Thursday, July 17, 2014

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की ताकत 'दिखाने' के उद्देश्य से हुए आयोजन में संख्या और प्रतिनिधित्व के आधार पर रही उपस्थिति को दीपक गुप्ता द्धारा की गई मेहनत और उनकी उम्मीदवारी के प्रति बनती हुई स्वीकार्यता के नतीजे के रूप में ही देखा/पहचाना गया है

गाजियाबाद । रोटरी क्लब गाजियाबाद के अध्यक्ष संजय मेहरा के अधिष्ठापन समारोह में रोटेरियंस की जुटी भीड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी राजनीति के समीकरणों में खासी उथल-पुथल मचा दी है । उल्लेखनीय है कि यह आयोजन घोषित रूप से हालाँकि था तो संजय मेहरा के अधिष्ठापन के लिए, किंतु इस आयोजन के पीछे का वास्तविक एजेंडा दीपक गुप्ता की उम्मीवारी का शक्ति-प्रदर्शन और उसका प्रमोशन था । दरअसल रोटरी की चुनावी राजनीति में यह एक कायदा बन चुका है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के क्लब का अधिष्ठापन समारोह खुद उम्मीदवार के लिए भी और दूसरों के लिए भी राजनीतिक समर्थन की 'ताकत' को देखने/दिखाने का अवसर बन जाता है । इसी कायदे  के चलते रोटरी क्लब गाजियाबाद के अधिष्ठापन समारोह पर लोगों की नजर थी - लोग यह देखना चाहते थे कि रोटरी क्लब गाजियाबाद के अधिष्ठापन समारोह में कैसी रौनक होती है । दरअसल इस रौनक से ही दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की तैयारी और ताकत का अंदाज़ा मिलना था । क्लब के अधिष्ठापन समारोह के जरिये, उम्मीदवार के रूप में दीपक गुप्ता के सामने भी अपनी तैयारी और ताकत को आँकने और दिखाने का मौका था ।
दीपक गुप्ता और दूसरे लोगों के लिए यह देखने/दिखाने की जरूरत दरअसल इसलिए भी थी क्योंकि विभाजित डिस्ट्रिक्ट में उनका चुनाव जिन शरत जैन से होना माना जा रहा है, उन शरत जैन को तो अरनेजा गिरोह का समर्थन प्राप्त है; विभाजित डिस्ट्रिक्ट में बाकी जो पूर्व गवर्नर होंगे वह राजनीतिक रूप से चूँकि ज्यादा सक्रिय नहीं रहते हैं इसलिए लोगों के बीच सवाल यह था कि दीपक गुप्ता किसके भरोसे चुनाव लड़ेंगे ? विभाजित डिस्ट्रिक्ट में अरनेजा गिरोह के - खासकर रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ के - ख़िलाफ़ खासा गुस्सा और विरोध सुना/देखा जा रहा है इसलिए दीपक गुप्ता को उस विरोध का फायदा मिलने की बात तो की जा रही है; लेकिन यह देखना/समझना अभी बाकी था कि 'उस' फायदे का स्वरूप क्या होगा । दीपक गुप्ता के लिए भी और दूसरे लोगों के लिए भी रोटरी क्लब गाजियाबाद के अधिष्ठापन समारोह में उस स्वरूप को दिखाने और देखने का एक मौका था । दीपक गुप्ता के पास अपने क्लब का अधिष्ठापन समारोह ही एक ऐसा मौका था जिसमें वह दिखा सकते थे कि उनकी उम्मीदवारी को किसी तथाकथित बड़े नेता का घोषित समर्थन भले ही न हो लेकिन फिर भी उनकी तैयारी और ताकत को कम नहीं आँका जा सकेगा ।
इस तरह, कई कारणों से रोटरी क्लब गाजियाबाद में होने वाले अधिष्ठापन समारोह का डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में बड़ा महत्व था और अलग-अलग बजहों से कई लोगों की उस पर निगाह थी ।
रोटरी क्लब गाजियाबाद के अधिष्ठापन समारोह में शामिल हुए विभिन्न इलाकों के क्लब्स के लोगों की बात यदि मानें तो दीपक गुप्ता अपनी उम्मीदवारी के संदर्भ में अपनी तैयारी और अपनी ताकत के प्रति लोगों को आश्वस्त करने में सफल रहे । सिर्फ संख्या के आधार पर ही नहीं, क्लब्स के प्रतिनिधित्व के आधार पर भी समारोह में लोगों की उपस्थिति को उल्लेखनीय तो माना ही गया, दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की स्वीकार्यता के रूप भी देखा/पहचाना गया । जो पुराने रोटेरियन हैं और डिस्ट्रिक्ट में निरंतर व व्यापक सक्रियता के चलते जो लोगों को उनके नाम, उनकी शक्ल और उनके क्लब से पहचानते हैं - उनका कहना/बताना रहा कि विभाजित डिस्ट्रिक्ट का शायद ही कोई क्लब हो जिसका प्रतिनिधित्व इस समारोह में न हुआ हो । दूर के और छोटी जगहों के क्लब के लोग भी इस समारोह में जिस उत्साह से शिरकत करते हुए देखे गए, उससे रोटरी की चुनावी राजनीति के अनुभवी खिलाड़ियों को भी यह स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि दीपक गुप्ता ने लोगों के बीच अच्छा संपर्क बनाया हुआ है । कई एक पुराने रोटेरियन समारोह में मौजूद लोगों को बताते हुए सुने गए कि वह गाजियाबाद के किसी क्लब में पहली बार आये हैं । संख्या और प्रतिनिधित्व के आधार पर व्यापक रही उपस्थिति को दीपक गुप्ता द्धारा की गई मेहनत और उनकी उम्मीदवारी के प्रति बनती हुई स्वीकार्यता के नतीजे के रूप में ही देखा/पहचाना गया । समारोह में उपस्थित हुए विभिन्न क्लब्स के रोटेरियंस का आकलन करने वालों ने इस बात को भी नोट किया कि दीपक गुप्ता ने बड़ी होशियारी से आमंत्रितों की सूची तैयार की थी, और इस तैयारी में उनका जोर सिर्फ ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठी करने पर ही नहीं था, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स के प्रमुख लोगों को अपने साथ लाने/दिखाने पर ज्यादा था ।
समारोह-स्थल को लेकर जरूर कुछेक लोगों की शिकायतें रहीं, लेकिन क्लब के सदस्यों द्धारा की गई आमंत्रितों की आवभगत ने इस शिकायत को मुखर रूप नहीं लेने दिया । क्लब के सदस्यों की जो एकजुटता और सामूहिकता इस अवसर पर दिखी, उसने कई लोगों को अचंभित भी किया । दरअसल दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के संदर्भ में कुछेक लोगों ने षड्यंत्रपूर्ण तरीके से एक प्रचार यह किया हुआ था कि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी को लेकर उनके अपने क्लब में ही उत्साह नहीं है और दीपक गुप्ता के लिए अपने क्लब के सदस्यों का समर्थन और सहयोग जुटाना ही मुश्किल होगा । लेकिन दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की तैयारी दिखाने के उद्देश्य से हुए समारोह में क्लब के पदाधिकारियों तथा सदस्यों की जिस तरह की संलग्नता लोगों को देखने को मिली, उससे उक्त प्रचार की हवा अपने आप ही निकल गई । कुछेक लोगों ने इन पँक्तियों के लेखक से दो-टूक स्वर में कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि क्लब के स्तर पर और डिस्ट्रिक्ट के स्तर पर दीपक गुप्ता इतने प्रभावी रूप में स्थितियों को मैनेज कर लेंगे । दीपक गुप्ता ने किसी तथाकथित बड़े नेता की मदद के जिस तरह का शो आयोजित किया - उससे विभाजित डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट पद के लिए होने वाला चुनाव खासा दिलचस्प हो गया है ।