Monday, June 29, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में अपने क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए विनय भाटिया की उम्मीदवारी के अभियान को जो तगड़ा झटका लगा है, उसके चलते व्यक्तित्व तथा लीडरशिप क्वालिटी के मामले में दूसरे उम्मीदवार रवि दयाल को उनपर बढ़त बनाते देखा जाने लगा है

नई दिल्ली । विनय भाटिया को डिस्ट्रिक्ट 3010 के थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में लोगों के बीच उस समय बड़ी किरकिरी का सामना करना पड़ा, जब किन्हीं किन्हीं लोगों ने उनसे पूछा कि - क्या बात है, यहाँ आपके क्लब का कोई और सदस्य नहीं दिख रहा है ? विनय भाटिया के लिए तब और मुसीबत खड़ी हुई जब फरीदाबाद के लोगों ने भी उनसे यह सवाल किया । फरीदाबाद के लोगों के यह पूछने में ऐसा लग रहा था, जैसे कि वह विनय भाटिया की फिरकी ले रहे हैं । विनय भाटिया के लिए लोगों के इस सवाल का जबाव देना मुश्किल तो हुआ ही, इस सवाल से बचने के लिए उन्हें लोगों से मुँह तक चुराना पड़ा । विनय भाटिया की तरफ से तो उक्त सवाल का कोई जबाव किसी को सुनने को नहीं मिला, किंतु क्लब के सदस्यों से बाद में कुछेक लोगों की जो बात हुई तो किसी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय खन्ना पर दोष मढ़ा कि उन्होंने 'ठीक' से निमंत्रित ही नहीं किया; किसी ने क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा को जिम्मेदार ठहराया कि उन्होंने न तो खुद कार्यक्रम में जाने में दिलचस्पी दिखाई और न दूसरों को ही प्रेरित किया; कई सदस्यों ने लेकिन इस स्थिति के लिए विनय भाटिया को दोष दिया - उनका कहना रहा कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार होने के नाते विनय भाटिया की यह 'जरूरत' बनती है कि रोटेरियंस के बीच उनके क्लब के सदस्यों की सक्रियता व संलग्नता 'नजर' आये, और इसके लिए उन्हें ही प्रयास करने होंगे । इस कहने के पक्ष में उनका तर्क रहा कि डिस्ट्रिक्ट के एक बड़े फंक्शन में क्लब के लोगों की अनुपस्थिति के कारण लोगों के 'निशाने' पर तो वह आये न ? किसी ने भी संजय खन्ना से तो नहीं ही पूछा कि विनय भाटिया के क्लब के सदस्य यहाँ क्यों नहीं दिख रहे हैं; या अनिल शर्मा का तो कुछ नहीं गया । लोगों के सवालों के सामने शर्मिंदगी तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार होने के नाते विनय भाटिया को ही उठानी पड़ी ।
विनय भाटिया को यह शर्मिंदगी इसलिए भी उठानी पड़ी, क्योंकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के एक दूसरे उम्मीदवार रवि दयाल के क्लब के सदस्यों की कार्यक्रम में अच्छी भागीदारी और संलग्नता दिखाई दे रही थी । वैसे इस बात पर शायद ही कोई ध्यान देता - किसी भी कार्यक्रम में किसी को क्या पड़ी है कि वह इस बात का हिसाब लगाता फिरे कि किस क्लब से कौन आया है और कितने लोग आये हैं; लेकिन चूँकि विनय भाटिया के क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति लोगों की 'पकड़' में आ गई और वह चर्चा का विषय बन गई, तो फिर रवि दयाल के क्लब के लोगों को भी 'खोजा' जाने लगा और नोट किया गया कि रवि दयाल के क्लब के सदस्यों ने कार्यक्रम में अच्छी दिलचस्पी ली हुई है । फिर लोगों के बीच की चर्चाओं में डिस्ट्रिक्ट के हाल-फिलहाल के कुछेक कार्यक्रमों को भी याद किया गया और तुलनात्मक रूप से विनय भाटिया के क्लब की तुलना में रवि दयाल के क्लब के सदस्यों को ज्यादा सक्रिय, उत्साहित और संलग्न पाया गया । इससे तुरत-फुरत यह निष्कर्ष निकाला गया कि रवि दयाल लीडरशिप क्वालिटी के मामले में विनय भाटिया पर बहुत भारी पड़ते हैं । मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव अभियान में शोर ज्यादा विनय भाटिया का सुना जा रहा है; और उनके अभियान को रवि दयाल के अभियान के मुकाबले ज्यादा बढ़त लिए देखा जाता रहा है । लेकिन डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में विनय भाटिया के क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति ने उनके अभियान को लेकर बन रहे सकारात्मक परसेप्शन को तगड़ा झटका दिया है, और लोग बात करने लगे हैं कि विनय भाटिया के अभियान में शोर सिर्फ शोर भर है, और उसके पीछे ठोस कुछ नहीं है । विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थकों व शुभचिंतकों को भी लग रहा है कि विनय भाटिया कुछ 'सीख' नहीं रहे हैं और 'जरूरतों' को समझ नहीं रहे हैं - और इसलिए 'व्यक्तित्व' तथा लीडरशिप क्वालिटी के मामले में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के एक दूसरे उम्मीदवार रवि दयाल से पिछड़ते जा रहे हैं ।
डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में विनय भाटिया के क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति ने विनय भाटिया की उम्मीदवारी के अभियान को जो चोट पहुँचाई है, उसके लिए विनय भाटिया को ही जिम्मेदार माना/ठहराया जा रहा है । क्लब के, फरीदाबाद के और डिस्ट्रिक्ट के लोगों का कहना है कि विनय भाटिया यदि थोड़ी सी भी दिलचस्पी लेते, तो डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में उन्हें लोगों के बीच शर्मिंदा न होना पड़ता । उल्लेखनीय है कि उनका क्लब एक अच्छे क्लब के रूप में पहचाना जाता है । पिछले रोटरी वर्ष में संदीप गोयल की अध्यक्षता में क्लब को इलीट क्लब अवार्ड मिला था; इस वर्ष अनिल शर्मा की अध्यक्षता में प्लेटिनम क्लब अवार्ड मिला है । पिछले रोटरी वर्ष में तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल से अवार्ड लेने के लिए संदीप गोयल के नेतृत्व में क्लब के कई लोग कार्यक्रम में पहुँचे थे; इस वर्ष लेकिन पिछले वर्ष जैसा माहौल नहीं बन पाया । हर किसी का मानना और कहना है कि पिछले वर्ष जैसे माहौल की इस वर्ष ज्यादा 'जरूरत' थी, लेकिन यह जरूरत जिन विनय भाटिया को थी - उन विनय भाटिया ने डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में पिछले वर्ष जैसा माहौल बनाने की कोई कोशिश ही नहीं की । इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि क्लब के कुछेक लोगों ने विभिन्न मौकों पर विनय भाटिया की उम्मीदवारी के अभियान से जुड़ने को लेकर जब उत्सुकता दिखाई, तो विनय भाटिया की तरफ से उन्हें कोई उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं मिली । इस बात को डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति से जोड़ कर देखें तो लगता है कि - और यह बात उनके क्लब के कुछेक लोग कहने भी लगे हैं कि - अपने चुनाव अभियान में विनय भाटिया को शायद अपने क्लब के सदस्यों की मदद चाहिए ही नहीं; और वह बस पप्पुजीत सिंह सरना, सुशील खुराना और दीपक तलवार की मदद से ही गवर्नर बन जाना चाहते हैं ।
विनय भाटिया को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव अभियान में अपने क्लब के सदस्यों की मदद चाहिए या नहीं, यह तो वही जानें - लेकिन उनकी क्लब के सदस्यों के साथ बढ़ती 'दिखती' दूरी और डिस्ट्रिक्ट के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में उनके क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति से उनके बारे में जो नकारात्मक परसेप्शन बन रहा है - उसे, उनकी उम्मीदवारी के समर्थक व शुभचिंतक भी उनकी उम्मीदवारी के लिए घातक मान रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट थैंक्सगिविंग कार्यक्रम में अपने क्लब के सदस्यों की अनुपस्थिति के चलते विनय भाटिया की उम्मीदवारी के अभियान को जो तगड़ा झटका लगा है, उसे सँभालने के लिए विनय भाटिया आगे क्या कदम उठाते हैं - उठाते भी हैं या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा ।