पंकज बिजल्वान की तरफ से अश्वनी काम्बोज को न सिर्फ 'धक्का' दे कर बाहर निकाल दिया गया है, बल्कि उनके खिलाफ नेगेटिव वोटिंग करवाने की बातें भी सुनाई दे रही हैं । इस तरह, यह तय होता दिख रहा है कि पंकज बिजल्वान चुनाव हारने के साथ साथ अपना एक अच्छा और विश्वसनीय दोस्त भी खोने जा रहे हैं । पंकज बिजल्वान को शिकायत है कि उन्होंने अश्वनी काम्बोज के चुनाव में उनका भरपूर साथ साथ दिया था, लेकिन अब जब उन्हें जरूरत है - तब अश्वनी काम्बोज उनका साथ नहीं दे रहे हैं । अश्वनी काम्बोज का कहना लेकिन यह है कि वह इस बात को बिलकुल याद रखे हैं कि पंकज बिजल्वान ने उनका साथ दिया था; किंतु इसके साथ वह इस सच्चाई को भी नहीं भूल पा रहे हैं कि वह यदि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने जा रहे हैं, तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ विनय मित्तल को है । अश्वनी काम्बोज का कहना है कि पंकज बिजल्वान का साथ उनके लिए महत्त्वपूर्ण था, लेकिन सिर्फ उनके साथ के सहारे तो वह कभी भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न बन पाते । अश्वनी काम्बोज का कहना रहा कि वह पंकज बिजल्वान से मिली मदद को याद रखना तथा उसका सम्मान करना चाहते हैं, तो साथ ही साथ विनय मित्तल से मिली निर्णायक मदद को भी याद रखना व उसका सम्मान करना चाहते हैं । अश्वनी काम्बोज चाहते थे कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के चक्कर में उनके संबंध न पंकज बिजल्वान से खराब हों और न विनय मित्तल से बिगड़े । अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों के अनुसार, अश्वनी काम्बोज ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को लेकर वर्ष के शुरू में विनय मित्तल से बात की थी; विनय मित्तल ने उन्हें तर्क दिया था कि उम्मीदवार 'चुनने' का 'अधिकार' गवर्नर को मिलना चाहिए - आप अगले वर्ष गवर्नर होंगे, अपने उम्मीदवार के रूप में आप पंकज बिजल्वान को चुनियेगा, मैं आपके साथ होऊँगा । अश्वनी काम्बोज को यह तर्क उचित लगा, और उन्होंने पंकज बिजल्वान को अगले लायन वर्ष में उम्मीदवार बनने के लिए राजी करने का प्रयास किया ।
अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों के अनुसार, अश्वनी काम्बोज को शुरू में लगा था कि पंकज बिजल्वान पर उनके प्रयासों का असर हो रहा है और वह अगले लायन वर्ष में उम्मीदवार बनने के लिए तैयार हो रहे हैं; लेकिन फिर उन्होंने पाया कि डिस्ट्रिक्ट के चुनावबाज नेताओं ने पंकज बिजल्वान को भड़काना शुरू किया है और पंकज बिजल्वान उनके भड़काने में आ रहे हैं । अश्वनी काम्बोज को यह देख/जान कर बुरा लगा कि पंकज बिजल्वान दोस्ती का दम तो उनके साथ भरते हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के बारे में फैसले दूसरों के कहने में आकर करते हैं । पंकज बिजल्वान डिस्ट्रिक्ट के दूसरे लोगों के भड़काने में आकर अश्वनी काम्बोज से दूर तो होते ही गए, यह प्रयास और करने लगे कि वह अश्वनी काम्बोज की कमान अपने हाथ में दिखाएँ ! डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स अपने अपने तरीके से पंकज बिजल्वान के जरिये अश्वनी काम्बोज को बेइज्जत करने के उपाय कर रहे थे, और पंकज बिजल्वान अपने स्वार्थ में उनके हाथों का खिलौना बनते गए । अश्वनी काम्बोज चाहते थे कि चूँकि उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारियाँ निभाने के लिए डिस्ट्रिक्ट के सभी लोगों का समर्थन व सहयोग चाहिए होगा, इसलिए वह सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में तटस्थ 'दिखेंगे' - लेकिन पंकज बिजल्वान ने उन्हें यह 'मौका' देना जरूरी नहीं समझा और 'जबर्दस्तीपूर्ण' तरीके से उन्हें चुनावी लड़ाई में इस्तेमाल करने के लिए घसीटा । इससे अश्वनी काम्बोज ने समझ लिया कि उन्होंने यदि निर्णायक कठोरता के साथ अपना रुख स्पष्ट नहीं किया, तो पंकज बिजल्वान व उनके समर्थक नेता उनकी इज्जत को धूल में मिला देंगे; और यह समझने के साथ ही उन्होंने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का एकतरफा समर्थन करने और 'दिखाने' से बचने का प्रयास शुरू किया । इसके जबाव में, पंकज बिजल्वान की तरफ से अपने आयोजन के निमंत्रण पत्र से अश्वनी काम्बोज को बाहर कर देने के साथ-साथ उनके खिलाफ नेगेटिव वोटिंग कराने की जो कार्रवाई हुई है - उसे पंकज बिजल्वान खेमे में फैली निराशा व अपनी हार स्वीकार करने के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है; और इसे रजनीश गोयल की उम्मीदवारी को मिलते दिख रहे व्यापक समर्थन में और इजाफा होने के लक्षण व सुबूत के रूप में ही स्वीकार किया जा रहा है ।