Tuesday, December 6, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने जा रहे नरेश अग्रवाल की विनोद खन्ना को बोर्ड अपॉइंटी बनाने की कोशिश में विनोद खन्ना की पुत्रवधु द्धारा किया गया मुकदमा रोड़ा बनेगा क्या ?

नई दिल्ली । वर्ष 2022 में दिल्ली में इंटरनेशनल कन्वेंशन करवाने की कोशिशों  में अड़ंगा डाल कर विनोद खन्ना को झटका देने के बाद, पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स का एक समूह अब इंटरनेशनल बोर्ड अपॉइंटी बनने की विनोद खन्ना की तिकड़मों को फेल करने के प्रयासों में भी जी-जान से जुट गया लगता है । इसके लिए विनोद खन्ना के अपने पारिवारिक झगड़े में फँसे होने का हवाला देते हुए नरेश अग्रवाल पर दबाव बनाया जा रहा है कि विनोद खन्ना के चक्कर में वह लायनिज्म को तथा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के अपने कार्यकाल को बदनामी के भँवर में फँसाने/झोंकने का खतरा क्यों मोल ले रहे हैं ? उल्लेखनीय है कि खुद पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना की ही तरफ से लोगों को संदेश दिया गया कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के रूप में काम करना शुरू करते ही नरेश अग्रवाल उन्हें इंटरनेशनल बोर्ड अपॉइंटी नियुक्त करेंगे । यह सुनने/जानने के बाद पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स खेमे में खलबली मचना स्वाभाविक ही था, और वह मची भी । विनोद खन्ना ने अपने आचरण व व्यवहार से लायनिज्म में अपने विरोधियों की एक बड़ी फौज खड़ी की हुई है, लिहाजा जिन लायन सदस्यों व पदाधिकारियों का बोर्ड अपॉइंटी मामले से कोई लेना-देना नहीं है - वह भी विनोद खन्ना को बोर्ड अपॉइंटी बनने से रोकने के अभियान में लग गए नजर आ रहे हैं ।
विनोद खन्ना को बोर्ड अपॉइंटी बनने से रोकने के अभियान में हर कोई विनोद खन्ना की एक पुत्रवधु द्धारा किए गए मुक़दमे को हथियार बना रहा है । उक्त मुक़दमे का हवाला देते हुए इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने जा रहे नरेश अग्रवाल को तरह तरह से बताया/समझाया जा रहा है कि उक्त मुक़दमे के कारण विनोद खन्ना कभी भी जेल के सीखचों के पीछे जा सकते हैं; और ऐसा यदि उनके बोर्ड अपॉइंटी होते हुए हुआ तो लायनिज्म की कितनी बदनामी होगी, और खुद उनकी तथा उनका प्रेसीडेंट-काल की कैसी  कितनी फजीहत होगी । इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि विनोद खन्ना ने नरेश अग्रवाल को आश्वस्त किया है कि उनकी पुत्रवधु द्धारा किया गया मुकदमा अब सुलटने के कगार पर है, तथा मुकदमे के कारण हो सकने वाली परेशानियों को दौर अब बीत चुका है । दूसरे लोग लेकिन यह साबित करने में जुटे हुए हैं कि विनोद खन्ना की पुत्रवधु अभी उन्हें बख़्शने के मूड में नहीं है, और वह तरह तरह से अपनी प्रताड़ना का बदला लेने तथा न्याय पाने की कोशिशों में है । कुछेक लायन सदस्य भी उनकी 'मदद' करने में दिलचस्पी लेने लगे हैं - उनकी मदद के जरिये वास्तव में वह विनोद खन्ना से हिसाब चुकता करने का काम रहे हैं । इसी से अनुमान लगाया और दावा किया जा रहा है कि उक्त मुकदमे के चलते विनोद खन्ना की परेशानियाँ अभी ख़त्म होने वाली तो नहीं ही हैं, बल्कि और बढ़ेगी ही ।
विनोद खन्ना के खिलाफ माहौल बनाने में लगे कई लोगों को लगता है कि नरेश अग्रवाल लेकिन विनोद खन्ना के मोहजाल से निकल नहीं पायेंगे । उधर, नरेश अग्रवाल के नजदीकियों को लगता है और उनका कहना है कि बोर्ड अपॉइंटी पद के लिए नरेश अग्रवाल को किसी और पर विश्वास ही नहीं है, उन्हें सिर्फ विनोद खन्ना के ही विश्वासपात्र बने रहने का भरोसा है । पिछले कुछ समय से हालाँकि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर केएम गोयल और नरेश अग्रवाल के बीच नजदीकियाँ बनी और निरंतर बढ़ी हैं, जिसका नतीजा है कि नरेश अग्रवाल ने कई महत्त्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है - लेकिन नरेश अग्रवाल के नजदीकियों के अनुसार ही केएम गोयल की नरेश अग्रवाल के यहाँ विश्वासपात्र की स्थिति अभी नहीं बनी है । एक अन्य पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर जगदीश गुलाटी के नरेश अग्रवाल के साथ अच्छे संबंध तो देखे/बताए जाते हैं, किंतु जगदीश गुलाटी की समझ का घेरा इतना छोटा है कि वह न लीपने के लायन समझे जाते हैं और न पोतने के । ऐसे में, विनोद खन्ना ही नरेश अग्रवाल की 'मजबूरी' बनते हैं । विनोद खन्ना के विरोधियों को लेकिन विश्वास है कि विनोद खन्ना के कारण हो सकने वाली मुश्किलों का खाका खींच कर वह नरेश अग्रवाल को विनोद खन्ना के मोहजाल से बाहर निकालने में सफल हो जायेंगे । वर्ष 2022 में दिल्ली में इंटरनेशनल कन्वेंशन आयोजित करने की नरेश अग्रवाल की कोशिश में अड़ंगा डालने में सफलता पाने के बाद विनोद खन्ना के विरोधियों का उक्त विश्वास और बढ़ गया है ।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में दिल्ली में इंटरनेशनल कन्वेंशन कराने की योजना नरेश अग्रवाल की कुछेक महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में रही है, जिसमें लेकिन पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स के एक खेमे ने अड़ंगा डाल दिया है । अपनी योजना को हरी झंडी दिलवाने के उद्देश्य से नरेश अग्रवाल ने पिछले दिनों देश के पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स को दिल्ली बुलवाया था, जिन्हें दिल्ली में इंटरनेशनल कन्वेंशन के आयोजन से संबंधित स्थितियों का आकलन करना था । नरेश अग्रवाल का उद्देश्य वास्तव में पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स को दिल्ली में सुविधाओं का नजारा दिखा कर उन्हें दिल्ली के नाम पर राजी करने का था । किंतु पूर्व डायरेक्टर्स ने इंटरनेशनल कन्वेंशन के लिहाज से दिल्ली को अव्यावहारिक पाया और बताया है । दिल्ली की ट्रैफिक स्थिति के हवाले से नोट किया गया कि कन्वेंशन के मुख्य आयोजन के लिए स्टेडियम तो मिल जायेगा, लेकिन विभिन्न होटलों में ठहरे प्रतिनिधियों को वहाँ लाना-ले जाना खासा आफतभरा काम होगा; इसके अलावा परेड के लिए रास्ता और अनुमति मिलना मुश्किल ही नहीं, बल्कि असंभव ही होगा । अधिकतर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स ने सुझाव दिया है कि वर्ष 2022 की इंटरनेशनल कन्वेंशन की मेज़बानी हम ही करें, लेकिन इसे दिल्ली की बजाए दुबई में आयोजित करें । इस कन्वेंशन की तैयारी से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स के रवैये को देख कर नरेश अग्रवाल ने भी समझ लिया है कि दिल्ली में कन्वेंशन कराने की उनकी योजना पर पानी फिर गया है । चर्चा है कि दिल्ली में कन्वेंशन कराने की कोशिशों के विरोध के पीछे एक बड़ा कारण विनोद खन्ना भी हैं ।
विनोद खन्ना ने दरअसल उक्त कन्वेंशन के मुखिया के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था । इससे लोगों के बीच चर्चा फैली कि नरेश अग्रवाल उक्त कन्वेंशन का मुखिया विनोद खन्ना को ही बना रहे हैं । इसके साथ ही चर्चाएँ चल पड़ीं कि विनोद खन्ना तो मुखिया के तौर पर कन्वेंशन को धंधा ही बना देंगे । जेपी सिंह जैसे विनोद खन्ना के निकटवर्तियों ने तो योजनाएँ बनानी तथा लोगों को बतानी भी शुरू कर दीं कि कन्वेंशन में उनके जिम्मे क्या क्या काम रहेंगे । यही सब देख/सुन कर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स का माथा ठनका और फिर संयोग से दिल्ली में आयोजन के समक्ष आने वाली मुश्किलें भी नजर आ गईं । कन्वेंशन के लिए दुबई का नाम इसलिए भी आया, क्योंकि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स को लगता है कि दुबई में कन्वेंशन होने की स्थिति में विनोद खन्ना के लिए मुखिया बनना मुश्किल हो जायेगा; और तब कन्वेंशन के नाम पर उनके तथा उनके निकटवर्तियों के लिए धंधा करना भी मुश्किल हो जायेगा । इंटरनेशनल कन्वेंशन के नाम पर वारे-न्यारे करने की नरेश अग्रवाल व विनोद खन्ना की तैयारी में अड़ंगा डालने से उत्साहित लोगों को लगता है कि वह विनोद खन्ना के इंटरनेशनल बोर्ड नॉमिनी बनने की कोशिशों को भी असफल कर सकते हैं । इस काम में मदद करने के लिए विनोद खन्ना की पुत्रवधु द्धारा की गई शिकायत और उस शिकायत के आधार पर दर्ज हुआ मुकदमे का किस्सा उनके हाथ लग भी गया है । जल्दी ही यह साफ हो जायेगा कि पारिवारिक कलह विनोद खन्ना के लायन-जीवन को भी प्रभावित करेगी क्या ?