विनोद
बंसल की यह उपलब्धि लेकिन रमेश अग्रवाल पर एक गाज की तरह गिरी है । विनोद
बंसल की इस उपलब्धि के कारण, रोटरी फाउंडेशन के लिए रकम इकठ्ठा करने के
मामले में अपनी उपलब्धि पर इतराने का मौका रमेश अग्रवाल से एक वर्ष में ही
छिन गया है । उल्लेखनीय है कि विनोद बंसल से पहले वाले वर्ष में रमेश
अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में करीब दस लाख अमेरिकी डॉलर की रकम
रोटरी फाउंडेशन के लिए इकठ्ठा की थी । हालाँकि डिस्ट्रिक्ट के लिहाज से यह
भी एक रिकॉर्ड था - यह अलग बात है कि डिस्ट्रिक्ट से ऊपर इस रिकॉर्ड की
कोई अहमियत नहीं थी । रोटरी फाउंडेशन के लिए रकम इकठ्ठा करने के मामले
में रमेश अग्रवाल के गवर्नर-काल को तत्कालीन वर्ष में देश में तीसरा स्थान
मिला था । रमेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रोटरी फाउंडेशन
के लिए डिस्ट्रिक्ट में लेकिन तब तक की सबसे ज्यादा रकम इकठ्ठा करने का
जो रिकॉर्ड बनाया था, उसे लेकर ही वह उड़े-उड़े घूम रहे थे । विनोद बंसल के
रिकॉर्ड ने लेकिन उनकी सारी हवा निकाल दी है । अपने गवर्नर-काल के दस लाख
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले विनोद बंसल के गवर्नर-काल के साढ़े सत्रह लाख
अमेरिकी डॉलर को देखते हुए तो रमेश अग्रवाल के लिए तो इतराने का कोई
मौका ही नहीं बचा है । विनोद बंसल ने रमेश अग्रवाल के मुकाबले करीब 75
प्रतिशत ज्यादा रकम इकठ्ठा की है - देश में ही नहीं, दक्षिण एशिया में
डिस्ट्रिक्ट 3010 को पहला स्थान दिलाया, सो अलग ।
बात इकठ्ठा हुई रकम की ही नहीं है - रकम इकठ्ठा करने के
तरीके की भी है । रमेश अग्रवाल ने एक 'माफिया' के 'जबरन बसूली' जैसे
तौर-तरीके इस्तेमाल करते हुए रोटरी फाउंडेशन के लिए रकम इकठ्ठा की थी ।
रोटरी क्लब गाजियाबाद के साथ किए गए सुलूक में उनके इस तरीके के सुबूत
देखे/पहचाने जा सकते हैं । रोटरी क्लब गाजियाबाद ने चूँकि उनकी डिमांड
पूरी नहीं की, इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमेश अग्रवाल ने उनकी
मैचिंग ग्रांट ही रोक ली । रमेश अग्रवाल द्धारा अपनाये गए इस तरह के
हथकंडों के और भी उदाहरण हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद पर जेके
गौड़ को चुनवाने के लिए रमेश अग्रवाल ने जेके गौड़ को जमकर ब्लैकमेल किया और
उनसे रोटरी फाउंडेशन के लिए मोटी रकम धरवाई । रोटरी फाउंडेशन के लिए
मोटी रकम लेकर जेके गौड़ को चुनवाने में रमेश अग्रवाल द्धारा की गई
बेईमानियों की शिकायत सुधीर मंगला ने रोटरी इंटरनेशनल तक में की थी ।
विनोद बंसल ने रमेश अग्रवाल जैसे कोई हथकंडे अपनाये हों - या डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों को जितवाने का लालच देकर ब्लैकमेल किया हो
- ऐसी कोई बात सुनने को नहीं मिली । यानि, जिस रिकॉर्ड को बनाने में रमेश
अग्रवाल ने तमाम बदनामी कमाई - वह रिकॉर्ड भी उनके पास ज्यादा दिन नहीं रह
सका; और विनोद बंसल द्धारा स्थापित किए गए कीर्तिमान के सामने रमेश अग्रवाल
अपने रिकॉर्ड की बात करने लायक भी नहीं रह सके हैं ।
विनोद बंसल ने एक अकेले रोटरी फाउंडेशन के लिए रकम इकठ्ठा करने के मामले में ही कीर्तिमान स्थापित नहीं किया है, बल्कि ऑर्च क्लम्प सोसायटी का सदस्य बनकर डिस्ट्रिक्ट के सदस्यों को अनोखे किस्म के गौरव के अहसास से भी परिचित कराने का काम किया है । रोटरी फाउंडेशन के रचयिता और संस्थापक ऑर्च सी क्लम्प के नाम पर स्थापित ऑर्च क्लम्प
सोसायटी की सदस्यता रोटरी फाउंडेशन में ढाई लाख अमेरिकी डॉलर देने वाले
व्यक्ति को मिलती है । इस सोसायटी के सदस्य बनने वाले का उसके जीवन साथी के
साथ रोटरी इंटरनेशनल के अमेरिका स्थित मुख्यालय में आयोजित होने वाले
इंडक्शन समारोह में सम्मान किया जाता है; और उसके परिचय के साथ उसकी और
उसके जीवनसाथी की तस्वीर उसी मुख्यालय की अठारहवीं मंजिल पर स्थापित
इंटरएक्टिव गैलरी में लगाई जाती है । ऑर्च सी क्लम्प रोटरी इंटरनेशनल के छठे प्रेसीडेंट थे, और उन्होंने ही 1917 में रोटरी फाउंडेशन की स्थापना की थी । इस सोसायटी के करीब दो सौ सदस्य हैं ।
विनोद बंसल सिर्फ डिस्ट्रिक्ट 3010 के ही नहीं, उत्तर और पूर्व के पास-पड़ोस के 12/15 डिस्ट्रिक्ट्स के पहले रोटेरियन हैं, जो ऑर्च क्लम्प सोसायटी के सदस्य बने हैं । पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता भी इसी वर्ष इस सोसायटी के सदस्य बने हैं, लेकिन वह विनोद बंसल के बाद बने हैं ।
विनोद बंसल की प्रेरणा से उनके गवर्नर-काल में उनके क्लब - रोटरी क्लब
दिल्ली राजधानी - के अध्यक्ष रहे राजेश गुप्ता भी इस सोसायटी के सदस्य बने
हैं । पिछले रोटरी वर्ष में इन तीन के अलावा चार और रोटेरियंस इस सोसायटी
के सदस्य बने हैं - तीन पुणे और एक जयपुर से । यानि रोटरी फाउंडेशन की
एक बड़ी खास और क्लॉसी सोसायटी - ऑर्च क्लम्प सोसायटी - से परिचित होने का
और उसके बारे में जानने का मौका सिर्फ डिस्ट्रिक्ट 3010 के रोटेरियंस को ही नहीं, बल्कि आसपास के डिस्ट्रिक्ट्स के रोटेरियंस को भी विनोद बंसल के सौजन्य से मिला ।
जाहिर है कि विनोद बंसल ने अपने गवर्नर-काल में जो
रिकॉर्ड बनाया है - उसे 'इससे ज्यादा' या 'उससे ज्यादा' या 'अब तक का सबसे
ज्यादा' जैसे शब्दों से ही नहीं देखा/पहचाना या परिभाषित किया जा सकता है । विनोद बंसल ने एक नई इबारत लिखी है, उन्होंने सिर्फ रिकॉर्ड ही
नहीं बनाया है - उन्होंने कुछ अलग-कुछ खास करने का हौंसला पैदा किया है,
उन्होंने दिखाया है कि पुराने ढर्रे पर या पुरानी लीक पर चलने की बजाये नए नए लोगों को प्रेरित किया जा सकता है, नए नए क्षेत्रों में संभावनाएँ तलाशी जा सकती हैं, और सचमुच ऐसा कुछ किया जा सकता है जिसके बारे में दूसरों ने कभी सोचा भी न हो । विनोद बंसल ने जो किया है - उससे उनके खुद के नंबर तो बने/बढ़े ही हैं, साथ ही डिस्ट्रिक्ट के सदस्यों को भी गौरवान्वित होने का मौका मिला है । इसीलिए विनोद बंसल की उपलब्धियाँ सिर्फ रिकॉर्ड भर नहीं हैं - उससे कहीं ऊँची बात है ।