Friday, May 29, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में दीपक तलवार तथा तेजपाल खिल्लन की दूसरे नंबर पर आने की कोशिशों ने मल्टीपल के राजनीतिक समीकरणों में बड़े उलटफेर के संकेत दिए और पूर्व प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल की मुसीबतों को बढ़ाया

नई दिल्ली । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में छिड़ी लड़ाई में तीन में से दो उम्मीदवारों - दीपक तलवार और तेजपाल खिल्लन ने जिस तरह से अपनी कोशिशें अपने आप को दूसरे नंबर पर लाने/रखने तक टिका दी हैं, उसके चलते मल्टीपल का चुनावी परिदृश्य खासा रोमांचपूर्ण हो गया है । दअरसल इन्हें लग गया है कि इनके लिए चुनाव जीतना तो मुश्किल क्या, असंभव ही है और ऐसे में यह दूसरे नंबर पर आकर मल्टीपल में अपनी राजनीतिक इज्जत बचा सकते हैं । इस स्थिति ने तीसरे उम्मीदवार जितेंद्र चौहान को बड़ी राहत पहुँचाई है । किसी भी उम्मीदवार के लिए इससे बड़ा वरदान और भला क्या होगा कि उसके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार उससे लड़ने की बजाये आपस में ही लड़ने लगें । जितेंद्र चौहान और उनके समर्थकों का यह डर भी कुछ हद तक दूर हुआ लग रहा है, जिसमें कानूनी दाँवपेंच के जरिये चुनाव को रद्द करवाने की आशंका है । मजे की बात यह है कि दीपक तलवार तथा तेजपाल खिल्लन और इन दोनों के समर्थक अभी तक चुनाव को रद्द करवाने के लिए तरह तरह के प्रपंच रच रहे थे; लेकिन अब इन्होंने वोट जुटाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं । चुनाव रद्द करने/करवाने के लिए जो जो तर्क दिए गए, मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय मित्तल ने जिस सफाई, बेबाकी और पारदर्शिता के साथ उनके जबाव दिए - उससे दबाव बना कर चुनाव रद्द करवाने की योजना विफल हो गई है, और अब सभी को चुनाव में जुटना पड़ रहा है ।
असल में, इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव रद्द करवाने की कोशिशों के चलते दीपक तलवार और तेजपाल खिल्लन तथा इन दोनों के समर्थक नेताओं की मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में इतनी बदनामी हो चुकी है, कि इन्हें अब चुनाव लड़ने में ही अपनी भलाई नजर आ रही है । दीपक तलवार की तरफ से पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना ने चुनाव रद्द करवाने को लेकर मोर्चा खोला हुआ था - लेकिन अब उनकी कोशिश है कि दीपक तलवार को तेजपाल खिल्लन से ज्यादा वोट तो मिलें ही । दीपक तलवार यदि तीसरे नंबर पर रहे, तो दीपक तलवार का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा - विनोद खन्ना की सारी राजनीति चौपट जरूर हो जाएगी । दूसरी तरफ, मौजूदा परिस्थिति में तेजपाल खिल्लन को यह मौका दिख रहा है कि वह दीपक तलवार से ज्यादा वोट लेकर अपने आप को मल्टीपल में विनोद खन्ना से बड़ा नेता साबित कर सकें । दरअसल इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के चक्कर में विनोद खन्ना की पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल के साथ जो दूरी बनी है, उस दूरी में अपने आप को फिट करने के लिए तेजपाल खिल्लन को दीपक तलवार से ज्यादा वोट पाना जरूरी लग रहा है ।
मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद को लेकर छिड़ी लड़ाई ने नरेश अग्रवाल को भारी मुसीबत में फँसा दिया है । परिवार के बड़े बुजुर्ग के रूप में वह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चक्कर में मल्टीपल का माहौल न बिगड़े - लेकिन कोई भी उनकी सुन ही नहीं रहा है । नरेश अग्रवाल के लिए सबसे बड़े झटके की बात यह हुई है कि इस चुनावी चक्कर में उनके सबसे खास विनोद खन्ना ही उनसे दूर हो गए हैं । विनोद खन्ना के नजदीकियों का कहना है कि विनोद खन्ना इस बात पर उखड़ गए कि जितेंद्र चौहान को इंटरनेशनल डायरेक्टर बनाने की 'योजना' से पहले तो उन्हें अलग-थलग रखा गया और फिर जितेंद्र चौहान की तरफ से प्रचारित किया गया कि विनोद खन्ना के पास विकल्प ही क्या होगा - तेजपाल खिल्लन के साथ तो वह जायेंगे नहीं, और अंततः उनके समर्थन में ही आने के लिए मजबूर होंगे । इससे ही नाराज होकर विनोद खन्ना ने दीपक तलवार को उम्मीदवार बना/बनवा दिया । नरेश अग्रवाल ने दीपक तलवार की उम्मीदवारी वापस करवाने के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से कई प्रयास कर लिए हैं, लेकिन विनोद खन्ना के रवैये के चलते उनके प्रयास विफल ही हुए हैं । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए छिड़े/बने चुनावी चक्कर ने प्रत्येक पक्ष को इस तरह 'घेर' लिया है कि मामला हार-जीत से बड़ा हो गया है, और जो मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के राजनीतिक समीकरणों पर गुणात्मक असर डालेगा ।