और कहना है कि कमल सांघवी अब ज्यादा से ज्यादा यही कोशिश कर सकते हैं कि वह डैमेज को किसी भी तरह से कंट्रोल करें और इंस्टीट्यूट को अपने सपनों के अनुरूप न सही - उसके आसपास के स्तर का तो बना ही लें । कमल सांघवी कोच्ची इंस्टीट्यूट के कन्वेनर हैं और उन्हें रोटरी में 'शो-मैन' के रूप में देखा/पहचाना जाता है । इसीलिए लोगों को उम्मीद है कि कोच्ची इंस्टीट्यूट को 'बचाने' के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे । हाल ही में लिए गए अपने फैसलों के जरिये कमल सांघवी ने यह संकेत देने की ही कोशिश की है कि वह अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे और कोच्ची इंस्टीट्यूट को अपनी योजनानुसार ही आयोजित करने का प्रयास करेंगे । कमल सांघवी के नजदीकियों के अनुसार, इंस्टीट्यूट की तैयारी कमेटी में वह अभी कुछेक लोगों को और शामिल कर सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि कोच्ची इंस्टीट्यूट के आयोजन को लेकर कमल सांघवी ने अपने जोश और उत्साह का नजारा इंदौर इंस्टीट्यूट में ही दिखा दिया था । वहाँ कोच्ची इंस्टीट्यूट बूथ बनाया गया था, जिसमें केरल की परंपरागत नाव को प्रदर्शित किया गया था, जिसे केरल के विभिन्न मसालों और नारियल से सजाया गया था । इस बूथ का उद्घाटन इंटरनेशनल प्रेसीडेंट मार्क मलोनी ने किया था । कोच्ची इंस्टीट्यूट को प्रमोट करने के लिए वहाँ केरल की पोशाक पहन कर रोटरी के बड़े पदाधिकारियों ने अपनी अपनी जीवनसंगिनि के साथ एक मलयालम गीत पर नृत्य भी प्रस्तुत किया था । इस तरह की प्रस्तुतियों के जरिये कमल सांघवी ने दरअसल दिखाया/जताया था कि कोच्ची इंस्टीट्यूट कितना रंग-भरा, उमंग-भरा और भव्य होगा । किसी इंस्टीट्यूट में अगले इंस्टीट्यूट के नजारे का ऐसा संकेत इससे पहले शायद ही कभी दिखा या दिखाया गया हो । कमल सांघवी ने इंदौर इंस्टीट्यूट में कोच्ची इंस्टीट्यूट की तैयारियों का खाका भी प्रस्तुत कर दिया था और अपनी टीम के प्रमुख पदाधिकारियों के नाम की घोषणा भी कर दी थी । कोरोना वायरस के प्रकोप से बने हालात ने लेकिन उनकी योजना पर ग्रहण लगा दिया ।
कोच्ची इंस्टीट्यूट को कोरोना वायरस के ग्रहण से बचाने के लिए कमल सांघवी ने पहले तो इंस्टीट्यूट के आयोजन की तारीख को आगे बढ़ाया । 26 से 28 नवंबर 2020 को होने वाले कोच्ची इंस्टीट्यूट को आगे बढ़ा कर, 15 से 17 जनवरी 2021 को करने की घोषणा की गई है । इस घोषणा के कुछ ही दिन बाद उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3012 के निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन को इंस्टीट्यूट की कमेटी में दूसरा वाइस चेयरमैन बनाने की घोषणा की है । अभी तक कमेटी में एक ही वाइस चेयरमैन थे, और वह थे अनुरुद्ध रॉय चौधरी । सुभाष जैन की नियुक्ति को उन्होंने 'विशेष नियुक्ति' कहा है और विश्वास व्यक्त किया है कि सुभाष जैन की सक्रियता कोच्ची इंस्टीट्यूट के आयोजन को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगी । कमल सांघवी की कोच्ची इंस्टीट्यूट की टीम में सुभाष जैन ही सबसे 'युवा गवर्नर' हैं - वह अभी पिछले वर्ष ही गवर्नर थे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुभाष जैन द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रमों ने भव्यता, रोमांच और लोगों की भागीदारी को लेकर जिस तरह के रिकॉर्ड बनाये - संभवतः उनकी ख्याति ने ही उन्हें इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन के पद पर 'जल्दी से' पहुँचाने का काम किया है । दरअसल अपने कार्यक्रमों की प्रशंसा की बदौलत ही सुभाष जैन को उत्तर भारत के डिस्ट्रिक्ट्स में हाल के वर्षों में सामने आने वाली लीडरशिप में सबसे ऊर्जावान लीडर के रूप में देखा/पहचाना गया है । देखना दिलचस्प होगा कि कोच्ची इंस्टीट्यूट को कोरोना वायरस के प्रकोप से बने हालात का शिकार बनने से बचाने के लिए कमल सांघवी और क्या क्या उपाये करते हैं, तथा उनका क्या नतीजा निकलता है ?