Saturday, August 29, 2015

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में भारी छूट के साथ घर खरीदने का ऑफर देकर अजय सिंघल मुसीबत में फँसे

गाजियाबाद । अजय सिंघल सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपने प्रोजेक्ट को बेचने निकल पड़ने के कारण लोगों की भारी आलोचना का निशाना बन रहे हैं । शिकायती अंदाज में लोगों का पूछना/कहना है कि अजय सिंघल क्या इसीलिए (सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट) गवर्नर बने हैं ? कुछेक लोगों ने बहुत ही तल्ख़ लहजे में आरोप लगाया है कि इस तरह तो अजय सिंघल लायनिज्म को धंधा करने का जरिया बना देंगे । कुछेक लोगों ने हालाँकि अजय सिंघल का बचाव करने का प्रयास भी किया और तर्क दिया कि लायनिज्म की स्थापना ही एक दूसरे के बीच अपने अपने बिजनेस को प्रमोट करने के उद्देश्य से हुई थी, इसलिए अजय सिंघल ने जो कुछ किया है उसमें कुछ भी गलत नहीं है । इन्हीं लोगों ने यह कह कर मामले को राजनीतिक ट्विस्ट देने का प्रयास भी किया कि अजय सिंघल से ईर्ष्या करने वाले उनके आसपास के लोग इस मामले में लोगों को भड़का रहे हैं, और अजय सिंघल को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं । आलोचकों व समर्थकों के बीच कुछेक तटस्थ किस्म के लोगों का मानना और कहना है कि अजय सिंघल से गलती तो हुई है, लेकिन वह इतनी बड़ी नहीं है कि उन्हें जोरशोर से निशाना बनाया जाए । इनका कहना है कि लायनिज्म में कई बेईमान किस्म के लोग हैं, जो लायनिज्म में अपनी पोजीशन का फायदा उठाते हुए लोगों को अपने बिजनेस के माध्यम से ठगने के काम में लगे रहते हैं; प्रॉपर्टी के बिजनेस में इस तरह की ठगी बहुत होती है - इसलिए अजय सिंघल को सावधानी के साथ लायनिज्म और बिजनेस में सामंजस्य बैठाना चाहिए । अभी उन्होंने जो किया है उसमें वह जरूरी सामंजस्य असंतुलित तो हुआ है, किंतु वह असंतुलन इतना बड़ा भी नहीं है कि उन्हें सीधे कठघरे में ही खड़ा कर दिया जाए । अजय सिंघल को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करने वाले लोगों का कहना किंतु यह है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल को यदि अभी ही नहीं चेक किया गया, तो वह लायनिज्म को धंधा ही बना देंगे ।   
यह बबाल अजय सिंघल द्वारा लोगों को भेजी गई उस ईमेल से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने अपने आपको डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में प्रस्तुत करते हुए अपने प्रोजेक्ट में घटी कीमत पर घर खरीदने का ऑफर दिया । यह ईमेल पाकर कई लोग भड़क गए और उनका आरोप रहा कि लायनिज्म की साख व विश्वसनीयता की आड़ लेकर अजय सिंघल अपना प्रोजेक्ट बेचने का प्रयास कर रहे हैं । यह आरोप लगाने वाले लोगों का कहना रहा कि उन्हें यह बात अच्छी तरह से पता है कि गवर्नर बनने के बाद अजय सिंघल अपना बिजनेस बंद नहीं कर देंगे; वह यह भी समझते हैं कि लायनिज्म में उनके परिचय का जो विस्तार होगा, उसका फायदा अजय सिंघल निश्चित रूप से अपने बिजनेस में उठायेंगे ही - लेकिन वह यह उम्मीद जरूर करते हैं कि अजय सिंघल अपने बिजनेस और अपनी गवर्नरी को एक साथ मिला नहीं देंगे, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के 'रूप में' बिजनेस नहीं करेंगे । लोगों का कहना रहा कि हर गवर्नर कोई न कोई बिजनेस करता ही है; लेकिन वह बिजनेस और लायनिज्म में एक विभाजन रेखा भी बना कर रखता है । अजय सिंघल ने चूँकि इस विभाजन रेखा को खत्म कर दिया, इसलिए वह लोगों के निशाने और आरोपों के घेरे में आ गए । 
अजय सिंघल लोगों के निशाने और आरोपों के घेरे में इसलिए भी आ गए, क्योंकि लोगों ने उन्हें लायनिज्म में खूब खूब सक्रियता के साथ देखा है । लायनिज्म में सक्रियता बनाने और लायनिज्म में संपर्कों का दायरा बनाने/बढ़ाने में अजय सिंघल ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है, वह वास्तव में एक बेमिसाल उदाहरण है । ऐसा उदाहरण अभी तक प्रायः उन थोड़े से लोगों ने ही प्रस्तुत किया है, जो लायनिज्म के साथ सचमुच में जुड़ कर यहाँ एक लंबी पारी खेलना चाहते हैं । अजय सिंघल ने सक्रियता तो दिखाई है, संपर्क बनाने में उत्साह भी दिखाया है - लेकिन लायनिज्म के साथ वास्तव में 'जुड़ने' का कोई संकेत नहीं दिया है । उनके नजदीकियों के हवाले से उनकी सक्रियता का नतीजा यह निकला/निकाला गया कि लायनिज्म में वह 'जुड़ने' नहीं, एन्जॉय करने के उद्देश्य से आए हैं । किंतु अजय सिंघल को आरोपों के घेरे में लेने वाली ईमेल से लोगों के बीच संदेह यह बना है कि लायनिज्म में कहीं वह बिजनेस करने के इरादे से तो नहीं आए हैं ? उक्त ईमेल को पाने वाले लोगों में कईयों को लगने लगा है कि अजय सिंघल की सक्रियता और संपर्क बनाने की मुहिम के पीछे बिजनेस ही मुख्य प्रेरक शक्ति है । 
कई लोगों का हालाँकि यह भी कहना है कि लायनिज्म में अजय सिंघल की सक्रियता और संपर्क बनाने की मुहिम के पीछे बिजनेस यदि मुख्य प्रेरक शक्ति हैं भी, तो यह कोई बुरी बात नहीं है; बुरी बात लेकिन यह है कि उन्होंने इसे बहुत ही फूहड़ तरीके से अंजाम देने की कोशिश की है - जिसमें उनके हाथ सिर्फ बदनामी ही लगनी है । यही हुआ भी है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में भारी छूट के साथ घर खरीदने का ऑफर देकर अजय सिंघल ने सचमुच में मुसीबत तो मोल ले ही ली है ।