नई दिल्ली । रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के अपने ही क्लब के लोगों के सुझाव को अनसुना करने के कारण डॉक्टर सुब्रमणियन अपने ही क्लब के लोगों की नाराजगी का शिकार होने लगे हैं । उनके प्रति यह नाराजगी इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि क्लब के लोग देख/पा रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपनी टीम बनाने तथा काम करने के संदर्भ में वह अपने क्लब के लोगों से न तो कोई विचार-विमर्श कर रहे हैं, और न ही उन्हें कुछ बता/पूछ रहे हैं । क्लब के कुछेक सदस्यों ने समय समय पर डॉक्टर सुब्रमणियन से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को जानने तथा उन योजनाओं से जुड़ने के प्रति दिलचस्पी दिखाई भी है, लेकिन डॉक्टर सुब्रमणियन ने उनमें से किसी को कोई तवज्जो ही नहीं दी । डॉक्टर सुब्रमणियन के इस रवैये से क्लब के वह सदस्य तो अपने आप को ठगा हुआ पा रहे हैं, जिन्होंने उनके चुनाव में कंधे से कंधा मिला कर और खूब बढ़चढ़ कर काम किया था । यह देख कर उनकी निराशा और नाराजगी खासी बढ़ी है कि डॉक्टर सुब्रमणियन के लिए जैसे जैसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद-भार सँभालने का मौका नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे वह अपने मददगारों को भूलते और छोड़ते जा रहे हैं । हालाँकि डॉक्टर सुब्रमणियन के नजदीकियों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की तैयारियों को लेकर डॉक्टर सुब्रमणियन का खुद का रवैया चूँकि 'कूल' सा है, इसलिए ऐसा लग रहा है कि वह किसी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं - जब जरूरत होगी, तब वह अवश्य ही लोगों के साथ शेयर करेंगे । इन्हीं नजदीकियों में से कुछ का कहना यद्यपि यह भी है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की तरफ बढ़ रहे डॉक्टर सुब्रमणियन को इस सच्चाई को भी समझना होगा कि वह जिस 'स्थिति' में हैं, उसमें लोगों को उनसे कुछ अलग तरह की उम्मीदें व अपेक्षाएँ होंगी - जिन्हें पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है; अन्यथा लोगों को उनके खिलाफ होने में देर नहीं लगेगी ।
डॉक्टर सुब्रमणियन के नजदीकी क्लब के लोगों के निराश और नाराज होने के लिए उनके 'कूल' से रवैये की आड़ लेने की भले ही कोशिश कर रहे हों - लेकिन रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने की क्लब के लोगों की माँग को तवज्जो न देने के कारण डॉक्टर सुब्रमणियन क्लब के लोगों के निशाने पर हैं । डॉक्टर सुब्रमणियन के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली सेंट्रल के कई सदस्यों को लगता है कि डॉक्टर सुब्रमणियन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक तलवार व सुशील खुराना के 'कब्जे' में हैं और उन्हीं के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं - तथा इसलिए ही क्लब के लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं; और रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के सुझाव को अनसुना ही किए जा रहे हैं । क्लब के लोगों को लगने लगा है कि डॉक्टर सुब्रमणियन ने अपने गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में दीपक तलवार या सुशील खुराना का चुनाव कर लिया है - और इसीलिए वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए रंजन ढींगरा के नाम पर रिएक्शन तक देने से बच रहे हैं । रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने की वकालत करने वाले लोगों का कहना है कि रंजन ढींगरा को चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का अभियान चलाना है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद उनके अभियान का 'वजन' बढ़ायेगा - इसलिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर उन्हें ही बनाया जाना चाहिए । इस सुझाव के साथ साथ डॉक्टर सुब्रमणियन को याद दिलाया जा रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में जब वह समर्थन जुटाने के लिए लोगों के बीच निकलने की तैयारी कर रहे थे, तब अकेले उनके क्लब के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रंजन ढींगरा ही उनकी मदद के लिए आगे बढ़े थे । उस समय जब कोई भी यह विश्वास करने को तैयार नहीं हो रहा था कि अपनी व्यस्तता और अपने 'स्वभाव' के कारण डॉक्टर सुब्रमणियन एक उम्मीदवार के रूप में सचमुच सक्रिय हो भी पायेंगे, तब अकेले रंजन ढींगरा ने ही उनपर विश्वास किया था और उनके चुनावी अभियान की शुरुआत करवाई थी ।
डॉक्टर सुब्रमणियन लेकिन रंजन ढींगरा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने की वकालत करने वालों की किसी भी बात का नोटिस लेते हुए नहीं दिख रहे हैं । क्लब के कई एक लोगों ने बताया कि इस बारे में डॉक्टर सुब्रमणियन से जब भी कोई बात करने की कोशिश करो, तो वह यह कह कर बात को टाल जाते हैं कि - बैठते हैं, बात करते हैं । डॉक्टर सुब्रमणियन पिछले करीब दो महीने से इसी फार्मूले को अपनाते हुए बात करने से बच रहे हैं । शुरू में तो लोगों को लगा कि डॉक्टर सुब्रमणियन बैठेंगे, बात करेंगे; लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है - लोगों को लगने लगा है कि वह सिर्फ बहानेबाजी कर रहे हैं और समय बिता रहे हैं । हाल-फिलहाल में दीपक तलवार और सुशील खुराना ने जिस तरह की सक्रियता दिखाई है, उसमें लोगों को संकेत यह मिला है जैसे कि डॉक्टर सुब्रमणियन के गवर्नर-काल की बागडोर पूरी तरह से उनके ही हाथ में रहेगी । दीपक तलवार और सुशील खुराना की इस सक्रियता से ही डॉक्टर सुब्रमणियन के क्लब के सदस्यों को खटका हुआ है, और उन्हें लगा है कि डॉक्टर सुब्रमणियन अपने 'कूल' रवैये की आड़ में उन्हें इग्नोर कर रहे हैं ।डॉक्टर सुब्रमणियन के रवैये से उनके अपने क्लब के लोगों का धैर्य अब टूटने लगा है और क्लब के लोगों में डॉक्टर सुब्रमणियन के खिलाफ नाराजगी बढ़ने लगी है । मुकेश अरनेजा अपने रवैये के चलते जिस तरह से अपने क्लब से निकाले गए हैं, उसकी चर्चा की गर्मी के बीच डॉक्टर सुब्रमणियन के प्रति उनके अपने क्लब में बढ़ती नाराजगी की खबरों से संकेत मिलता है कि गवर्नरों के दिन आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं ।