जयपुर । रोहित रुवाटिया अग्रवाल ने सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के लिए प्रस्तुत अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु जिस तरह की सक्रियता दिखाई हुई है, उसके चलते गौतम शर्मा के लिए रीजनल काउंसिल में सबसे ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य दूर जाता नजर आ रहा है । उल्लेखनीय है कि उम्मीदवार के रूप में गौतम शर्मा ने चुनाव में अपनी अच्छी पकड़ प्रदर्शित की है, और राजस्थान के उम्मीदवारों में उन्हें सबसे आगे देखा/पहचाना जा रहा है । उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए उनके कुछेक समर्थक दावा करने लगे कि गौतम शर्मा राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे रीजन में सबसे ज्यादा वोट पायेंगे और रीजन में सबसे आगे रहेंगे ।
रीजन में सबसे आगे रहने वाले उम्मीदवार के रूप में हालाँकि अभी तक भोपाल के अभय छाजेड़ को देखा/पहचाना जा रहा है । अभय छाजेड़ अकेले उम्मीदवार हैं, जो सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की मौजूदा टर्म में सदस्य होते हुए अगली टर्म के लिए चुनावी मैदान में हैं । इस नाते, इस बार के चुनावी खेल में अभय छाजेड़ को न सिर्फ सबसे सुरक्षित उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है, बल्कि नंबर एक की पोजीशन पर भी माना जाता रहा है । लेकिन जैसे जैसे चुनाव अभियान ने गर्मी पकड़ी, वैसे वैसे गौतम शर्मा के भी 'भाव' बढ़े और नंबर एक की पोजीशन के लिए उन्हें भी दावेदार के रूप में देखा/पहचाना जाने लगा । जयपुर में उनके समर्थकों की तरफ से सुनाई देने लगा कि काउंसिल में सदस्य होने के नाते रीजन में अभय छाजेड़ की पहचान का दायरा भले ही बड़ा हो, लेकिन गौतम शर्मा ने अपने चुनावी प्रबंधन को जिस तरह से मैनेज किया है और खास तौर से जयपुर व राजस्थान में अपने लिए समर्थन जुटाया है, उसके चलते रीजनल काउंसिल के चुनाव में उनके लिए वोट प्राप्त करने के मामले में अभय छाजेड़ से आगे निकलना मुश्किल नहीं होगा ।
रीजन में सबसे आगे रहने वाले उम्मीदवार के रूप में हालाँकि अभी तक भोपाल के अभय छाजेड़ को देखा/पहचाना जा रहा है । अभय छाजेड़ अकेले उम्मीदवार हैं, जो सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल की मौजूदा टर्म में सदस्य होते हुए अगली टर्म के लिए चुनावी मैदान में हैं । इस नाते, इस बार के चुनावी खेल में अभय छाजेड़ को न सिर्फ सबसे सुरक्षित उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है, बल्कि नंबर एक की पोजीशन पर भी माना जाता रहा है । लेकिन जैसे जैसे चुनाव अभियान ने गर्मी पकड़ी, वैसे वैसे गौतम शर्मा के भी 'भाव' बढ़े और नंबर एक की पोजीशन के लिए उन्हें भी दावेदार के रूप में देखा/पहचाना जाने लगा । जयपुर में उनके समर्थकों की तरफ से सुनाई देने लगा कि काउंसिल में सदस्य होने के नाते रीजन में अभय छाजेड़ की पहचान का दायरा भले ही बड़ा हो, लेकिन गौतम शर्मा ने अपने चुनावी प्रबंधन को जिस तरह से मैनेज किया है और खास तौर से जयपुर व राजस्थान में अपने लिए समर्थन जुटाया है, उसके चलते रीजनल काउंसिल के चुनाव में उनके लिए वोट प्राप्त करने के मामले में अभय छाजेड़ से आगे निकलना मुश्किल नहीं होगा ।
किंतु जयपुर में गौतम शर्मा के जो समर्थक अभी कल तक यह दावा करते हुए सुने जा रहे थे, उन्हीं में से कुछेक समर्थक अब यह आशंका व्यक्त करने लगे हैं कि रोहित रुवाटिया के कारण गौतम शर्मा का रीजन में सबसे ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य खतरे में पड़ सकता है । गौतम शर्मा के ही समर्थकों का कहना है कि राजस्थान की विभिन्न ब्रांचेज के लोगों से उन्हें जो फीडबैक मिल रहा है, उसमें यह बात कॉमन रूप से सामने आ रही है कि रोहित रुवाटिया अग्रवाल ने राजस्थान की अधिकतर ब्रांचेज में अपने लिए समर्थन पैदा किया है । इसे उनके आक्रामक व प्रभावी तरीके से चलाए जा रहे प्रचार/संपर्क अभियान के नतीजे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । हालाँकि कुछेक लोगों का यह भी मानना/कहना है कि रोहित रुवाटिया अग्रवाल ने अपने आक्रामक व प्रभावी तरीके से चलाए गए प्रचार/संपर्क अभियान से लोगों के बीच अपने आप को परिचित तो कराया है, किंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि इस परिचय से उन्हें वोट भी मिलेंगे ही । तकनीकी रूप से यह बात सच तो है, लेकिन यह एक ऐसा सच है जो प्रत्येक उम्मीदवार पर लागू होता है । उम्मीदवार अपने प्रचार/संपर्क अभियान से लोगों के बीच अपने आप को परिचित कराता है, और कोई नहीं सकता कि इस परिचय के चलते उसे वोट सचमुच में कितने मिलेंगे । यह बात रोहित रुवाटिया अग्रवाल के बारे में भी सच है, तो गौतम शर्मा के बारे में भी सच है, और अन्य दूसरे उम्मीदवार भी इस सच के दायरे में हैं ।
गौतम शर्मा के समर्थकों को डर दरअसल यह जान/देख कर हुआ कि प्रचार/संपर्क अभियान में रोहित रुवाटिया अग्रवाल का पलड़ा सबसे भारी है; हालाँकि कुछेक लोग उनकी बातों और उनके दावों को लेकर उनके मैच्योरिटी लेबल के बारे में सवाल जरूर उठा रहे हैं - लेकिन इससे उनकी चुनावी संभावना पर कोई प्रतिकूल असर पड़ता नहीं दिख रहा है । रोहित रुवाटिया अग्रवाल ने युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच जिस तरह का परिचय बनाया है, उसके कारण तो गौतम शर्मा के लिए अपना लक्ष्य पाना मुश्किल बना ही है; अग्रवाल वोटों के मामले में भी रोहित रुवाटिया अग्रवाल उनकी योजना को लंगड़ी लगाते दिख रहे हैं । अग्रवाल समाज में प्रभाव रखने वाले एक बड़े नेता ओपी अग्रवाल का समर्थन जुटा कर गौतम शर्मा ने अग्रवालों का वोट जुटाने का जो जुगाड़ किया था, रोहित रुवाटिया अग्रवाल ने अपनी सक्रियता से उनके उस जुगाड़ में भारी सेंध लगा दी है । हर उम्मीदवार का अपना अपना समर्थन आधार होता है, और हर समर्थन-आधार में एक से अधिक उम्मीदवारों को खपाने की क्षमता भी होती है; इसलिए रोहित रुवाटिया अग्रवाल की सक्रियता गौतम शर्मा को कोई सीधी चुनौती नहीं देती है - लेकिन खुद गौतम शर्मा के समर्थकों का ही कहना है कि रोहित रुवाटिया अग्रवाल की आक्रामक व प्रभावी सक्रियता रीजन में सबसे ज्यादा वोट पाने की गौतम शर्मा की योजना में पलीता जरूर लगाती दिख रही है ।