Wednesday, January 29, 2014

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में उमेश चोपड़ा के साथ हुई अपनी बातचीत को तत्परता के साथ मुकेश अरनेजा तक पहुँचा कर जेके गौड़ ने अपनी 'ड्यूटी' निभाई

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी जेके गौड़ दूसरे लोगों को यह भरोसा दिलाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिसलेशन) के चुनाव को लेकर वह मुकेश अरनेजा और रमेश अग्रवाल के एजेंट के रूप में काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन उमेश चोपड़ा के साथ हुई अपनी बातचीत को उन्होंने जिस तत्परता के साथ मुकेश अरनेजा तक पहुँचाया - उससे साफ हुआ है कि जेके गौड़ मुकेश अरनेजा के लिए डाकिये का काम कर रहे हैं । मजे की बात यह हुई है कि खुद मुकेश अरनेजा ने ही कई लोगों के बीच यह दावा किया है कि जेके गौड़ से उन्हें पल पल की खबर मिलती रहती है । मुकेश अरनेजा ने ही लोगों को बताया कि उमेश चोपड़ा को भी यह जान कर आश्चर्य हुआ कि उनके (यानि उमेश चोपड़ा के) और जेके गौड़ के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा इतनी जल्दी उनतक (यानि मुकेश अरनेजा तक) कैसे पहुँच गया ? मुकेश अरनेजा ने उमेश चोपड़ा का आश्चर्य ख़त्म करते हुए उन्हें बताया कि जेके गौड़ आखिर उनका पक्का चेला है ।
मुकेश अरनेजा यूँ तो झूठ बोलने में बहुत एक्सपर्ट हैं, लेकिन जेके गौड़ को अपना पक्का चेला उन्होंने जिस घटनाक्रम के साथ बताया है, उससे उनका यह दावा सच लगता है । जेके गौड़ ने जो किया, दरअसल वह एक पक्का चेला ही कर सकता है ।
उल्लेखनीय है कि उमेश चोपड़ा ने सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिसलेशन) के चुनाव में गाजियाबाद की भूमिका को लेकर जेके गौड़ से बात की । उमेश चोपड़ा ने जेके गौड़ के साथ हुई इस बातचीत में दो-तीन मुद्दे उठाये : एक मुद्दा था कि दिल्ली के नेता गाजियाबाद के लोगों को इस्तेमाल करते हैं, जिससे गाजियाबाद के लोगों को बचना चाहिए; दूसरा मुद्दा था कि जेके गौड़ को गाजियाबाद के लोगों के साथ बातचीत करके गाजियाबाद का स्टैंड तय करना चाहिए; तीसरा मुद्दा यह था कि जेके गौड़ को किसी नेता या ग्रुप का सदस्य घोषित होने से बचना चाहिए; आदि-इत्यादि । जेके गौड़ ने उमेश चोपड़ा की बातों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया और अपनी सहमति ही व्यक्त की । जेके गौड़ ने उमेश चोपड़ा को आश्वस्त किया कि वह हर मुद्दे पर गाजियाबाद के लोगों के साथ ही हैं और रहेंगे । जेके गौड़ ने दावा किया कि सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिसलेशन) के चुनाव को लेकर उनके द्धारा रमेश अग्रवाल के लिए कॉन्करेंस और समर्थन जुटाने की कोशिशें करने की जो बातें कही जा रही हैं, वह झूठ हैं । जेके गौड़ ने साफ घोषणा की कि यदि कोई यह कह दे कि उन्होंने उससे या किसी से रमेश अग्रवाल को कॉन्करेंस देने या समर्थन देने की बात की है, तो वह रोटरी छोड़ देंगे ।
इस तरह की बातों, दावों और घोषणाओं को जो भी सुनेगा - निश्चित ही प्रभावित होगा । उमेश चोपड़ा भी हुए । उमेश चोपड़ा को लगा कि लोग नाहक ही बेचारे जेके गौड़ को बदनाम कर रहे हैं । यानि जेके गौड़ ने उमेश चोपड़ा के सामने जो नाटक दिखाया, वह हिट साबित हुआ ।
लेकिन मुकेश अरनेजा ने जेके गौड़ के इस नाटक की जल्दी ही पोल खोल दी । जेके गौड़ से उमेश चोपड़ा की हुई बातचीत को थोड़ा समय ही बीता था कि उमेश चोपड़ा को मुकेश अरनेजा का फोन आ पहुँचा, जिसमें यह शिकायत थी कि उमेश चोपड़ा बहुत राजनीति कर रहे हैं । मुकेश अरनेजा ने उन्हें बताया कि उन्होंने (यानि उमेश चोपड़ा ने) जेके गौड़ से जो कुछ भी कहा है, वह जेके गौड़ ने उन्हें (यानि मुकेश अरनेजा को) बता दिया है । यह सुन/जान कर उमेश चोपड़ा हतप्रभ रह गए । उनकी जेके गौड़ के साथ जो भी बात हुई थी, उसमें ऐसा कुछ था ही नहीं जिसे जेक गौड़ के लिए तुरंत मुकेश अरनेजा तक पहुँचाना जरूरी हो । उमेश चोपड़ा के लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि उनसे हुई बातचीत को तुरंत से मुकेश अरनेजा तक पहुँचाना जेके गौड़ के लिए आखिर जरूरी क्यों हुआ ?
उमेश चोपड़ा के लिए यह समझना भले ही मुश्किल हुआ हो, लेकिन मुकेश अरनेजा ने इसे समझाने में कोई देर नहीं की । मुकेश अरनेजा को जेके गौड़ से जैसे ही उमेश चोपड़ा से हुई बातचीत का ब्यौरा मिला, वैसे ही मुकेश अरनेजा ने पहले तो उमेश चोपड़ा से शिकायती बात की और फिर अन्य कई लोगों को बताया कि कैसे उन्होंने उमेश चोपड़ा को 'हड़काया' । मुकेश अरनेजा ने शिकायत के साथ लोगों को बताया कि जेके गौड़ से बात करते समय उमेश चोपड़ा यह कैसे भूल गए कि जेके गौड़ उनके जासूस हैं और उन्हें हर बात की खबर देते हैं ।
मुकेश अरनेजा ने क्या कहा, इसे अगर जाने भी दें - तो भी जेके गौड़ ने खुद जो किया; उमेश चोपड़ा के साथ हुई अपनी बातचीत को जिस तत्परता के साथ मुकेश अरनेजा तक पहुँचाया उससे उन्होंने यही दिखाया/बताया/जताया है कि वह किसकी 'ड्यूटी' पर हैं और किसके हाथों का खिलौना हैं ।