Tuesday, December 20, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में ललित खन्ना ने अपनी कामकाजी उपलब्धियों के सहारे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी मुकाबले में बढ़त बनाने का प्रयास शुरू किया

नोएडा । ललित खन्ना को दिल्ली में ईईपीसी स्टार परफॉर्मर एक्सपोर्ट अवार्ड मिलने तथा अफ्रीका में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वॉटर मीट में भाषण देने का अवसर मिलने की घटनाओं ने डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के ठंडे पड़े माहौल में थोड़ी सी गर्मी पैदा करने का काम किया है । ललित खन्ना के क्लब के सदस्य ललित खन्ना को कामकाजी जीवन में मिली इन उपलब्धियों से खासे उत्साहित हैं, और उन्हें लगता है कि उनकी इन उपलब्धियों का उनके चुनाव पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा । चुनाव पर क्या असर पड़ेगा, यह तो बाद में पता चलेगा - अभी लेकिन इतना जरूर हुआ है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में ललित खन्ना की उम्मीदवारी की चर्चा लोगों की बातचीत के केंद्र में आ गई है; अन्यथा चुनाव की सारी चर्चा अशोक जैन और दीपक गुप्ता के बीच ही सिमट कर रह गई थी । लोगों के बीच चलने वाली चुनावी चर्चा में ललित खन्ना की उम्मीदवारी की अनुपस्थिति कई लोगों को उनकी उम्मीदवारी के बारे में भ्रम में भी डाल रही थी - और लोगों के बीच असमंजस भी बन रहा था कि ललित खन्ना की उम्मीदवारी है भी या नहीं ? ललित खन्ना और उनके क्लब के सदस्यों ने लेकिन ईईपीसी स्टार परफॉर्मर एक्सपोर्ट अवार्ड मिलने तथा एक अंतरराष्ट्रीय वॉटर मीट में भाषण देने का अवसर मिलने की घटनाओं का जैसा प्रचारात्मक इस्तेमाल किया है, उसने ललित खन्ना की उम्मीदवारी को लेकर डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच फैले/पनपे सारे भ्रमों व असमंजसों को दूर करने का काम किया है ।
इस 'काम' के चलते मजे की बात यह देखने को मिली है कि जैसे झील के शांत पानी में एक कंकड़ पड़ने से पानी में तरंगे पैदा हो जाती हैं, ठीक उसी तर्ज पर निर्जीव से पड़े डिस्ट्रिक्ट के चुनावी माहौल में हलचल सी पैदा हो गई है - और अशोक जैन व दीपक गुप्ता के समर्थकों/शुभचिंतकों को सिर्फ एक-दूसरे से ही नहीं, बल्कि ललित खन्ना से भी 'निपटने' की जरूरत दिखाई दी है । किसी भी चुनावी राजनीति में - और रोटरी की चुनावी राजनीति में भी किसी उम्मीदवार की कामकाजी सफलताएँ या उपलब्धियाँ कोई निर्णायक भूमिका सचमुच निभाती भी हैं क्या - इसे लेकर लोगों के बीच गंभीर मतभेद हैं; लेकिन लोगों के बीच इस बात पर पूरी सहमति है कि चुनाव-अभियान के दौरान मिलने वाली कोई भी सफलता या उपलब्धि उम्मीदवार तथा उसके समर्थकों/शुभचिंतकों का मनोबल बढ़ाने का काम तो करती ही है । ललित खन्ना की कामकाजी उपलब्धियों की खबर से चुनावी माहौल के साथ-साथ ललित खन्ना और उनके क्लब के सदस्यों की सक्रियता में अचानक से जो गर्मी 'देखने' को मिल रही है, उससे भी लगता है कि इन उपलब्धियों ने उनका मनोबल बढ़ाया है - आगे की कहानी इस बात पर निर्भर करेगी कि इस बढ़े मनोबल के साथ वह वास्तव में करते क्या हैं ?
कामकाजी उपलब्धियों के मामले में ललित खन्ना का रिकॉर्ड वैसे भी काफी अच्छा रहा है । निर्यातक कंपनी एपेक्स इंटरनेशनल के प्रवर्तक-निदेशक के रूप में ललित खन्ना ने कारपोरेट जगत में अपनी प्रभावी पहचान बनाई है । हैंडपंप निर्यात, खासकर अफ्रीकी देशों को निर्यात के मामले में उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें कई सम्मान और अवॉर्ड मिले हैं । ईईपीसी (इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) की तरफ से उन्हें अभी जो अवॉर्ड मिला है, वह उन्हें लगातार पाँचवी बार मिला है । पानी की समस्या और उसके हल को लेकर विभिन्न देशों में होने वाली मीटिंग्स व सेमीनारों में उन्हें स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जहाँ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि उन्हें ध्यान और गंभीरता से सुनते हैं । यह उपलब्धियाँ उनकी लीडरशिप क्वालिटी व क्षमता का सुबूत पेश करती हैं । यह सुबूत दिल्ली के कमानी ऑडीटोरियम में देश भर से जुटे निर्यातकों की उपस्थिति में आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु के हाथों स्टार परफॉर्मर एक्सपोर्ट अवार्ड लेने तथा अटलांटिक कोस्ट पर स्थित अफ्रीकन यूनियन की व्यापारिक राजधानी अबिदजान में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वॉटर मीट में 67 देशों के पाँच सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों के बीच वॉटर मैनेजमेंट पर भाषण देने और प्रशंसा पाने की घटना से बिलकुल नए रूप में सामने आया है । ललित खन्ना और उनके क्लब के सदस्यों ने प्रयास शुरू किया है कि उनकी लीडरशिप क्वालिटी व क्षमता के सुबूत का यह नया रूप डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में उनकी उम्मीदवारी के भी काम आए ।