Sunday, December 4, 2016

लायंस इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए तेजपाल खिल्लन का समर्थन जुटाने के चक्कर में जेपी सिंह को खासा तगड़ा वाला झटका दिया

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग ने सोलन में 9 से 11 दिसंबर के बीच आयोजित हो रहे डिस्ट्रिक्ट लायंस लीडरशिप इंस्टीट्यूट में जेपी सिंह की बजाए वीएस कुकरेजा को आमंत्रित करके जेपी सिंह को न सिर्फ तगड़ा झटका दिया है, बल्कि जेपी सिंह को डिस्ट्रिक्ट में उनकी हैसियत बताने/दिखाने का भी काम किया है । उल्लेखनीय है कि जेपी सिंह और वीएस कुकरेजा को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है - इस नाते से जेपी सिंह के अपने ही डिस्ट्रिक्ट में उनकी बजाए वीएस कुकरेजा को तवज्जो मिलने की बात जेपी सिंह की किरकिरी करने/कराने वाली बात तो है ही । मजे की बात यह भी है कि जीएलटी एरिया लीडर होने के नाते जेपी सिंह ही लीडरशिप इंस्टीट्यूट में शामिल होने की पात्रता रखते हैं; वीएस कुकरेजा तो जीएमटी एरिया लीडर हैं - उनका लीडरशिप इंस्टीट्यूट में भला क्या काम ? जाहिर है कि विनय गर्ग ने 'अंधेर नगरी और चौपट राजा' वाला जो सीन बनाया है, उसके पीछे की एकमात्र प्रेरणा राजनीति ही है - और इसी 'राजनीति' ने जेपी सिंह के लिए खतरे की घंटी बजाई है । गौर करने वाली बात यह भी है कि अभी छह दिन पहले ही करनाल में आयोजित हुई डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट की दूसरी मीटिंग में जेपी सिंह ने इंटरनेशनल डायरेक्टर एंडोर्सी के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी । छह दिन के अंदर अंदर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग ने लेकिन डिस्ट्रिक्ट के एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में उनकी बजाए वीएस कुकरेजा को तवज्जो देकर उनके रास्ते में धान बो देने जैसा काम किया है ।
विनय गर्ग की इस कार्रवाई से जेपी सिंह की उन्हें अपने साथ लाने की योजना भी खटाई में पड़ गई दिख रही है । जेपी सिंह मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की चुनावी राजनीति का हवाला देते हुए विनय गर्ग को अपने नजदीक करने का जुगाड़ बैठा रहे थे; वह लोगों को बता रहे थे कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने के लिए विनय गर्ग को उनके समर्थन की जरूरत पड़ेगी ही, और इसी जरूरत के चलते विनय गर्ग उनकी शरण में आने के लिए मजबूर होंगे । विनय गर्ग पर दबाव बनाने के लिए जेपी सिंह ने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह के साथ अपने सुधरते संबंधों का भी इस्तेमाल किया । जेपी सिंह ने सच तथा तर्कपूर्ण नजर आती बातों के जरिए संदेश देने की कोशिश की कि इंद्रजीत सिंह अभी भले ही विनय गर्ग के साथ रहने की कसमें खाते दिख रहे हों, लेकिन समय आने पर उनका रवैया बदला हुआ भी नजर आ सकता है । लेकिन लगता है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की राजनीति ही जेपी सिंह को उल्टी पड़ गई है । दरअसल मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की राजनीति के जरिए राजनीति करने का काम तेजपाल खिल्लन भी कर रहे हैं, और मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के चुनावी गणित में उनका पलड़ा फिलहाल जेपी सिंह से भारी देखा/पहचाना जा रहा है । जेपी सिंह को जीएलटी एरिया लीडर होने के बावजूद अपने ही डिस्ट्रिक्ट के लीडरशिप इंस्टीट्यूट में कोई जगह नहीं मिली है - इसके पीछे तेजपाल खिल्लन का हाथ बताया/समझा जा रहा है ।
वीएस कुकरेजा को तेजपाल खिल्लन के 'आदमी' के रूप में देखा/पहचाना जाता है । विनय गर्ग ने 'अपने' लीडरशिप इंस्टीट्यूट में जेपी सिंह की बजाए वीएस कुकरेजा को जो तरज़ीह दी है, उसमें उनके मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए तेजपाल खिल्लन के साथ सौदेबाजी होने के संकेत देखे/पहचाने जा रहे हैं । विनय गर्ग को लगता है कि वीएस कुकरेजा को तरजीह देकर वह मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए तेजपाल खिल्लन का समर्थन जुटा लेंगे । तेजपाल खिल्लन का अपने डिस्ट्रिक्ट के साथ-साथ अपने पास दो-एक और डिस्ट्रिक्ट्स के वोट होने का दावा है; जेपी सिंह वोट के मामले में बिलकुल खाली हैं - ऐसे में विनय गर्ग को यदि जेपी सिंह की बजाए तेजपाल खिल्लन के 'नजदीक' होने की कोशिश करने में फायदा दिख रहा है, तो यह बड़ा स्वाभाविक ही है । विनय गर्ग को हालाँकि कुछेक लोगों ने चेताया भी है कि तेजपाल खिल्लन लायनिज्म के बड़े 'व्यापारी' हैं, इसलिए उन पर ज्यादा भरोसा मत करना - उनका कुछ ठीक नहीं है कि वह कब क्या करें ? विनय गर्ग को डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विशाल सिन्हा के अनुभव से सबक लेने का सुझाव भी दिया गया है ।
उल्लेखनीय है कि विशाल सिन्हा कई लोगों से तेजपाल खिल्लन की धोखाधड़ी का रोना रो चुके हैं । विशाल सिन्हा का कहना रहा है कि तेजपाल खिल्लन के कहने पर वह वीएस कुकरेजा को डिस्ट्रिक्ट लायंस लीडरशिप इंस्टीट्यूट में ताशकंद ले गए थे, और वीएस कुकरेजा पर काफी पैसे खर्च किए थे । उन्हें उम्मीद थी कि इसके बदले में तेजपाल खिल्लन मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए उनकी मदद करेंगे, किंतु इस बारे में बात करने पर तेजपाल खिल्लन ने उन्हें टका-सा जबाव दे दिया कि मल्टीपल में उनकी बहुत बदनामी है, उनका फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ही उनके साथ नहीं है, इसलिए वह मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने का सपना देखना छोड़ ही दें । तेजपाल खिल्लन से यह सुनकर विशाल सिन्हा हैरान रह गए और उन्होंने अपने आपको ठगा हुआ महसूस किया । विशाल सिन्हा की शिकायत है कि तेजपाल खिल्लन ने वीएस कुकरेजा पर उनसे बहुत से पैसे भी खर्च करवा लिए, और फिर उन्हें टका-सा जबाव देकर टरका भी दिया । विशाल सिन्हा के साथ जो हुआ, उसका हवाला देते हुए कुछेक लोगों ने विनय गर्ग को तेजपाल खिल्लन से सावधान रहने का तथा पूरी तरह उन्हीं पर निर्भर न करने/रहने का सुझाव दिया है । लोगों का सुझाव अपनी जगह पर है, विनय गर्ग ने लेकिन अभी तेजपाल खिल्लन पर भरोसा करने का फैसला किया है ।
जेपी सिंह को अपने ही डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग से जो झटका लगा है, उससे निपटने/उबरने की कोशिश में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर योगेश सोनी की उम्मीदवारी में दिलचस्पी लेना शुरू किया है । अभी हाल ही में श्रीलंका में संपन्न हुई इसामे फोरम की मीटिंग में योगेश सोनी की सक्रियता से तथा उनके अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आनंद साहनी के साथ सहयोगात्मक संबंधों को देख कर जेपी सिंह लगता है कि काफी प्रेरित हुए हैं; और उन्हें लगा है कि वह योगेश सोनी के भरोसे मल्टीपल में राजनीति कर सकते हैं । कुछेक लोगों को हालाँकि लगता है कि योगेश सोनी के व्यक्तित्व में आक्रामकता का अभाव है; योगेश सोनी सीधे-सादे भले से व्यक्ति हैं और इस कारण से चुनावी राजनीति में वह कमजोर पड़ जाते हैं । किंतु अन्य कई लोगों का मानना और कहना है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन की चुनावी राजनीति एक अलग तरह की राजनीति की 'माँग' करती है, और यहाँ सीधे-सादे भले से लोग तेज-तर्रारों पर भारी साबित होते हैं । इस संबंध में स्वर्गीय जगदीश राय गोयल का नाम खास तौर से लिया जाता है; उनका जैसा व्यक्तित्व था, उसे देखते हुए कोई उम्मीद नहीं कर सकता था कि उनके जैसा व्यक्ति मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बन सकेगा - पर वह बने । इसी आधार पर माना/कहा जा रहा है कि जिन बातों को योगेश सोनी की कमजोरी के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, हो सकता कि वही उनकी ताकत साबित हों ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद की राजनीति में हालात किस दिशा में आगे बढ़ेंगे, इसका पता तो तब चलेगा जब उम्मीदवारों की सक्रियता पर्दे के पीछे से निकल कर सचमुच में लोगों के सामने आयेंगी; इस राजनीति के चक्कर ने अभी लेकिन जेपी सिंह को अपने ही डिस्ट्रिक्ट में बेगाना बना दिया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग ने उन्हें जो झटका दिया है, उससे उबरने में जेपी सिंह को थोड़ा समय तो लगेगा ही । देखना दिलचस्प होगा कि विनय गर्ग से मिले इस झटके को निष्प्रभावी करने के लिए वह क्या करते हैं ?