कोटा । बूढ़ों, बीमारों, गरीबों और अनपढ़ों की मदद के नाम पर ली गई करीब 20 लाख रुपए की ग्लोबल ग्रांट की घपलेबाजी के आरोप में रोटरी में ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स से वंचित रखने की सजा पाए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल अग्रवाल को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट में असाइनमेंट देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, और इस मामले को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट राजेश अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं । राजेश अग्रवाल के नजदीकियों के अनुसार, राजेश अग्रवाल ने सोचा तो यह था कि अनिल अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट वाटर एंड सेनीटेशन कमेटी का चेयरमैन बनाने पर कुछ दिन शोर-शराबा होगा, और फिर मामला ठंडा पड़ जायेगा । लेकिन ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को यह सवाल लगातार परेशान कर रहा है कि बूढ़ों, बीमारों, गरीबों और अनपढ़ों की मदद के नाम पर रोटरी फाउंडेशन से पैसे लेकर हड़प जाने के आरोप में रोटरी इंटरनेशनल से सजा पाए अनिल अग्रवाल के नेतृत्व में कोई भी कैसे काम कर सकेगा ? डिस्ट्रिक्ट में रोटरी सदस्यों का कहना है कि रोटरी इंटरनेशनल ने जब अनिल अग्रवाल को 30 अप्रैल 2022 तक रोटरी ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स से वंचित रखने की सजा सुनाई हुई है; तब राजेश अग्रवाल उन्हें कोई भी रोटरी असाइनमेंट कैसे दे सकते हैं ? सदस्यों का पूछना है कि राजेश अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में खुद को क्या रोटरी इंटरनेशनल से ऊपर समझ रहे हैं ? सदस्यों का कहना है कि अनिल अग्रवाल को एक डिस्ट्रिक्ट कमेटी का चेयरमैन बना कर राजेश अग्रवाल वास्तव में डिस्ट्रिक्ट 3054 की पहचान और प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं ।
राजेश अग्रवाल ने अनिल अग्रवाल को एक डिस्ट्रिक्ट असाइनमेंट देने के मामले में मजेदार किस्म के जबाव दिए हैं - पहले तो उन्होंने कहा कि जितने रुपयों की घपलेबाजी के आरोप में अनिल अग्रवाल को सजा सुनाई गई थी, उतने रुपए चूँकि रोटरी फाउंडेशन को लौटा दिए गए हैं, इसलिए अनिल अग्रवाल की सजा भी अपने आप खत्म हो गई । इस पर राजेश अग्रवाल से पूछा गया कि सजा खत्म करने का अधिकार तो रोटरी इंटरनेशनल को है, वह कैसे सजा खत्म कर सकते हैं ? राजेश अग्रवाल से यह भी पूछा गया कि यह भला कहाँ का कानून है कि चोर चोरी करता हुआ पकड़ा जाए, और उससे चोरी का सारा माल बरामद हो जाए - तो फिर उसे सजा नहीं होती है ? राजेश अग्रवाल ने तब पैंतरा बदला और तर्क किया कि अनिल अग्रवाल को तो वास्तव में इंटरनेशनल स्तर पर सजा दी गई थी, न कि डिस्ट्रिक्ट में ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स से वंचित रखने की सजा दी गई थी । इस पर सदस्यों का कहना है कि अनिल अग्रवाल को सजा सुनाते हुए जो पत्र दिया गया है (जिसे इस रिपोर्ट के अंत में पढ़ा जा सकता है), उसमें साफ साफ कहा गया है कि अनिल अग्रवाल को रोटरी में कोई ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स नहीं मिलेगा । सदस्यों का कहना है कि राजेश अग्रवाल को इतना तो पता होना ही चाहिए कि 'रोटरी' में 'डिस्ट्रिक्ट' भी आता है ।
मजे की बात यह भी है कि बूढ़ों, बीमारों, गरीबों और अनपढ़ों की मदद के नाम पर हड़पी गई ग्लोबल ग्रांट के वापस होने के मामले में भी बड़े झोल की चर्चा है । यह एक रहस्य बना हुआ है कि वापस की गई ग्रांट की रकम आखिर दी किसने है । उल्लेखनीय है कि रोटरी फाउंडेशन की रकम जिस क्लब की तरफ से दी गई है, उस क्लब का उक्त ग्रांट से कोई मतलब नहीं है; और उस क्लब ने जो रकम रोटरी फाउंडेशन को दी है, उसके पास उतनी रकम आई कहाँ से - यह भी कोई बताने को तैयार नहीं है । इस तरह रोटरी फाउंडेशन के पैसों की चोरी करने वाला मामला चोरी की रकम वापस मिल जाने के बाद भी आरोपपूर्ण बना हुआ है । अपराध कानून में चोरी का माल जहाँ से बरामद होता है, वहाँ भी जाँच-पड़ताल और पूछताछ तो होती ही है न । लेकिन इस मामले में चुप्पी बनाए रखी जा रही है । इस तरह की बातों ने लगभग दफ्न हो चुके अनिल अग्रवाल की घपलेबाजी के किस्से को फिर से 'जीवित' कर दिया है । कई लोगों को लगता है कि राजेश अग्रवाल दरअसल अनिल अग्रवाल की बातों में आ गए और अनिल अग्रवाल ने उन्हें सब्जबाग दिखा कर इस्तेमाल कर लिया तथा अपने साथ-साथ उनकी भी फजीहत करा बैठे हैं । राजेश अग्रवाल से सहानुभूति रखने वाले रोटेरियंस का कहना है कि राजेश अग्रवाल को अनिल अग्रवाल के झाँसे में नहीं आना चाहिए था और अपने पद की जिम्मेदारी व गरिमा का ध्यान रखते हुए रोटरी के आदर्शों व नियम-फैसलों - तथा डिस्ट्रिक्ट की पहचान व प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।
राजेश अग्रवाल ने अनिल अग्रवाल को एक डिस्ट्रिक्ट असाइनमेंट देने के मामले में मजेदार किस्म के जबाव दिए हैं - पहले तो उन्होंने कहा कि जितने रुपयों की घपलेबाजी के आरोप में अनिल अग्रवाल को सजा सुनाई गई थी, उतने रुपए चूँकि रोटरी फाउंडेशन को लौटा दिए गए हैं, इसलिए अनिल अग्रवाल की सजा भी अपने आप खत्म हो गई । इस पर राजेश अग्रवाल से पूछा गया कि सजा खत्म करने का अधिकार तो रोटरी इंटरनेशनल को है, वह कैसे सजा खत्म कर सकते हैं ? राजेश अग्रवाल से यह भी पूछा गया कि यह भला कहाँ का कानून है कि चोर चोरी करता हुआ पकड़ा जाए, और उससे चोरी का सारा माल बरामद हो जाए - तो फिर उसे सजा नहीं होती है ? राजेश अग्रवाल ने तब पैंतरा बदला और तर्क किया कि अनिल अग्रवाल को तो वास्तव में इंटरनेशनल स्तर पर सजा दी गई थी, न कि डिस्ट्रिक्ट में ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स से वंचित रखने की सजा दी गई थी । इस पर सदस्यों का कहना है कि अनिल अग्रवाल को सजा सुनाते हुए जो पत्र दिया गया है (जिसे इस रिपोर्ट के अंत में पढ़ा जा सकता है), उसमें साफ साफ कहा गया है कि अनिल अग्रवाल को रोटरी में कोई ग्रांट्स, अवॉर्ड्स, असाइनमेंट्स व अपॉइंटमेंट्स नहीं मिलेगा । सदस्यों का कहना है कि राजेश अग्रवाल को इतना तो पता होना ही चाहिए कि 'रोटरी' में 'डिस्ट्रिक्ट' भी आता है ।
मजे की बात यह भी है कि बूढ़ों, बीमारों, गरीबों और अनपढ़ों की मदद के नाम पर हड़पी गई ग्लोबल ग्रांट के वापस होने के मामले में भी बड़े झोल की चर्चा है । यह एक रहस्य बना हुआ है कि वापस की गई ग्रांट की रकम आखिर दी किसने है । उल्लेखनीय है कि रोटरी फाउंडेशन की रकम जिस क्लब की तरफ से दी गई है, उस क्लब का उक्त ग्रांट से कोई मतलब नहीं है; और उस क्लब ने जो रकम रोटरी फाउंडेशन को दी है, उसके पास उतनी रकम आई कहाँ से - यह भी कोई बताने को तैयार नहीं है । इस तरह रोटरी फाउंडेशन के पैसों की चोरी करने वाला मामला चोरी की रकम वापस मिल जाने के बाद भी आरोपपूर्ण बना हुआ है । अपराध कानून में चोरी का माल जहाँ से बरामद होता है, वहाँ भी जाँच-पड़ताल और पूछताछ तो होती ही है न । लेकिन इस मामले में चुप्पी बनाए रखी जा रही है । इस तरह की बातों ने लगभग दफ्न हो चुके अनिल अग्रवाल की घपलेबाजी के किस्से को फिर से 'जीवित' कर दिया है । कई लोगों को लगता है कि राजेश अग्रवाल दरअसल अनिल अग्रवाल की बातों में आ गए और अनिल अग्रवाल ने उन्हें सब्जबाग दिखा कर इस्तेमाल कर लिया तथा अपने साथ-साथ उनकी भी फजीहत करा बैठे हैं । राजेश अग्रवाल से सहानुभूति रखने वाले रोटेरियंस का कहना है कि राजेश अग्रवाल को अनिल अग्रवाल के झाँसे में नहीं आना चाहिए था और अपने पद की जिम्मेदारी व गरिमा का ध्यान रखते हुए रोटरी के आदर्शों व नियम-फैसलों - तथा डिस्ट्रिक्ट की पहचान व प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।
अनिल अग्रवाल को सजा सुनाता हुआ रोटरी इंटरनेशनल का पत्र :