मेरठ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी राजीव सिंघल की अपने गवर्नर वर्ष की टीम के लिए आवेदन माँगने की कार्रवाई को इस वर्ष हो रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, और इसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में आ रहे इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता तथा इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी से करने की तैयारी की जा रही है । कुछेक पूर्व गवर्नर्स राजीव सिंघल की कार्रवाई को लेकर खासे नाराज हैं, और मान रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी के रूप में राजीव सिंघल के जब यह रंग-ढंग हैं, तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में तो वह पता नहीं क्या करेंगे ? मजे की बात है कि कुछेक पूर्व गवर्नर्स की नाराजगी को राजीव सिंघल ने कोई तवज्जो नहीं दी है; उनका कहना है कि उन्होंने कोई रोटरी-विरोधी काम नहीं किया है और कुछेक पूर्व गवर्नर्स नाहक ही बात का बतंगड़ बना रहे हैं । राजीव सिंघल कुछेक पूर्व गवर्नर्स की नाराजगी को तवज्जो देते हुए भले ही नहीं दिख रहे हों; लेकिन उनके नजदीकियों के अनुसार, वह इस बात को लेकर चिंतित जरूर हैं कि शेखर मेहता व कमल सांघवी के सामने उनकी कार्रवाई की शिकायत यदि हुई - तो उन दोनों के बीच उन्हें लेकर एक नकारात्मकता जरूर बनेगी, जो उनकी रोटरी की 'आगे की यात्रा' के लिए नुकसानदेह हो सकती है । समझा जाता है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में शेखर मेहता और कमल सांघवी को एक साथ बुलाने की 'व्यवस्था' राजीव सिंघल ने ही की है, और इस व्यवस्था के जरिये राजीव सिंघल ने रोटरी के सेटअप में अपनी पहुँच ऊँची करने की तैयारी दिखाई है । ऐसे में, उन्हें डर है कि शेखर मेहता और कमल सांघवी के सामने यदि यह बात जाहिर हुई कि उनके डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स उनकी पक्षपातपूर्ण राजनीतिक कार्रवाईयों से नाराज हैं, तो यह रोटरी के सेटअप में अपनी पहुँच ऊँची करने की उनकी तैयारी को झटका दे सकती है ।
राजीव सिंघल को इस वर्ष हो रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए डीके शर्मा व अशोक गुप्ता के बीच होने वाले चुनाव में अशोक गुप्ता के समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । अशोक गुप्ता, राजीव सिंघल के नजदीकी रिश्तेदार हैं । समझा जाता है और डिस्ट्रिक्ट में चर्चा है कि राजीव सिंघल ने ही उन्हें उम्मीदवार बनाया है - अन्यथा अशोक गुप्ता की रोटरी में न तो ज्यादा रुचि रही है और न ज्यादा संलग्नता रही है । अपने क्लब के आयोजनों में ही वह वर्ष में मुश्किल से दो या तीन मौकों पर ही शामिल होते हुए देखे गए हैं । अशोक गुप्ता के नजदीकियों को ही हैरानी है कि रोटरी के आयोजनों में यदा-कदा दिखने वाले अशोक गुप्ता को आखिर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की कैसे और क्यों सूझी ? लोगों के बीच यह चर्चा भी है कि अशोक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट में लोगों को जानते/पहचानते तक नहीं हैं, और न ही लोग उन्हें जानते/पहचानते हैं - ऐसे में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में कूद पड़ने का फैसला भला किसके भरोसे लिया है । हालाँकि यह जल्दी ही स्पष्ट हो गया कि अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी पूरी तरह राजीव सिंघल के भरोसे ही है । राजीव सिंघल ने अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के लिए प्रयत्न तो काफी किए हैं, लेकिन लगता है कि अपने प्रयत्न खुद उन्हें भी नाकाफी लग रहे हैं । राजीव सिंघल को भी लग रहा है कि उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद अशोक गुप्ता की चुनावी स्थिति डीके शर्मा के मुकाबले काफी कमजोर है । आरोप है कि इसीलिए चुनाव शुरू होने से छह दिन पहले राजीव सिंघल ने अपने गवर्नर-वर्ष के पदों के जरिये वोटों को 'खरीदने' का दाँव चला है ।
राजीव सिंघल का यह कहना तो बिलकुल दुरुस्त है कि अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के पदों का ऑफर देने का जो पत्र उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को भेजा है, वह कोई रोटरी-विरोधी काम नहीं है । लेकिन उक्त पत्र भेजने की जो टाइमिंग है, वह पदों के ऑफर के जरिये डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को प्रभावित करने के आरोप को हवा देती है । मजे की बात यह है कि राजीव सिंघल ने अपने गवर्नर-वर्ष के लिए विजन अभी तय नहीं किया है; रोटरी की व्यवस्था के अनुसार, यह अभी तय हो भी नहीं सकता है; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में राजीव सिंघल जब ट्रेनिंग के लिए जायेंगे, तब इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट उक्त विजन देंगे - जाहिर है कि उसके बाद ही तथा उसके अनुरूप ही उन्हें अपनी टीम के पदों का निर्धारण करना होगा, और उसके बाद ही यह तय कर सकना संभव व उचित होगा कि योग्यतानुसार किसे क्या पद दिया जाए । राजीव सिंघल अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के पदाधिकारियों को चुनने की उचित प्रक्रिया को अपनाये बिना जिस तरह से पदों के लिए आवेदन माँग बैठे हैं, उससे साफ संकेत मिला है कि यह कार्रवाई उन्होंने अपने गवर्नर-वर्ष को प्रभावी बनाने के लिए नहीं, बल्कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव को प्रभावित करने के लिए - और अशोक गुप्ता के लिए वोट 'खरीदने' के लिए की है । उनकी इस कार्रवाई के दो दिन बाद ही डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस हो रही है, जिसमें इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता तथा इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी आ रहे हैं - तो डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स ने इस मामले को उनके सामने उठाने तथा राजीव सिंघल की शिकायत करने की तैयारी दिखाई है । राजीव सिंघल के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि अभी तक उन्हें पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई के नजदीक समझा/पहचाना जाता था; लेकिन राजीव सिंघल अब मनोज देसाई को छोड़ कर कमल सांघवी के नजदीक आने की कोशिश कर रहे हैं - ऐसे में, उनकी चिंता है कि उनके डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स उनकी शिकायत करेंगे, तो कमल सांघवी के यहाँ उनकी अनुकूल स्थिति कैसे बनेगी ? राजीव सिंघल के नजदीकियों को डर है कि अशोक गुप्ता की चुनावी स्थिति सुधारने के चक्कर में राजीव सिंघल रोटरी सेटअप में कहीं अपनी स्थिति न खराब कर लें ?