Friday, December 2, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में मुकेश अरनेजा के बदनाम करने वाले व्यवहार पर सतीश सिंघल क्या अमित जैन की तरह की कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा पायेंगे ?

नई दिल्ली । मुकेश अरनेजा ने सतीश सिंघल तथा उनके फैसलों व काम करने के तरीकों की ठीक वैसे ही खिल्ली उड़ाना शुरू कर दिया है, जैसा उन्होंने करीब छह वर्ष पहले अमित जैन के साथ किया था - और जिसके चलते अमित जैन ने उन्हें दो महीने के भीतर ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटा दिया था । रोटरी इंटरनेशनल के इतिहास में मुकेश अरनेजा ने अपने नाम यह एक अनोखा फजीहतभरा रिकॉर्ड लिखवाया हुआ है, जिसमें अपनी खुद की कारस्तानियों के चलते उन्हें कुछ ही दिनों के भीतर डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के पद से हाथ धोना पड़ा था । रोटरी इंटरनेशनल के इतिहास में, ऐसी दशा को प्राप्त होने वाले मुकेश अरनेजा पहले और अकेले रोटेरियन हैं । इस दशा को प्राप्त होने के लिए मुकेश अरनेजा ने किया यह था कि अमित जैन द्धारा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाए जाने के बाद वह खुद को सुपर गवर्नर समझने लगे, और अमित जैन के हर फैसले तथा काम में टाँग अड़ाने लगे; अमित जैन ने उनकी इन हरकतों की अनदेखी करते हुए अपना काम करना जारी रखा, तो मुकेश अरनेजा ने लोगों के बीच उनके खिलाफ बातें करना और उनकी खिल्ली उड़ाना शुरू कर दिया । मुकेश अरनेजा की हरकतों को काबू से बाहर जाता देख, अमित जैन ने मुकेश अरनेजा को कान पकड़ कर डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद से हटा दिया । मुकेश अरनेजा ने लगता है कि छह वर्ष पहले के उस प्रकरण से कोई सबक नहीं सीखा है - क्योंकि जिस तरह की हरकतों के कारण मुकेश अरनेजा को अमित जैन ने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाया था, ठीक वैसी ही हरकतें मुकेश अरनेजा ने अब सतीश सिंघल के साथ करना शुरू कर दिया है ।
मुकेश अरनेजा को जहाँ मौका मिलता है, वह वहाँ सतीश सिंघल की बुराई करना तथा उनके फैसलों व उनकी बातों की खिल्ली उड़ाना शुरू कर देते हैं । कई लोगों ने पाया/सुना है और बताया है कि हाल-फिलहाल के दिनों में मुकेश अरनेजा को कई जगह यह कहते हुए सुना गया है कि सतीश सिंघल को रोटरी के बारे में न तो कुछ पता है, और न ही वह कुछ जानना/सीखना ही चाहते हैं; मुकेश अरनेजा को इस बात की बड़ी शिकायत है कि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद की अपनी भूमिका का निर्वाह करते हुए सतीश सिंघल को जो कुछ उपयोगी सुझाव देते हैं, सतीश सिंघल उन सुझावों पर कोई ध्यान ही नहीं देते हैं और बेवकूफीभरी मनमानी करते हैं । मुकेश अरनेजा कहते/बताते हैं कि उनसे कई लोग शिकायत करते हैं कि उनके डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रहते हुए सतीश सिंघल कोई भी काम ढंग से क्यों नहीं कर पा रहे हैं । मुकेश अरनेजा का रोना है कि वह किस किस को बताएँ कि वह तो बस कहने भर को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर हैं, और सतीश सिंघल उनकी तो कुछ सुनते ही नहीं हैं । मुकेश अरनेजा का आरोप है कि एक तो सतीश सिंघल ने अपनी टीम में कई ऐसे लोगों को रख लिया है, जो किसी काम के नहीं हैं, दूसरे अपने कार्यक्रमों को संभव बनाने के लिए वह ऐसे लोगों पर निर्भर करते हैं जिन्हें रोटरी का बिलकुल भी अतापता नहीं है, और तीसरी बात यह कि किसी भी कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में लोगों के बीच उन्हें क्या बातें कहना/करना चाहिए - इसकी सतीश सिंघल को कोई समझ नहीं है; और इस कारण से वह कार्यक्रमों में अनाप-शनाप बातें करते हुए मजाक का पात्र बनते हैं । मुकेश अरनेजा कई लोगों को बता चुके हैं कि उन्होंने कई बार सतीश सिंघल को भाषण के टिप्स दिए हैं, लेकिन सतीश सिंघल ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया और अपने भाषण में बेमतलब तथा बेसिरपैर की बातें करते हुए अपनी ही हँसी उड़वाते हैं और अपने साथ साथ उनकी भी बदनामी करवाते हैं ।
हद की बात तो यह है कि मुकेश अरनेजा कहीं कहीं यह भी कहते हुए सुने गए हैं कि सतीश सिंघल को पहचानने में उनसे भारी गलती हो गई है, और उनके गवर्नर-काल के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बन कर उन्होंने अपने लिए मुसीबत ही मोल ले ली है । इसकी प्रतिक्रिया में मुकेश अरनेजा को किसी ने कहा भी कि यदि ऐसी बात है तो डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद छोड़ क्यों नहीं देते हो ? मुकेश अरनेजा ने इसे लेकिन अनसुना कर दिया । लोगों का कहना है कि मुकेश अरनेजा है ही ऐसा दोमुहाँ व्यक्ति - वह पद को कस के पकड़े भी रहेगा, और बुराई भी करेगा । कुछेक लोगों ने मुकेश अरनेजा को आगाह भी किया कि उनकी बातों से खफ़ा होकर सतीश सिंघल कहीं अमित जैन की तरह उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटा न दें । मुकेश अरनेजा इसका दोटूक जबाव देते हैं कि अमित जैन जैसी हिम्मत सतीश सिंघल में नहीं है । वह इसका कारण भी बताते हैं कि अमित जैन को रोटरी की समझ भी है और डिस्ट्रिक्ट में लोगों के साथ उनका जुड़ाव भी रहा है; इसके साथ-साथ उन्हें केके गुप्ता जैसे वरिष्ठ रोटेरियन की मदद भी मिल गई - लिहाजा अमित जैन ने तो उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाने का साहस कर लिया; किंतु सतीश सिंघल को न तो कुछ पता है और न डिस्ट्रिक्ट में उनके किसी के साथ विश्वास के संबंध हैं; मुकेश अरनेजा का कहना है कि जो लोग सतीश सिंघल के साथ काम कर रहे हैं, वह सतीश सिंघल के नहीं बल्कि वास्तव में उनके 'आदमी' हैं - इसलिए सतीश सिंघल उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाने की हिम्मत नहीं करेंगे ।
मजे की बात यह भी देखने में आई है कि सतीश सिंघल की बुराई करते हुए मुकेश अरनेजा को जब कभी यह आभास होता है कि सामने वालों को उनकी बातें हजम नहीं हो रही हैं, तब कभी कभी वह यह भी कहने लगते हैं कि मैं कोई सतीश की बुराई या शिकायत नहीं कर रहा हूँ, यह बातें मैं इसलिए बता रहा हूँ कि यदि किसी को सतीश की टीम के चयन से, और या उनके कार्यक्रमों से कोई शिकायत हो तो उसके लिए वह मुझे जिम्मेदार न माने/समझे - क्योंकि सतीश तो मेरी कुछ सुनता ही नहीं है । मुकेश अरनेजा की नकारात्मक बातों पर सतीश सिंघल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने/मिलने पर कई लोगों को आश्चर्य है, और इस आश्चर्य में उन्हें मुकेश अरनेजा का यह दावा उचित जान पड़ रहा है कि सतीश सिंघल में अमित जैन की तरह की कार्रवाई करने की हिम्मत ही नहीं है; किंतु अन्य कुछेक लोगों को लगता है और वह इसे कहते भी हैं कि सतीश सिंघल की चुप्पी से मुकेश अरनेजा की और फजीहत ही हो रही है : क्योंकि लोग खुद ही कह/पूछ रहे हैं कि मुकेश अरनेजा को यदि सचमुच लग रहा है कि सतीश सिंघल उनकी बात नहीं सुन/मान रहे हैं, और अपने फैसलों व अपनी कार्रवाइयों से अपनी और उनकी बदनामी करवा रहे हैं - तो मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद छोड़ क्यों नहीं देते ? मुकेश अरनेजा के इस अंतर्विरोधी 'व्यवहार' से लोग दरअसल यह समझने लगे हैं कि उन्हें हरेक पद चाहिए भी, और उसके लिए वह तिकड़म से लेकर खुशामद करने तक से पीछे नहीं हटेंगे - लेकिन पद मिलते ही फिर वह पद देने वाले की बुराई भी शुरू कर देंगे ।
मुकेश अरनेजा ने अपने इस व्यवहार का शिकार इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई तक को बना डाला । पहले तो उनकी खुशामद कर कर के मुकेश अरनेजा ने उनसे अपने लिए कुछेक फेवर ले लिए, और फिर वह लोगों को यह बताते फिरे कि मनोज देसाई तो चूँकि उनकी मेहरबानी से इंटरनेशनल डायरेक्टर बने हैं, इसलिए वह उन्हें हर जगह आगे रख/कर देते हैं । मनोज देसाई तक उनकी इस तरह की बातें पहुँची तो मनोज देसाई ने दुबई में हो रहे रोटरी जोन इंस्टीट्यूट के लिए कमेटियाँ बनाते समय मुकेश अरनेजा को उनकी हैसियत बता/दिखा दी । दुबई में हो रहे रोटरी जोन इंस्टीट्यूट की तैयारी के लिए मनोज देसाई ने 170 के करीब रोटेरियंस को लेकर कमेटी बनाई, लेकिन मुकेश अरनेजा को इससे बाहर रखा । मुकेश अरनेजा के लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि रोटरी जोन इंस्टीट्यूट की कमेटी में रमेश अग्रवाल और जेके गौड़ तो हैं, लेकिन मुकेश अरनेजा नहीं हैं । सतीश सिंघल को लेकर मुकेश अरनेजा आजकल जिस तरह की बातें करते हुए सुने जा रहे हैं, उन्हें सुनने वाले लोगों में से कुछेक को आशंका है कि इन बातों के चक्कर में कहीं सतीश सिंघल भी अमित जैन और मनोज देसाई की तरह मुकेश अरनेजा को उनकी हैसियत बताने/दिखाने के लिए मजबूर ही न हो जाएँ - और इस कारण से मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद एक बार फिर से कहीं गँवा न दें ।