Thursday, June 11, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में गवर्नर बनने की दौड़ के संदर्भ में पप्पुजीत सिंह सरना के 'इरादों' से आशंकित विनय भाटिया के समर्थक विनय भाटिया को पप्पुजीत सिंह सरना से बच कर रहने की सलाह दे रहे हैं; किंतु अन्य कई लोगों का कहना है कि विनय भाटिया को उनसे 'डरने' की जरूरत नहीं है

फरीदाबाद । पप्पुजीत सिंह सरना की गवर्नर बनने की इच्छा के फिर से बलबती होने की खबरों ने विनय भाटिया की उम्मीदवारी के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है । उल्लेखनीय है कि हाल-फिलहाल के दिनों में पप्पुजीत सिंह सरना ने कई लोगों से कहा है कि रोटरी की चुनावी राजनीति में उनका जितना इन्वॉल्वमेंट हो गया है, उसमें उन्हें लग रहा है कि वह खुद गवर्नर पद के उम्मीदवार क्यों नहीं हो जाते हैं ? शुरू में तो उनकी इस बात का किसी ने नोटिस नहीं लिया; और उनके इस कहने को सामान्य बात के रूप में लिया गया - किंतु इस बात को उन्हें जब बार-बार दोहराते हुए देखा/सुना गया, तो लोगों के कान खड़े हुए । उनके नजदीकियों ने उनके इस बात को बार-बार कहने/दोहराने में गवर्नर बनने की उनकी इच्छा को फिर से अँगड़ाई लेने के रूप में देखा/पहचाना है । यह देखना/पहचानना इसलिए हुआ, क्योंकि कुछ समय पहले तक पप्पुजीत सिंह सरना को सचमुच में भावी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में देखा/पहचाना जाता था; दो-तीन वर्ष पहले फरीदाबाद में ही नहीं, पूरे डिस्ट्रिक्ट में उनके बारे में चर्चा थी कि अगले किसी वर्ष वह अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करेंगे । दो-तीन-चार वर्ष पहले उनकी सक्रियता को उम्मीदवार बनने की उनकी तैयारी के रूप में ही रेखांकित किया जाता था । किंतु फिर अचानक पप्पुजीत सिंह सरना पीछे हट गए ।
रोटरी में यूँ तो यह खूब देखने को मिलता है कि संभावित उम्मीदवार के रूप में जिन लोगों के नाम चर्चा में रहते हैं, वह वास्तव में कभी उम्मीदवार नहीं बनते - और उनके सचमुच में उम्मीदवार न बनने पर किसी को कोई हैरानी भी नहीं होती है; किंतु पप्पुजीत सिंह सरना का मामला बिलकुल अलग था, इसलिए हर किसी को हैरानी हुई कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की कुर्सी की तरफ बढ़ते-बढ़ते पप्पुजीत सिंह सरना ने अचानक से यू-टर्न क्यों ले लिया ? हर किसी को हैरानी दरअसल इसलिए ही हुई, क्योंकि पप्पुजीत सिंह सरना को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए बड़े दमदार उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । इस बात का जबाव भले ही किसी को नहीं मिल पाया कि उम्मीदवारी के प्रति दमदारी दिखाते-दिखाते पप्पुजीत सिंह सरना अचानक से पीछे क्यों हट गए - किंतु लोगों ने इस 'क्यों' का अपने अपने तरीके से जबाव खोजने का काम जरूर किया और इस संदर्भ में तरह-तरह की बातें हुईं । किसी का मानना/कहना रहा कि पप्पुजीत सिंह सरना उम्मीदवारी के खर्च से डर गए और पीछे हट गए; किसी ने दावा किया कि पप्पुजीत सिंह सरना ने उन्हें बताया है कि पहले उम्मीदवारी और फिर गवर्नरी में जो समय लगता है उतना समय वह नहीं दे पायेंगे, इसलिए उन्होंने अपना इरादा बदल लिया है; किसी ने कहा कि पप्पुजीत सिंह सरना को समझ में आ गया कि उम्मीदवारी की बातें करना जितना आसान है, सचमुच में उम्मीदवार बनना उतना ही मुश्किल है - और इसलिए उन्होंने समझ लिया कि खुद उम्मीदवार बनने की बजाए दूसरों को उम्मीदवार बनाने का 'ठेका' लेना आसान है । यह बात समझ में आते ही पप्पुजीत सिंह सरना ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए विनय भाटिया की उम्मीदवारी का 'ठेका' ले लिया । 
विनय भाटिया की उम्मीदवारी का जिम्मा निभाते हुए पप्पुजीत सिंह सरना को लगा कि समय तो उनका अब भी खूब लग रहा है । कई मौकों पर उन्होंने कहा भी कि उन्हें तो लगता है कि जैसे उम्मीदवार विनय भाटिया नहीं, बल्कि वह हैं । पप्पुजीत सिंह सरना को लग रहा है - और अपने इस लगने को उन्होंने कई बार कहा भी है कि विनय भाटिया तो ज्यादा कुछ किए बिना और ज्यादा कुछ 'हुए' बिना ही उम्मीदवार बन गए हैं । इसी तरह की बातों के बीच पप्पुजीत सिंह सरना ने कहना/बताना शुरू किया कि वह सोचते हैं कि वह खुद ही गवर्नर पद के उम्मीदवार क्यों नहीं हो जाते हैं ? इस बात को दावे के साथ तो कोई नहीं कह सकता कि पप्पुजीत सिंह सरना की इस तरह की बातें सिर्फ भावावेश में कहे गए उद्गार हैं, या अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह सचमुच में किसी उथल-पुथल से गुजर रहे हैं; किंतु एक बात पर अधिकतर लोग सहमत हैं कि पप्पुजीत सिंह सरना की इस तरह की बातें विनय भाटिया की उम्मीदवारी के लिए खतरा जरूर हैं । लोगों को लग रहा है कि डॉक्टर सुब्रमणियन की राह आसान बनाने के लिए डॉक्टर सुब्रमणियन और उनके समर्थकों ने रवि भाटिया की उम्मीदवारी के साथ जैसा जो 'खेल' किया था, वैसा ही खेल पप्पुजीत सिंह सरना अब की बार विनय भाटिया की उम्मीदवारी के साथ कर सकते हैं । 
दरअसल यह हर कोई जान/समझ रहा है कि विनय भाटिया यदि इस वर्ष कामयाब हो गए, तो पप्पुजीत सिंह सरना को अपनी उम्मीदवारी के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा - पप्पुजीत सिंह सरना को इंतजार न करना पड़े, इसके लिए विनय भाटिया की उम्मीदवारी की बलि लेना जरूरी होगा । इसी सोच और आशंका के चलते विनय भाटिया के समर्थक विनय भाटिया को पप्पुजीत सिंह सरना से बच कर रहने की सलाह दे रहे हैं । फरीदाबाद में लोगों ने पाया है कि विनय भाटिया पिछले कुछ समय से पप्पुजीत सिंह सरना से दूर-दूर रहने का प्रयास कर रहे हैं; इससे लग रहा है कि विनय भाटिया ने अपने समर्थकों की सलाह को मानना शुरू कर दिया है और उन्होंने पप्पुजीत सिंह सरना से बचना शुरू कर दिया है । हालाँकि कई एक लोगों का कहना यह भी है कि पप्पुजीत सिंह सरना बातें चाहें जो कर रहे हों, सचमुच में उम्मीदवार बनना उनके बस की बात नहीं है - और इसलिए विनय भाटिया को उनसे 'डरने' की जरूरत नहीं है । 
पप्पुजीत सिंह सरना की बातें और उन बातों से गवर्नर बनने की उनकी इच्छा के फिर से बलबती होने के संकेतों ने फरीदाबाद से गवर्नर होने के नारे के तहत लड़ी जा रही चुनावी लड़ाई को दिलचस्प तो बना ही दिया है, विनय भाटिया की उम्मीदवारी के लिए खासा बड़ा संकट भी पैदा कर दिया है ।