Friday, January 3, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में पिछले वर्ष विशाल सिन्हा को हरवाने में दिन-रात एक कर देने और विशाल सिन्हा के हारने पर झूम के नाचने वाले वाले केएस लूथरा इस वर्ष उन्हीं विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे क्या ?

लखनऊ । विशाल सिन्हा को केएस लूथरा के समर्थन का दावा करके गुरनाम सिंह ने केएस लूथरा के लिए डिस्ट्रिक्ट में भारी मुसीबत खड़ी कर दी है । डिस्ट्रिक्ट में केएस लूथरा के समर्थकों के लिए गुरनाम सिंह के इस दावे पर यकीन करना असंभव बना हुआ है । केएस लूथरा के समर्थकों के लिए ही नहीं, डिस्ट्रिक्ट के दूसरे लोगों के लिए भी इस बात पर विश्वास करना इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि केएस लूथरा ने पिछले लायन वर्ष में ही गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के खिलाफ गंभीर अभियान चलाया था और इन्हें चुनावी पटखनी देने का असंभव-सा काम संभव कर दिखाया था । केएस लूथरा कुछ महीने पहले तक डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच गुरनाम सिंह की मनमानी और उनकी चौधराहट को डिस्ट्रिक्ट से हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर देने का आह्वान कर रहे थे । उनके आह्वान और गुरनाम सिंह के खिलाफ चलाये गए अभियान के दौरान की गईं उनकी बातें लोगों के जहन में चूँकि अभी तक भी ताजा हैं, इसलिए किसी के लिए भी गुरनाम सिंह के इस दावे पर यकीन करना संभव नहीं हो रहा है कि पिछले लायन वर्ष में विशाल सिन्हा को हरवाने में दिन-रात एक कर देने वाले और विशाल सिन्हा के हारने पर झूम के नाचने वाले वाले केएस लूथरा इस वर्ष उन्हीं विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे ।
गुरनाम सिंह भी जानते हैं कि डिस्ट्रिक्ट में लोग उनकी इस बात का विश्वास नहीं करेंगे, इसीलिए उन्होंने कुछ लोगों को केएस लूथरा से फोन करवाये । जिन लोगों को गुरनाम सिंह के दावे को सच साबित करता हुआ केएस लूथरा का फोन मिला, वह पहले तो हैरान हुए - लेकिन फिर इसे गुरनाम सिंह की कलाकारी के रूप में पहचानते/समझते हुए इसे अनदेखा किया । डिस्ट्रिक्ट में लोग अब गुरनाम सिंह की इस तरकीब को जान/पहचान गए हैं - कि गुरनाम सिंह अपने सामने अपने मतलब के फोन करवाने का काम करते हैं । सामने-सामने हर किसी के लिए गुरनाम सिंह के आग्रह को टालना संभव भी नहीं होता है । इसीलिये केएस लूथरा का फोन सुनने वाले लोगों ने भी माना/समझा कि उन्होंने जो फोन सुना वह केएस लूथरा ने उन्हें किया नहीं है, बल्कि गुरनाम ने केएस लूथरा से करवाया है ।
सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी को केएस लूथरा के समर्थन का गुरनाम सिंह का दावा लोगों के गले नहीं उतर रहा है तो इसका कारण सिर्फ यही नहीं है कि केएस लूथरा पिछले लायन वर्ष में विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी के खिलाफ थे; इसका कारण बल्कि यह है कि डिस्ट्रिक्ट में हर कोई इस बात को जानता है कि गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने केएस लूथरा को किस हद तक परेशान और अपमानित किया है । गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने केएस लूथरा के लिए किस किस तरह की बातें कीं और किस किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया - इसे डिस्ट्रिक्ट में हर व्यक्ति जानता है; और इसीलिये किसी को भी इस बात का विश्वास नहीं हो रहा है कि केएस लूथरा किसी भी तरह से गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के साथ जा सकेंगे । केएस लूथरा के नजदीकियों का कहना है कि गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने जिस तरह का व्यवहार केएस लूथरा के साथ किया है और केएस लूथरा ने जिस तरह का अभियान उनके खिलाफ चलाया है - उसके बाद केएस लूथरा यदि उनके साथ हो जाते हैं तो लोगों के बीच बनी हुई अपनी सारी साख और प्रतिष्ठा को हमेशा हमेशा के लिए खो देंगे; डिस्ट्रिक्ट में फिर कोई केएस लूथरा की किसी भी बात का कभी विश्वास नहीं करेगा ।
केएस लूथरा के नजदीकियों का मानना और कहना है कि केएस लूथरा भी इस बात को अच्छी तरह जानते/समझते हैं कि अपना काम निकाल लेने के बाद गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा उन्हें दोबारा से दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेकेंगे । गुरनाम सिंह को केएस लूथरा से ज्यादा भला और कौन जान/समझ सकता है ? उल्लेखनीय है कि केएस लूथरा एक समय गुरनाम सिंह के बड़े खास हुआ करते थे - लेकिन फिर भी वह गुरनाम सिंह के कोप से नहीं बच पाये और उनके द्धारा ही नहीं, उनकी शह पर विशाल सिन्हा के द्धारा भी बुरी तरह परेशान और अपमानित किये गए । केएस लूथरा के नजदीकियों का कहना है कि अभी गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा अपना काम निकालने के लिए भले ही केएस लूथरा को पटाने तथा अपनी तरफ करने का प्रयास कर रहे हों - लेकिन काम निकलने के बाद वह केएस लूथरा के साथ फिर वैसा ही सुलूक करेंगे जैसा कि पीछे उन्होंने किया था ।
केएस लूथरा के नजदीकियों को यह भी लगता है कि गुरनाम सिंह ने केएस लूथरा को हमेशा के लिए निपटा देने के उद्देश्य से ही उन्हें मनाने/पटाने का नाटक रचा है । दरअसल केएस लूथरा को गुरनाम सिंह ने अपने सबसे खतरनाक विरोधी के रूप में पहचाना है । यह सच है कि गुरनाम सिंह ने सबसे ज्यादा ऐसी-तैसी केएस लूथरा की ही की है, लेकिन सच यह भी है कि केएस लूथरा ने भी तुरंत ही उनसे बदला भी ले लिया । गुरनाम सिंह समझ रहे हैं कि केएस लूथरा को लड़ कर नहीं, 'दोस्ती' करके ही निपटाया जा सकता है - लिहाजा उन्होंने केएस लूथरा से दोस्ती करने तथा उन्हें अपने साथ लाने का अभियान छेड़ दिया है । गुरनाम सिंह जानते हैं कि केएस लूथरा उनके साथ आ गए तो फिर डिस्ट्रिक्ट में केएस लूथरा अपने लोगों का विश्वास खो देंगे और फिर कोई भी उनका उस तरह से साथ नहीं देगा, जैसा कि पिछले वर्ष केएस लूथरा को मिला था । और इस तरह केएस लूथरा अपने समर्थन आधार को पूरी तरह खो देंगे और तब गुरनाम सिंह का पिछले वर्ष का बदला भी पूरा हो जायेगा ।
केएस लूथरा भी लगता है कि गुरनाम सिंह के इस खेल को समझ/पहचान रहे हैं और इसीलिए वह उस तरह से सक्रिय नहीं हो रहे हैं जैसे कि गुरनाम सिंह चाहते हैं । गुरनाम सिंह ने जबर्दस्ती उनसे जिन लोगों को फोन करवा लिए, उन्होंने सिर्फ उन्हीं लोगों को फोन किया है । इस तरह, केएस लूथरा ने अभी अपनी तरफ से विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया है । लगता है कि वह भी समझ रहे हैं कि पिछले वर्ष उन्होंने जिस तरह से गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के खिलाफ अभियान चलाया था, उसके चलते उनके सामने सचमुच यह खतरा है कि गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के समर्थन में आने पर लोगों के बीच बना हुआ उनका भरोसा ख़त्म हो जायेगा और तब डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में उनका दखल हमेशा हमेशा के लिए कमजोर हो जायेगा । केएस लूथरा भी जान/समझ रहे हैं कि उनके समर्थन के बावजूद विशाल सिन्हा का भला होगा या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा - लेकिन उनकी विश्वसनीयता का भट्टा अभी ही बैठ जायेगा । इसीलिये गुरनाम सिंह के दावे पर जो लोग भरोसा नहीं कर रहे हैं, उन्हें भरोसा दिलाने का केएस लूथरा अपनी तरफ से कोई प्रयास भी नहीं कर रहे हैं ।