Sunday, January 19, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी को समर्थन के मुद्दे पर मुकेश गोयल को अपने ही समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है

गाजियाबाद । मुकेश गोयल ने अपनी मुश्किलों से उबरने के लिए शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करने का जो फैसला किया, वह अपना उल्टा असर दिखा रहा है । दरअसल मुकेश गोयल के कई समर्थक और नजदीकी ही उनके इस फैसले को पचा नहीं पा रहे हैं । शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी को समर्थन के मुद्दे पर मुकेश गोयल अपने ही लोगों के बीच जैसे घिर गए हैं और अलग-थलग पड़ गए हैं । अपने ही लोगों के बीच अलग-थलग दिखाई पड़ने की बात को छिपाये रखने के लिए ही मुकेश गोयल को शामली में आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग में अपने आप को अनुपस्थित रखने के लिए मजबूर होना पड़ा । मुकेश गोयल को सबसे तगड़ा झटका तो सुनील जैन और सुनील निगम की तरफ से लगा है । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील जैन और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील निगम अभी तक मुकेश गोयल के साथ ही थे, लेकिन शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी के मुद्दे पर इन्होँने अलग राग ही छेड़ दिया है । मुकेश गोयल के अन्य प्रमुख सहयोगी और साथी भी शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन को आत्मघाती कदम मान रहे हैं ।
मुकेश गोयल के समर्थकों और नजदीकियों का ही कहना है कि शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करके मुकेश गोयल ने सबसे पहले तो अगले दो वर्षों में सत्ता में होने और सत्ता को चलाने का अवसर खो दिया है । उम्मीद थी और इंतजार किया जा रहा था कि पहले सुनील जैन के और फिर सुनील निगम के गवर्नर-काल में मुकेश गोयल का ही राज-पाट चलेगा और तब मुकेश गोयल से जुड़े लोगों को सत्ता में होने का सुख प्राप्त होगा । शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करके मुकेश गोयल ने लेकिन यह मौका खो दिया है । मुकेश गोयल के समर्थकों और नजदीकियों के बीच इसीलिये उनके इस फैसले को लेकर निराशा और विरोध का भाव है । मुकेश गोयल के समर्थकों और नजदीकियों का यह भी कहना है कि डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच शिव कुमार चौधरी की जिस तरह की सक्रियता रही है और उनकी जिस तरह की ' पहचान' है, उसके चलते सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव जीतना उनके लिए मुश्किल ही होगा; लेकिन यदि वह जीत भी गए तो यह तो तय है कि वह मुकेश गोयल के साथ नहीं रहेंगे । इन्हीं तर्कों के साथ मुकेश गोयल के समर्थकों और नजदीकियों का उनसे कहना है कि शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करना हर तरह से घाटे का सौदा है - जिसमें मिलना कुछ नहीं है, सिर्फ खोना ही खोना है ।
मुकेश गोयल को उनके ही समर्थक और नजदीकी याद दिला रहे हैं कि शिव कुमार चौधरी अभी कल तक उन्हें बुरा-भला कहते रहे हैं और सार्वजनिक रूप से उन्हें इग्नोर व अपमानित करते रहे हैं; अभी कल तक शिव कुमार चौधरी दूसरे खेमे के नेताओं का समर्थन प्राप्त करने का ही प्रयास कर रहे थे - लेकिन चूँकि दूसरे खेमे के नेताओं के यहाँ उनकी दाल नहीं गली, इसलिए वह अब उनकी शरण में आये हैं । समर्थकों और नजदीकियों का कहना है कि हम एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो कल तक हमारा नहीं था और आगे भी जिसके हमारे साथ रहने की कोई उम्मीद नहीं है, उन लोगों को क्यों छोड़ दें तो हमारे साथ रहे हैं और जिनके आगे भी हमारे साथ रहने की उम्मीदें हैं । मुकेश गोयल के पास अपने ही समर्थकों और नजदीकियों के इन सवालों के कोई जबाव नहीं हैं, इसीलिये वह अपने समर्थकों और नजदीकियों को अपने फैसले के प्रति राजी नहीं कर पा रहे हैं । मुकेश गोयल इसीलिये शामली में आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग में शामिल होने नहीं पहुँचे, ताकि दूसरों को अपने ही समर्थकों व नजदीकियों के बीच अलग-थलग पड़ते हुए न दिखाई दें । मुकेश गोयल को हालाँकि उम्मीद है कि वह अपने समर्थकों व नजदीकियों को समझा लेंगे और उनके समर्थक उनके फैसले को स्वीकार कर लेंगे । मजे की बात यह है कि मुकेश गोयल के समर्थक भी इस उम्मीद से हैं कि मुकेश गोयल को जल्दी ही समझ में आ जायेगा कि शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन करके उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है ।
मुकेश गोयल अपने राजनीतिक जीवन में सचमुच पहली बार ऐसे फँसे हैं, जहाँ पहले उन्हें अपने ही समर्थकों और नजदीकियों से निपटना है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी को लेकर मुकेश गोयल और उनके समर्थकों के बीच जिस तरह की दूरियाँ बनी हैं, उसके चलते इस बार की सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी लड़ाई खासी दिलचस्प हो गई है ।