मेरठ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील गुप्ता ने अपनी दीवाली अच्छे से मनाने की व्यवस्था कर ली है । उनके नजदीकियों का ही कहना/बताना है कि राजीव सिंघल की तरफ से 'लक्ष्मी जी' का इंतजाम करने के उद्देश्य से ही सुनील गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए प्रस्तुत मंजु गुप्ता के आवेदन को निरस्त कर दिया है । उल्लेखनीय है कि राजीव सिंघल और उनके समर्थक पहले से ही मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी को प्रस्तुत न होने देने के प्रयासों में लगे हुए थे, और उनकी तरफ से सुनील गुप्ता पर मंजु गुप्ता के आवेदन को स्वीकार न करने के लिए भारी दबाव भी था । इसी कारण से राजीव सिंघल और उनके समर्थकों ने मंजु गुप्ता के क्लब में बबाल तक करवा दिया, जिसका मामला रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय तक पहुँचा । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने लेकिन राजीव सिंघल और उनके समर्थकों की चाल को कामयाब नहीं होने दिया । मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी के संदर्भ में रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने जैसा स्पष्ट रुख अपनाया, उसके चलते सुनील गुप्ता चाहते हुए भी राजीव सिंघल और उनके समर्थकों की 'उचित' सेवा नहीं कर सके । राजीव सिंघल और उनके समर्थकों ने लेकिन हार नहीं मानी । दरअसल उन्हें पता था कि जब सारे फार्मूले फेल हो जाएँ तब भी सुनील गुप्ता से काम कराने के लिए एक फार्मूला बचा रह जाता है । सुनील गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, उसी अंतिम फार्मूले को इस्तेमाल करते हुए सुनील गुप्ता से मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी को निरस्त करने की कीमत पूछी गई - तो सुनील गुप्ता ने रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को अनदेखा करने में देर नहीं लगाई ।
सुनील गुप्ता के बारे में दरअसल हर कोई यह जान गया है कि सुनील गुप्ता 'न बाप बड़ा न मय्या, सबसे बड़ा रुपय्या' फलसफे को मानने वाले व्यक्ति हैं । रोटेरियन और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुनील गुप्ता यह भी समझ गए हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में पैसा बनाने/कमाने के जो मौके अभी उनके पास हैं, वह ज्यादा समय तक नहीं बने/बचे रहेंगे - इसलिए पैसा बनाने/कमाने के चक्कर में हो रही बदनामी की परवाह करना भी उन्होंने छोड़ दिया है । सुनील गुप्ता में हालाँकि थोड़ा सा डर इस बात का जरूर दिखाई दे रहा है कि उनकी कारस्तानियों के चलते उनका डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद कहीं न छिन जाए । उनके नजदीकियों का कहना है कि लेकिन इस संदर्भ में वह राजीव सिंघल की तरफ से मिले इस आश्वासन पर भरोसा कर रहे हैं कि उन्होंने इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई से हरी झंडी ले ली है कि सुनील गुप्ता से गवर्नरी नहीं छीनी जाएगी । सुनील गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि सुनील गुप्ता ने इस भरोसे के साथ-साथ अपने आप को इस बात के लिए भी तैयार कर लिया है कि यदि उनकी गवर्नरी छिन जाने का खतरा हो भी, तो भी उन्हें पैसा बनाने/कमाने के मौके नहीं छोड़ने हैं । सुनील गुप्ता ने जब यह तय कर ही लिया कि इज्जत चली जाए, कोई परवाह नहीं; गवर्नरी चली जाए, कोई परवाह नहीं; लेकिन पैसा आने का मौका वापस नहीं लौटना चाहिए - तब राजीव सिंघल को अपना काम कराना मुश्किल नहीं लगा ।
उल्लेखनीय है कि सुनील गुप्ता काफी समय तक मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी के आवेदन को स्वीकार करने से बचते फिर रहे थे । मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी के आवेदन को स्वीकार करने के बाबत रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय से स्पष्ट आदेश न मिला होता, तो सुनील गुप्ता हरगिज हरगिज उनकी उम्मीदवारी का आवेदन स्वीकार न करते; लेकिन रोटरी इंटरनेशनल के फैसले से उनके हाथ बंध गए और वह मनमानी न कर सकें । सुनील गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, मंजु गुप्ता की उम्मीदवारीरूपी काँटे को निकालने लिए राजीव सिंघल की तरफ से सुनील गुप्ता को दीवाली के मौके पर 'लक्ष्मी जी' का स्वागत करने का ऑफर लेकिन जैसे ही मिला - तब फिर सुनील गुप्ता ने रोटरी इंटरनेशनल के फैसले को भी धता बताने में देर नहीं की । 'लक्ष्मी जी' की कृपा के असर में सुनील गुप्ता ने इलेक्शन कमेटी के सदस्यों के रूप में अपने डिस्ट्रिक्ट के रवि भार्गव, ललित मोहन गुप्ता तथा अखिलेश कोठीवाल जैसे पूर्व गवर्नर्स को भी नहीं बख्शा । दरअसल हुआ यह कि इलेक्शन कमेटी की मीटिंग में कमेटी के इन तीनों सदस्यों को सुनील गुप्ता से यह सुनकर हैरानी हुई कि उन्होंने मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी का आवेदन निरस्त कर दिया है । इन तीनों सदस्यों ने इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड देखना चाहा तो सुनील गुप्ता ने टालमटोल करके रिकॉर्ड दिखाने से मना कर दिया । सुनील गुप्ता के इस रवैये से यह तीनों निराश और नाराज तो बहुत हैं, लेकिन सुनील गुप्ता को इनकी नाराजगी की परवाह इसलिए नहीं है - क्योंकि वह यह विश्वास कर रहे हैं कि यह तीनों पूर्व गवर्नर्स उनसे नाराज भले ही हों, किंतु उनका कुछ कर नहीं पायेंगे ।
रोटरी को 'बेचने' के मामले में सुनील गुप्ता जो हिम्मत दिखा रहे हैं, उसका सबसे गंभीर पहलू यह है कि उनकी इस हिम्मत के पीछे इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई के समर्थन की बात की जा रही है । राजीव सिंघल और उनके समर्थक मनोज देसाई के साथ अपनी नजदीकी का दावा करते हुए सुनील गुप्ता को भरोसा दिलाये हुए हैं कि वह उनकी गवर्नरी को आँच नहीं आने देंगे । राजीव सिंघल और उनके समर्थकों ने मनोज देसाई का नाम लेकर सुनील गुप्ता को एमएस जैन तथा हितेश कुमार शर्मा की तरफ से भी आश्वस्त किया है कि यह दोनों नाराज चाहें जितने हों तथा बातें चाहें जो कर रहे हों - किंतु सचमुच में करेंगे कुछ नहीं । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट के कई गवर्नर्स सुनील गुप्ता की कारस्तानियों के चलते सुनील गुप्ता से खासे नाराज हैं, और उनकी इस नाराजगी के डर से ही सुनील गुप्ता कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने की हिम्मत नहीं कर रहे थे । राजीव सिंघल और उनके समर्थकों ने लेकिन उन्हें आश्वस्त किया है कि मनोज देसाई के नाम पर सभी गवर्नर्स को मैनेज कर लिया गया है और नाराज गवर्नर्स थोड़ा बहुत गाली-गलौच भले कर लें, लेकिन उनकी कमाई/लूट के संदर्भ में उनकी गवर्नरी पर आँच नहीं आने देंगे । यह आश्वासन मिलने के बाद ही सुनील गुप्ता कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने के लिए राजी हुए हैं । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में और रोटरी को बेचने की सुनील गुप्ता की कार्रवाई में इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई का नाम जिस धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है - उसने डिस्ट्रिक्ट 3100 में चल रही घटनाओं को खासा महत्वपूर्ण बना दिया है ।
मनोज देसाई की तरफ से राजीव सिंघल से मिले आश्वासन के भरोसे ही सुनील गुप्ता ने मंजु गुप्ता की उम्मीदवारी की बलि लेकर 'लक्ष्मी जी' की व्यवस्था करके अपनी दीवाली तो अच्छे से मनाने का इंतजाम कर लिया है ।