Friday, December 30, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल 321 ए टू में मुकेश गोयल के क्लब द्धारा स्पोंसर्ड प्रोजेक्ट के निमंत्रण-पत्र में धमकीभरे ब्लैकमेल से अपना नाम डलवाने का आरोप विनोद खन्ना के साथ-साथ नरेश अग्रवाल की भी फजीहत का कारण बना है

नई दिल्ली । सेंटेनियल सेलिब्रेशन के नाम पर हो रहे लायंस क्लब दिल्ली नॉर्थ एक्स द्धारा स्पोंसर्ड एक मेगा प्रोजेक्ट में अपना नाम जबर्दस्ती घुसा/घुसवा कर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना ने इंटरनेशनल फर्स्ट वाइस प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल की निगाह में 'चढ़ने' की जो तिकड़म भिड़ाई है, उसने डिस्ट्रिक्ट के ही नहीं बल्कि डिस्ट्रिक्ट के बाहर के लायन नेताओं को भी तरह-तरह की बातें करने/बनाने का मौका दिया है । हालाँकि - जैसा कि लोगों का मानना है और विश्वास है कि विनोद खन्ना तो पहले से ही नरेश अग्रवाल की निगाह में चढ़े हुए हैं और उन्हें नरेश अग्रवाल की 'आँख का तारा' तक कहा/पुकारा जाता है, इसलिए उन्हें 'इस काम' के लिए तिकड़म करने की कोई जरूरत ही नहीं है; लेकिन फिर भी लोगों को हैरानी है कि उन्होंने उक्त मेगा प्रोजेक्ट के निमंत्रण पत्र में अपना नाम जबर्दस्ती डलवाने का काम किया । मेगा प्रोजेक्ट की तैयारी से जुड़े लोगों का कहना है कि आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में नरेश अग्रवाल के आने को रद्द करवा देने की धमकी देकर विनोद खन्ना ने आयोजन के निमंत्रण पत्र में अपना नाम डालने/डलवाने का 'सौदा' किया । आरोप सुना गया कि विनोद खन्ना ने प्रोजेक्ट के आयोजकों से कहा कि नरेश अग्रवाल के साथ उनकी नजदीकियत की बात तो सभी को पता है ही, इसलिए समझ लो कि निमंत्रण पत्र में यदि उनका नाम नहीं दिया गया, तो वह नरेश अग्रवाल का आना रद्द करवा देंगे । उल्लेखनीय है कि उक्त मेगा प्रोजेक्ट सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार मुकेश गोयल के क्लब - लायंस क्लब दिल्ली नॉर्थ एक्स का प्रोजेक्ट है । इस प्रोजेक्ट के पीछे क्लब का एक दबा-छिपा उद्देश्य मुकेश गोयल की उम्मीदवारी को प्रोजेक्ट करना भी है - जो बड़ी स्वाभाविक-सी बात है । विनोद खन्ना लेकिन मुकेश गोयल की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव नहीं रखते हैं । पिछले दिनों ही गवर्नर्स ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए मुकेश गोयल की उम्मीदवारी के पक्ष में सर्वसम्मति बनाने की जो कोशिश हुई थी, विनोद खन्ना ने उसका खुल्लमखुल्ला भारी विरोध किया था । एक तरफ, लायंस क्लब दिल्ली नॉर्थ एक्स के उम्मीदवार मुकेश गोयल का विरोध करना - और दूसरी तरफ, मुकेश गोयल की उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे उनके प्रोजेक्ट के निमंत्रण पत्र में अपना नाम घुसा देने की विनोद खन्ना की कार्रवाई को उनकी मौकापरस्ती के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।
विनोद खन्ना के लिए यह मौकापरस्ती दिखाना दरअसल मजबूरी भी है । असल में, उनके लिए नरेश अग्रवाल के सामने अपनी सक्रियता तथा लोगों के बीच अपनी स्वीकार्यता दिखाने का नाटक करना/जमाना इस समय बहुत जरूरी है । उल्लेखनीय है कि विनोद खन्ना को नरेश अग्रवाल के प्रेसीडेंट-काल में बोर्ड अपॉइंटी बनना है, लेकिन कई लोगों ने विनोद खन्ना को बोर्ड अपॉइंटी बनने से रोकने के लिए अभियान चलाया हुआ है । यह अभियान चलाने वाले लोगों का एक बड़ा तर्क यह है कि विनोद खन्ना अपनी हरकतों के चलते अपने ही डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच बहुत ही नापसंद किए जाते हैं, और लोगों के बीच उनकी न कोई पूछ है और न कोई इज्ज़त है । ऐसे में, विनोद खन्ना के सामने नरेश अग्रवाल को यह दिखाने और साबित करने की चुनौती है कि अपने डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख आयोजनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती है । इसीलिए धमकीभरी सौदेबाजी करके विनोद खन्ना ने मुकेश गोयल के क्लब द्धारा स्पोंसर्ड मेगा प्रोजेक्ट के निमंत्रण पत्र में अपना नाम शामिल करवा लेने की तिकड़म रची ।
मजे की बात यह है कि विनोद खन्ना की हरकतों और उनकी असलियत से नरेश अग्रवाल अच्छी तरह परिचित हैं । वास्तव में इसी परिचय के चलते ही नरेश अग्रवाल ने इंटरनेशनल सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट पद के लिए चले अपने अभियान के दिनों में विनोद खन्ना को चुप तथा पीछे रहने के लिए कहा था । विनोद खन्ना यूँ तो मेहनती व्यक्ति हैं और नरेश अग्रवाल के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करने वाले रहे हैं; लेकिन साथ ही वह मुँहफट किस्म के व्यक्ति भी हैं और किसी के साथ भी बदतमीजी करने को तैयार रहते हैं । दरअसल नरेश अग्रवाल ने इसी डर से विनोद खन्ना को अपने चुनाव अभियान से दूर रखा था कि उनकी बदतमीजीपूर्ण हरकतों के कारण उनका अभियान कहीं बिगड़ न जाए, और जिसके परिणामस्वरूप उनका इंटरनेशनल (सेकेंड वाइस) प्रेसीडेंट बनने का सपना कहीं बिखर न जाए । विनोद खन्ना ने नरेश अग्रवाल के अभियान से दूर रह कर उनकी पूरी 'मदद' की, लेकिन नरेश अग्रवाल के प्रेसीडेंट-काल में सत्ता की मलाई खाने वह अब आगे आ गए हैं । कई लोगों ने नरेश अग्रवाल को लगातार सावधान किया है, और अभी भी कर रहे हैं कि जिन कारणों से विनोद खन्ना उनके चुनाव-अभियान को नुकसान पहुँचा सकते थे, उन्हीं कारणों से वह उनके प्रेसीडेंट-काल को कलंकित कर सकते हैं - इसलिए उनके लिए अभी भी विनोद खन्ना को पीछे ही रखने की जरूरत है ।
विनोद खन्ना पिछले कुछ समय से कामकाज और परिवार की मुश्किलों में घिरे हुए हैं । विनोद खन्ना को बोर्ड अपॉइंटी बनने से रोकने के अभियान में लगे दूसरे लायन नेता उनकी इन्हीं मुश्किलों को हथियार बनाए हुए हैं । कई लोगों को लगता है कि नरेश अग्रवाल के प्रेसीडेंट-काल में विनोद खन्ना लायनिज्म की आड़ में धंधा करने के जुगाड़ में हैं, जिसके भरोसे उन्हें अपनी कामकाजी मुश्किलों को हल कर लेने की उम्मीद है । लोगों का कहना है कि विनोद खन्ना भारी कर्ज में फँसे हुए हैं, और इस कोशिश में हैं कि नरेश अग्रवाल के प्रेसीडेंट-काल में वह लायनिज्म में पैसे 'कमा' लें - ताकि कर्ज से मुक्ति पा सकें । इसी बात का हवाला देकर नरेश अग्रवाल को आगाह किया जा रहा है कि उन्होंने यदि विनोद खन्ना को कोई पोजीशन दी तो वह लूट-खसोट ही मचायेंगे - और तरह उनके प्रेसीडेंट-काल को बदनाम ही करेंगे । विनोद खन्ना की एक पुत्रवधु द्धारा किए गए मुक़दमे का मामला भी विनोद खन्ना के लिए मुसीबत बना हुआ है । उक्त मुक़दमे का हवाला देते हुए इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने जा रहे नरेश अग्रवाल को तरह तरह से बताया/समझाया जा रहा है कि उक्त मुक़दमे के कारण विनोद खन्ना कभी भी जेल के सीखचों के पीछे जा सकते हैं; और ऐसा यदि उनके बोर्ड अपॉइंटी होते हुए हुआ तो लायनिज्म की कितनी बदनामी होगी, और खुद उनकी तथा उनका प्रेसीडेंट-काल की कैसी  कितनी फजीहत होगी ।
विनोद खन्ना को अच्छी तरह से पता है कि लायनिज्म में उनके विरोधियों व दुश्मनों की संख्या कम नहीं है - जो तरह तरह के हथकंडों के जरिए उन्हें बोर्ड अपॉइंटी बनने से रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे; इसलिए उन्होंने भी कमर कस ली है । सेंटेनियल सेलिब्रेशन के नाम पर अपने डिस्ट्रिक्ट में हो रहे प्रोजेक्ट में भागीदारी 'दिखा' कर एक तरफ तो डिस्ट्रिक्ट के लोगों को 'दिखा' रहे हैं कि नरेश अग्रवाल उनकी वजह से ही इस आयोजन में आ रहे हैं; और दूसरी तरफ नरेश अग्रवाल बता/जता रहे हैं कि - देखो, डिस्ट्रिक्ट में मेरे बिना कोई काम होता ही नहीं है । विनोद खन्ना को विश्वास है कि अपने इस तरह के हथकंडों से वह अवश्य ही बोर्ड अपॉइंटी बन सकेंगे । नरेश अग्रवाल उन्हें बोर्ड अपॉइंटी जब बनायेंगे तब बनायेंगे - अभी लेकिन लायंस क्लब दिल्ली नॉर्थ एक्स द्धारा स्पोंसर्ड एक प्रोजेक्ट के निमंत्रण-पत्र में ब्लैकमेल करके अपना नाम डलवाने की विनोद खन्ना की कार्रवाई के आरोप ने लोगों के बीच विनोद खन्ना के साथ-साथ नरेश अग्रवाल की भी फजीहत की हुई है ।