Monday, June 1, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के नाम पर पैसा इकट्ठा करने को लेकर सुनील गुप्ता के खिलाफ लोगों के बीच जो रोष है, उसे समझते/पहचानते हुए - तथा अपनी गॉडफादरी बचाए रखने के चक्कर में बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता आरोपों व बदनामी में फँसे सुनील गुप्ता का बचाव नहीं कर रहे हैं क्या ?

मेरठ । सुनील गुप्ता अगले रोटरी वर्ष के अपने गवर्नर-काल की अपनी टीम के सदस्यों से पैसे जुटाने/बसूलने के गंभीर आरोपों में लगातार घिरते जा रहे हैं, और उनके लिए मुसीबत की बात यह है कि वह जितना ही इन आरोपों से बचने की कोशिश कर रहे हैं, इन आरोपों के दाग उतनी ही तेजी से उनपर चिपकते तथा गहरे होते जा रहे हैं । अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने की तैयारी कर रहे सुनील गुप्ता पर आरोप है कि वह डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के खर्च के नाम पर अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य से पैसे बसूल कर रहे हैं, और इस तरह अपनी जेब भरने का इंतजाम कर रहे हैं; कहा/बताया जा रहा है कि जो सदस्य पैसे देने में आनाकानी कर रहे हैं उन्हें टीम से हटा देने की धमकी दे रहे हैं । सुनील गुप्ता की तरफ से हालाँकि जबाव दिया गया है कि उनसे पहले के गवर्नरों ने भी डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के लिए लोगों से पैसे लिए है, उन्होंने यह कोई नया काम नहीं किया है - और उन्हें नाहक ही निशाना बनाया जा रहा है तथा बदनाम किया जा रहा है । उनकी इस सफाई से असंतुष्ट लोगों का कहना लेकिन यह है कि यह सच है कि पहले के गवर्नरों ने भी डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के लिए पैसे इकट्ठे किए हैं, लेकिन यह कभी नहीं सुना गया कि पैसे बसूलने के लिए किसी गवर्नर ने लोगों की बाँह मरोड़ी हो - जैसा सुनील गुप्ता कर रहे हैं । शिकायत की बात यह नहीं है कि सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के लिए पैसा इकठ्ठा कर रहे हैं - शिकायत की बात यह है कि उन्होंने अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य के लिए डायरेक्टरी के लिए पैसा देना जरूरी कर दिया है, और जो सदस्य पैसा नहीं दे रहे हैं उन्हें सुनील गुप्ता अपनी टीम से निकालने की धमकी दे रहे हैं । 
सुनील गुप्ता के ऊपर लग रहे इस आरोप को यह बात और गंभीर बना देती है कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के खर्च के नाम पर ज्यादा से ज्यादा पैसा इकट्ठा कर लेने की मुहिम में लगे सुनील गुप्ता यह बताने को तैयार नहीं हैं कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी प्रकाशित करने में आखिर कितने पैसे खर्च होंगे । लोगों का कहना है कि सुनील गुप्ता यह इसीलिए नहीं बता रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि तब उनके लिए डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के खर्च के नाम पर ज्यादा से ज्यादा पैसा इकट्ठा करना असंभव ही हो जायेगा । सुनील गुप्ता के लिए मुसीबत की बात यह भी है कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी का खर्च वह ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर भी नहीं बता सकते हैं, क्योंकि तब पोल खुलने पर और ज्यादा किरकिरी होगी । डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के खर्च के लिए पैसा इकट्ठा करने में लगे सुनील गुप्ता जिस तरह होने/आने वाले खर्च को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं उससे पैसा इकट्ठा करने की उनकी मुहिम संदेह के घेरे में आ गई है और उन्हें आरोपों का निशाना बनना पड़ रहा है । 
सुनील गुप्ता के लिए मुसीबत की बात यह भी है कि जिन बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता को उन्होंने अपना गॉडफादर बनाया हुआ है, वह भी इस मामले में उनका कोई बचाव नहीं कर रहे हैं और कहीं कहीं तो उनकी बदनामी में मजा भी ले रहे हैं । बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता ने हालाँकि कुछेक लोगों से सुनील गुप्ता को विज्ञापन के नाम पर पैसे दिलवाए भी हैं; लेकिन उन्हीं लोगों से जिनसे सुनील गुप्ता को वैसे भी विज्ञापन मिल ही जाते । सुनील गुप्ता का ही कहना रहा है कि यह दोनों उनकी जितनी मदद कर सकते हैं, उतनी मदद इन्होंने उनकी नहीं की है; और आरोपों से सुनील गुप्ता को बचाने में तो इन्होंने जरा भी दिलचस्पी नहीं ली है । माना जा रहा है कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के नाम पर पैसा इकट्ठा करने को लेकर सुनील गुप्ता के खिलाफ लोगों के बीच जो रोष है, उसे समझते/पहचानते हुए बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता इस मामले में सुनील गुप्ता का बचाव नहीं करना चाहते - क्योंकि उन्हें डर है कि उन्होंने यदि बचाव किया तो आरोपों और बदनामी के छीटें उन पर भी पड़ेंगे । कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता चाहते हैं कि सुनील गुप्ता किन्हीं न किन्हीं कारणों से आरोपों और बदनामियों में घिरे/फँसे रहे, जिससे कि उनके दबाव में बने रहें । उनका मानना और कहना है कि सुनील गुप्ता जितनी ज्यादा मुसीबत में घिरे रहेंगे उतना ही मदद के लिए उन पर निर्भर करेंगे और उन्हें अपना गॉडफादर बनाये रखने पर मजबूर रहेंगे । इसलिए ही डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के नाम पर पैसा बनाने के सुनील गुप्ता पर लग रहे आरोपों को लेकर बृजभूषण और योगेश मोहन गुप्ता बहुत खुश हैं - अपनी यह खुशी हालाँकि वह छिपा कर रखने की बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन फिर भी वह कभी कभी लोगों के सामने आ ही जाती है ।
सुनील गुप्ता के लिए समस्या की बात यह भी हो गई है कि पैसा जुटाने/बसूलने को लेकर हो रही उनकी बदनामी के चलते कई लोग पैसा देने में आनाकानी भी करने लगे हैं, और इस कारण डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के नाम पर मोटी रकम जुटा लेने की उनकी योजना भी फेल होती हुई लग रही है । हालाँकि आरोप लगाने वाले लोगों का तो दावा है कि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के वास्तविक खर्च के मुकाबले बहुत ज्यादा पैसा उन्होंने पहले ही इकट्ठा कर लिया है, इसलिए अब यदि कुछेक लोगों ने पैसा नहीं भी दिया तो भी वह कोई नुकसान में नहीं रहेंगे । सुनील गुप्ता लेकिन जिस तरह से पैसा न देने वाले लोगों को टीम से निकालने की धमकी दे रहे हैं, उससे लग रहा है कि उन्होंने जितना पैसा इकट्ठा करने का इरादा बनाया है, उतना पैसा वह इकट्ठा कर लेना चाहते हैं - और इसके लिए किसी भी हद तक बदनाम होने के लिए वह तैयार हैं । सुनील गुप्ता के इस रवैये ने लोगों के बीच उनके विरोध और उनकी बदनामी के दाग को गहरा बनाना शुरू कर दिया है ।