Wednesday, August 5, 2015

रोटरी इंटरनेशनल के इतिहास में यह बात हमेशा याद रखी जायेगी कि केआर रवींद्रन नाम के प्रेसीडेंट की डिस्ट्रिक्ट 3080 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने कैसे खिल्ली उड़ाई और उनकी फजीहत की स्थिति बनाई थी

चंडीगढ़ । राजेंद्र उर्फ राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में एक अनोखा ऐतिहासिक काम हुआ है और वह यह कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करने वाले उम्मीदवार को डिस्ट्रिक्ट के 78 क्लब में से 52 क्लब ने अपनी कॉन्करेंस दी हैं । रोटरी में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में इससे पहले किसी चेलैंजर उम्मीदवार को ऐसा जोरदार समर्थन नहीं मिला है । डिस्ट्रिक्ट में लेकिन मजेदार बहस यह छिड़ी है कि चेलैंजर उम्मीदवार को मिला यह 'जोरदार समर्थन' असली है या नकली है ? असली/नकली की यह बहस इसलिए कि चेलैंजर उम्मीदवार के प्रति डिस्ट्रिक्ट में यदि वास्तव में इतना एकतरफा समर्थन है, तो फिर नोमीनेटिंग कमेटी ने अधिकृत उम्मीदवार के रूप में उन्हें ही क्यों नहीं चुना था ? लोगों के बीच सवाल यही है कि नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले में बुरी तरह मात खाए उम्मीदवार को अचानक से डिस्ट्रिक्ट में इतना जोरदार समर्थन कैसे और क्यों मिल गया है ? डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय से कॉन्करेंस देने वाले क्लब्स की जो सूची जारी हुई है, उसे देखने के बाद यह समझना कोई मुश्किल नहीं रह जाता कि नोमीनेटिंग कमेटी में समर्थन न जुटा पाने वाले उम्मीदवार को थोक में क्लब्स की कॉन्करेंस कैसे मिल गईं हैं । कॉन्करेंस देने वाले क्लब्स की सूची में 23 पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के भी क्लब्स हैं, इनमें पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजा साबू तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर यशपाल दास के क्लब भी हैं - जो इस बात को साबित करते हैं कि यह कॉन्करेंस चेलैंजर उम्मीदवार ने नहीं बल्कि डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स ने इकट्ठा की हैं । 
रोटरी के 110 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी डिस्ट्रिक्ट में नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर्स गोलबंद हो जाएँ । यह तथ्य क्या यह साबित नहीं करता है कि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार को एक दूसरा उम्मीदवार नहीं, बल्कि डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स का समूह चेलैंज कर रहा है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की इस खुली संलग्नता ने 'रचनात्मक संकल्प' की 12 अप्रैल 2015 की उस रिपोर्ट को शब्दशः सच साबित कर दिखाया है, जिसमें कहा गया था : "दरअसल, 22 फरवरी को डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में टीके रूबी के अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने के साथ ही यह सुना जाने लगा था कि डिस्ट्रिक्ट के 'राजा' - पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू इस फैसले को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे । उल्लेखनीय है कि राजा साबू के इस डिस्ट्रिक्ट में पिछले कई वर्षों से यह प्रथा बनी हुई है कि नोमीनेटिंग कमेटी द्धारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार को कोई चेलैंज नहीं करता है और अधिकृत उम्मीदवार ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनता है । इस बार लेकिन अधिकृत उम्मीदवार का नाम घोषित होने के साथ ही यह कहने/सुनने में आने लगा कि डीसी बंसल अवश्य ही अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करेंगे । नोमीनेटिंग कमेटी का फैसला आने से पहले वास्तव में हर किसी को डीसी बंसल के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुने जाने की उम्मीद थी । डीसी बंसल को राजा साबू के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू का जैसा जलवा है, उसके चलते कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्य डीसी बंसल के अलावा अन्य किसी को चुन सकते हैं । नोमीनेटिंग कमेटी के अधिकतर सदस्यों ने लेकिन टीके रूबी में भरोसा जताया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उन्हें चुना । यह फैसला आते ही डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रोटेरियन सकते में आ गए । किसी के लिए भी विश्वास करना मुश्किल था कि डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू की इच्छा के विपरीत कोई फैसला हो सकता है । फैसला तो लेकिन हो गया । फैसला हो भले ही गया, किंतु साथ ही साथ यह सुनाई भी पड़ने लगा कि राजा साबू इस फैसले को मान्य नहीं होने देंगे । जो सुनाई पड़ा था, वह अंततः सच भी साबित हुआ ।"
12 अप्रैल 2015 को जब उक्त रिपोर्ट लिखी गई थी, तब बात सिर्फ इतनी थी कि 22 फरवरी को डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में टीके रूबी के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में हुए चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया गया था । मान लिया गया था कि टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (नॉमिनी) नहीं बनने देने पर आमादा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की फौज ने मैदान जीत लिया है । किंतु इसके बाद घटनाचक्र बड़ी बड़ी कलाबाजियाँ खाता/दिखाता हुआ घूमा और टीके रूबी को रोटरी इंटरनेशनल से तब बड़ी जीत मिली, जब रोटरी इंटरनेशनल ने अधिकृत उम्मीदवार के रूप में हुए उनके चुनाव को अमान्य घोषित करने वाले फैसले को ही अमान्य घोषित कर दिया तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को आदेश दिया कि टीके रूबी को अधिकृत उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करते हुए आगे की चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया जाए । रोटरी इंटरनेशनल से हुए इस फैसले के बाद उम्मीद की गई थी कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स अब रोटरी की भावना और रोटरी इंटरनेशनल के सम्मान तथा अपने ही डिस्ट्रिक्ट में अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज न करने के बारे में चली आ रही प्रथा के प्रति सम्मान दिखायेंगे - और कम से कम 'अब तो' अपने आपको तो चुनावी झमेले से दूर रखेंगे; किंतु कॉन्करेंस देने में गवर्नर्स के क्लब्स की जो संलग्नता सामने आई है, उसने 'रचनात्मक संकल्प' की 12 अप्रैल 2015 की रिपोर्ट को गहरे से सच साबित कर दिखाया है । 
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रंजीत भाटिया के क्लब रोटरी क्लब पानीपत मिडटाउन ने तो और भी बड़ा कमाल किया है । क्लब बुलेटिन में ही प्रकाशित चिट्ठी के अनुसार, रंजीत भाटिया ने कॉन्करेंस का एजेंडा तय किया, जिसका निष्कर्ष यह निकला कि चूँकि डीसी बंसल के क्लब ने उनके क्लब के उम्मीदवार की मदद की थी, इसलिए उनका क्लब डीसी बंसल को कॉन्करेंस देगा । मजे की बात यह है कि डीसी बंसल ने पिछली बार भी और इस बार भी रंजीत भाटिया के लिए जमकर लताड़ निकाली है । इस बार तो डीसी बंसल ने रंजीत भाटिया पर धोखा देने का खुला आरोप लगाया था; उनका लगातार कहना रहा कि टीके रूबी को उम्मीदवार बनाने से लेकर उन्हें अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनवाने तक का काम रंजीत भाटिया ने ही किया है । उन्हीं रंजीत भाटिया ने लेकिन अब जब उन्हीं डीसी बंसल के लिए कॉन्करेंस देने की वकालत की है, तो समझा जा सकता है कि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पूर्व गवर्नर्स की किस तरह की घेरेबंदी हुई है ।  
डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की सक्रिय खुली भूमिका व संलग्नता इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन के चुनावों को हतोत्साहित करने के अभियान को जिस तरह से पलीता लगाता है, उससे रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसीडेंट की खुली फजीहत होने का भी दिलचस्प और ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनता है । रोटरी के इतिहास में यह बात हमेशा याद रखी जायेगी कि केआर रवींद्रन नाम के प्रेसीडेंट की डिस्ट्रिक्ट 3080 के पूर्व गवर्नर्स ने कैसे खिल्ली उड़ाई और उनकी फजीहत की स्थिति बनाई थी । 
बहरहाल, 'रचनात्मक संकल्प' राजा साबू, यशपाल दास तथा डिस्ट्रिक्ट 3080 के अन्य पूर्व गवर्नर्स का इस बात के लिए तहेदिल से शुक्रिया अदा करता है - कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अपनी खुली सक्रियता दिखा कर उन्होंने उसकी रिपोर्ट को शब्दशः सच साबित किया !