मुरादाबाद/मेरठ । ललित मोहन गुप्ता ने सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिसलेशन) के लिए प्रस्तुत अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु जो संपर्क अभियान छेड़ा है, उसने
मुरादाबाद के उन पूर्व गवर्नर्स के सामने अजीब-सा धर्मसंकट खड़ा कर दिया
है, जो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी
के समर्थन में हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए दिवाकर
अग्रवाल की उम्मीदवारी को चूँकि मेरठ के क्लब्स का लगभग एकतरफा समर्थन मिल
रहा है, जिसके बदले में मेरठ के क्लब्स दिवाकर अग्रवाल के समर्थकों से
सीओएल के चुनाव में योगेश मोहन गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए समर्थन मांग
रहे हैं । दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी के मुरादाबाद के समर्थकों के सामने समस्या यह आ खड़ी हुई है कि सीओएल के चुनाव में ललित मोहन गुप्ता मुरादाबाद को संगठित रूप से खड़े करने/दिखाने का आह्वान कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट के किसी भी आयोजन में - वह आयोजन चाहें चुनाव ही क्यों न हो - मुरादाबाद अमूमन एकसाथ खड़ा दिखता भी रहा है । कभी-कभार मुरादाबाद यदि विभाजित हुआ भी है - जैसे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर इस बार वह है - तो सिर्फ उन्हीं मौकों पर जब मुरादाबाद के ही दो लोग आमने-सामने आ खड़े हुए हों । किसी बाहर वाले के लिए मुरादाबाद के लोगों ने अपने बीच के विश्वास और साथ-सहयोग को कभी ख़त्म नहीं किया है ।
रहे हैं । दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी के मुरादाबाद के समर्थकों के सामने समस्या यह आ खड़ी हुई है कि सीओएल के चुनाव में ललित मोहन गुप्ता मुरादाबाद को संगठित रूप से खड़े करने/दिखाने का आह्वान कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट के किसी भी आयोजन में - वह आयोजन चाहें चुनाव ही क्यों न हो - मुरादाबाद अमूमन एकसाथ खड़ा दिखता भी रहा है । कभी-कभार मुरादाबाद यदि विभाजित हुआ भी है - जैसे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर इस बार वह है - तो सिर्फ उन्हीं मौकों पर जब मुरादाबाद के ही दो लोग आमने-सामने आ खड़े हुए हों । किसी बाहर वाले के लिए मुरादाबाद के लोगों ने अपने बीच के विश्वास और साथ-सहयोग को कभी ख़त्म नहीं किया है ।
यह ठीक है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर मुरादाबाद मौजूदा रोटरी वर्ष में पहले से ही विभाजित है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में जहाँ तक दो उम्मीदवारों के बीच के मुकाबले का संदर्भ है तो उसके कारण विभाजन बहुत ज्यादा नहीं है । डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर नॉमिनी पद के एक उम्मीदवार - दीपक बाबू ने चूँकि लोगों के बीच कोई
काम ही नहीं किया, इसलिए मुरादाबाद में उनके लिए सिर्फ उन्हीं लोगों का
समर्थन है जो प्रोफेशन या रिश्तेदारी के चलते उनसे जुड़े हुए हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दूसरे उम्मीदवार - दिवाकर अग्रवाल से किसी कारण से विरोध का भाव रहने वाले कुछेक लोगों का भी समर्थन दीपक बाबू को मिल सकता है । दीपक बाबू एक उम्मीदवार के रूप में
मुरादाबाद के लोगों का समर्थन जुटाने में चूँकि असफल होते हुए दिख रहे हैं,
इसलिए मुरादाबाद से दो उम्मीदवार होने के बावजूद मुरादाबाद के रोटेरियंस
के बीच कोई विशेष तनाव या घमासान मचता हुआ नहीं नजर आ रहा है । दरअसल
इसीलिए ललित मोहन गुप्ता को उम्मीद है कि मुरादाबाद सीओएल के लिए प्रस्तुत
उनकी उम्मीदवारी का पूरी एकजुटता के साथ उनका समर्थन करेगा तथा बाकी शहरों
और कस्बों में भी समर्थन जुटाने के लिए काम करेगा । सीओएल के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने का काम पहले पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की नोमीनेटिंग कमेटी को 18 जनवरी को करना है, इसलिए ललित मोहन गुप्ता ने उनके बीच समर्थन जुटाने का अभियान शुरू किया है ।
सीओएल
के चुनाव को लेकर ललित मोहन गुप्ता के पास तुरुप का जो इक्का है, वह यह
तर्क है कि सीओएल में पहले जो लोग जा चुके हैं उनके अलावा जो लोग सीओएल में
जाना चाहते हैं उन्हें मौका मिलना चाहिए । इस तर्क के जरिये ललित मोहन
गुप्ता ने दरअसल योगेश मोहन गुप्ता की उम्मीदवारी को निशाने पर लिया है ।
उल्लेखनीय है कि योगेश मोहन गुप्ता पिछली बार ही सीओएल में गए थे और अब वह
दोबारा सीओएल में जाने के लिए ताल ठोंक रहे हैं । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि सीओएल में
डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व कर चुके बृज भूषण भी इस बार फिर अपनी
उम्मीदवारी पेश कर चुके थे, लेकिन ललित मोहन गुप्ता के साथ-साथ जब दूसरे कई
लोगों ने यह सवाल उठाया कि जो लोग सीओएल में जा चुके हैं, वही बार-बार
क्यों सीओएल में जाने वालों की लाइन में खड़े हो जाते हैं - तो बृज भूषण ने
अपनी उम्मीदवारी को तुरंत से वापस ले लिया । बृज भूषण को शायद इस बात पर शर्म आई होगी
कि लोग उन्हें सत्तालोलुप समझें । योगेश मोहन गुप्ता लेकिन इस तरह की बातों
पर शर्म-वर्म के पचड़े में नहीं पड़ते, इसलिए वह तो दोबारा से सीओएल में
जाने की लाइन में लग गए हैं ।
योगेश मोहन गुप्ता ने ऐलान कर दिया है कि वह यदि नोमीनेटिंग कमेटी द्धारा अधिकृत उम्मीदवार नहीं चुने गए, तो फिर वह अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करेंगे । योगेश
मोहन गुप्ता का मानना और कहना है कि चुनाव जीतने का 'हुनर' उन्हें आता है,
इसलिए वह किसी भी चुनाव का सामना करने के लिए तैयार हैं । योगेश मोहन
गुप्ता के नजदीकियों का हालाँकि दावा है कि नोमीनेटिंग कमेटी का फैसला
योगेश मोहन गुप्ता के पक्ष में ही आयेगा और वही अधिकृत उम्मीदवार चुने
जायेंगे । मजे की बात यह है कि योगेश मोहन गुप्ता लगातार दूसरी बार सीओएल में जाने के लिए 'तैयार' तो
हो रहे हैं, लेकिन इसके लिए समर्थन जुटाने वास्ते लोगों के बीच जाने से बच
रहे हैं । दरअसल उन्हें डर इस बात का है कि लोग जब उनसे पूछेंगे कि सीओएल
में वह बार-बार क्यों जाना चाहते हैं, तो वह क्या जबाव देंगे ? योगेश
मोहन गुप्ता को भरोसा है कि लोगों के बीच जाये बिना, लोगों के सवाल का जबाव
दिए बिना, जोड़-तोड़ और तिकड़मों से वह सीओएल में दोबारा से जाने का रास्ता
बना ही लेंगे । योगेश मोहन गुप्ता ने अपने भरोसे के बीच अपनी जिस कमजोरी को
उद्घाटित किया है, ललित मोहन गुप्ता ने उनकी उसी 'कमजोरी' में अपने लिए संभावना देखी/पहचानी है और इसीलिए उन्होंने मुद्दा बनाया है कि सीओएल में डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व किसी नए को करना चाहिए ।