गाजियाबाद । शिव कुमार चौधरी को मुकेश गोयल के दरबार में समर्पण करने के लिए अंततः मजबूर होना ही पड़ा है । कल
तक मुकेश गोयल को हर जगह भला-बुरा कहने वाले शिव कुमार चौधरी की मुकेश
गोयल के घर मुकेश गोयल के साथ बैठे होने की तस्वीरें वाट्स अप पर उपलब्ध
करवा कर अब यह संदेश दिया जा रहा है कि मुकेश गोयल ने शिव कुमार चौधरी को
अपने उम्मीदवार के रूप में मान्यता दे दी है । मुकेश गोयल के घर हुई मीटिंग के एक प्रत्यक्षदर्शी ने इन पँक्तियों के लेखक को बताया कि अभी तक खुद को कुञ्ज बिहारी अग्रवाल का उम्मीदवार बताने वाले शिव कुमार चौधरी ने मुकेश गोयल को भरोसा दिया है कि उनकी उम्मीदवारी के नेता वही होंगे और उनके कहे अनुसार ही वह आगे काम करेंगे ।
शिव कुमार चौधरी की इस कलाबाजी ने सभी को चौंकाया है - क्योंकि
अभी तक शिव कुमार चौधरी लोगों को यही कहते/बताते थे कि उन्हें तो दूसरे
खेमे के नेताओं ने समर्थन दे दिया है और वह मुकेश गोयल से तो दूर ही रहेंगे
। शिव कुमार चौधरी सिर्फ यह कहते ही नहीं थे, बल्कि मुकेश गोयल को
इग्नोर करने का खुलेआम प्रदर्शन भी करते थे । वह कहते भी थे कि वह पप्पू
भाई और राजीव अग्रवाल को अपने साथ तो सिर्फ इसीलिए रखते हैं ताकि मुकेश
गोयल को चिढ़ा सकें । कल तक मुकेश गोयल को इग्नोर और अपमानित करने के
मौकों की तलाश में रहने वाले शिव कुमार चौधरी अब मुकेश गोयल की शरण में आने
के लिए आखिर क्यों मजबूर हो गए ?
शिव कुमार चौधरी दरअसल दावा तो करते थे कि उनकी उम्मीदवारी को दूसरे खेमे का समर्थन मिल गया है, लेकिन दूसरे खेमे के नेताओं के बीच उनकी उम्मीदवारी को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी । दूसरे
खेमे के कई नेताओं का साफ कहना रहा कि शिव कुमार चौधरी को अभी कुछ वर्ष
काम करना चाहिए तथा लोगों के साथ व्यवहार करना सीखना चाहिए और तब
उम्मीदवारी प्रस्तुत करना चाहिए । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनीता गुप्ता ने जरूर उनके साथ रियायत बरती और कुछ वर्ष नहीं, सिर्फ दो महीने का समय दिया कि वह अपने तौर-तरीके में सुधार
करें तो उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया जा सकता है । इस बात का पता तो
नहीं चल पाया है कि शिव कुमार चौधरी ने अनीता गुप्ता की रियायत को गंभीरता
से लिया या नहीं; लेकिन इस बात का पता लोगों को जरूर चल गया कि अनीता
गुप्ता ने शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया और
उन्होंने अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी का झंडा उठा लिया । अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी को एक तरफ तो दूसरे खेमे के दो बड़े नेताओं - आरसी जैन और एसएन मित्तल का समर्थन मिल गया और दूसरी तरफ मुकेश गोयल खेमे के सुनील जैन का समर्थन मिल गया ।
दूसरे खेमे के एक बड़े नेता कुञ्ज बिहारी अग्रवाल अभी भी हालाँकि शिव कुमार
चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन में बताये जा रहे थे, लेकिन शिव कुमार
चौधरी ने समझ लिया था कि कुञ्ज बिहारी अग्रवाल के भरोसे उनके लिए सेकेंड
वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनना मुश्किल ही नहीं, असंभव ही होगा । ऐसे में, शिव कुमार चौधरी के सामने मुकेश गोयल की शरण में आने के अलावा और कोई चारा ही नहीं बचा था ।
मुकेश
गोयल की शरण में आने के बाद भी शिव कुमार चौधरी के लिए मुश्किलें लेकिन कम
होती हुई नजर नहीं आ रही हैं । इसका कारण यह है कि मुकेश गोयल ने भले ही
उन्हें उम्मीदवार के रूप में स्वीकार कर लिया हो, लेकिन मुकेश गोयल के कई
साथियों/सहयोगियों ने मुकेश गोयल के इस फैसले को पसंद नहीं नहीं किया है । मुकेश गोयल के ऐसे
साथियों/सहयोगियों में कुछ तो शिव कुमार चौधरी के व्यवहार और तौर-तरीके से
पीड़ित हैं और कुछेक को लगता है कि शिव कुमार चौधरी का समर्थन करके मुकेश
गोयल धोखा ही खायेंगे । मुकेश गोयल की टीम पहले से ही छिन्न-भिन्न है -
शिव कुमार चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन के मुद्दे पर मुकेश गोयल की टीम
के सदस्यों के बिदकने से मुकेश गोयल का समर्थन-आधार और कमजोर ही होगा ।
मुकेश गोयल का कमजोर पड़ता समर्थन-आधार शिव कुमार चौधरी के कितना और कैसे
काम आएगा - इसे समझना और इससे उबरना शिव कुमार चौधरी के लिए एक बड़ी चुनौती
है ।