गाजियाबाद । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन की अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के सदस्यों के साथ की गई जिस पिकनिक पार्टी को प्रियतोष गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए खतरे के संकेत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था, वह अंततः उनके लिए वरदान की तरह साबित हुई है । कुछेक लोगों को तो लग रहा है जैसे सुभाष जैन ने उक्त पार्टी प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति अपना समर्थन 'दिखाने' के लिए ही आयोजित की । हालाँकि पार्टी से पहले चर्चा थी कि उक्त पार्टी में सुभाष जैन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए किसी उम्मीदवार को लॉन्च कर सकते हैं; दरअसल लोगों को उक्त पार्टी का कोई मकसद समझ नहीं आ रहा था - इसलिए अनुमान लगाया जा रहा था कि सुभाष जैन डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में कोई बड़ा धमाका करने के लिए पार्टी कर रहे हैं । पार्टी से कुछ ही दिन पहले सुभाष जैन चूँकि रूस की यात्रा करके लौटे थे, जहाँ वह अपने कुछेक नजदीकी रोटेरियंस साथियों के साथ गए थे - इसलिए माना/समझा जा रहा था कि अपने साथियों के साथ सुभाष जैन ने रूस में जरूर कोई 'खिचड़ी' पकाई होगी, जिसके 'स्वाद' से वह पार्टी में लोगों को परिचित करवायेंगे ।
इसीलिए पार्टी से पहले, पार्टी को प्रियतोष गुप्ता के लिए खतरे के संकेत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । माना जा रहा था कि सुभाष जैन किसी को भी उम्मीदवार घोषित करेंगे, तो वह प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए ही मुसीबत बनेगा । पार्टी में लेकिन जब ऐसी किसी कोशिश की सुगबुगाहट भी नहीं देखी गई, तो प्रियतोष गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों ने राहत की साँस ली । सुभाष जैन पार्टी में बल्कि कई मौकों पर प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन की बातें करते सुने/देखे गए, तो मामला बल्कि उल्टा हो गया । सुभाष जैन को प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव दिखाते देख प्रियतोष गुप्ता के नजदीकी और समर्थक प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी की सफलता के प्रति आश्वस्त और हो उठे । इस तरह अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के सदस्यों के साथ की गई सुभाष जैन की जिस पार्टी में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए खतरा पैदा होने का डर बना था, वह वास्तव में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी को लाभ पहुँचाने का माध्यम बन गई ।
उक्त पार्टी ने दरअसल एक बार फिर दिखाया और साबित किया कि सुभाष जैन डिस्ट्रिक्ट के ही नहीं, बल्कि रोटरी के भी 'शो मैन' हैं । 'शो मैन' बनने के चक्कर में सुभाष जैन को कुछेक बार चिढ़नतु किस्म के रोटरी नेताओं की आलोचना भी सुननी/झेलनी पड़ी है, लेकिन उन्होंने अपना स्टाइल नहीं छोड़ा । डिस्ट्रिक्ट और या रोटरी के इतिहास में इससे पहले शायद ही कभी कहीं यह हुआ हो कि कोई निवर्त्तमान और या पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के सदस्यों को जोड़े रखे और उनके साथ पार्टी का आयोजन करे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तक के लिए तो अपने अधिकृत कार्यक्रम ढंग से कर पाना मुश्किल होता है, उसके लिए वह बेचारा स्पॉन्सर्स खोजते खोजते परेशान हो जाता है - ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी से उतरने के बाद उसके लिए कुछ करने की न हिम्मत बची रह पाती है और न उत्साह । सुभाष जैन ने लेकिन इस 'प्रथा' को तोड़ने का काम किया और एक अलग व नया उदाहरण स्थापित किया । सुभाष जैन ने पार्टी का सिर्फ आयोजन ही नहीं किया, बल्कि उसे भव्य तरीके से अंजाम भी दिया । उक्त पार्टी में शामिल होने वाले लोगों ने रेखांकित किया कि इतनी भीड़ और इतना बढ़िया इंतजाम तो डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में भी नहीं हुआ था । इतिहास बनाती/रचती एक शानदार व बड़ी पार्टी में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी पर सुभाष जैन के समर्थन की लगती मुहर ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के परिदृश्य को भी लगभग स्पष्ट कर दिया है ।
इसीलिए पार्टी से पहले, पार्टी को प्रियतोष गुप्ता के लिए खतरे के संकेत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । माना जा रहा था कि सुभाष जैन किसी को भी उम्मीदवार घोषित करेंगे, तो वह प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए ही मुसीबत बनेगा । पार्टी में लेकिन जब ऐसी किसी कोशिश की सुगबुगाहट भी नहीं देखी गई, तो प्रियतोष गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों ने राहत की साँस ली । सुभाष जैन पार्टी में बल्कि कई मौकों पर प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन की बातें करते सुने/देखे गए, तो मामला बल्कि उल्टा हो गया । सुभाष जैन को प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव दिखाते देख प्रियतोष गुप्ता के नजदीकी और समर्थक प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी की सफलता के प्रति आश्वस्त और हो उठे । इस तरह अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के सदस्यों के साथ की गई सुभाष जैन की जिस पार्टी में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए खतरा पैदा होने का डर बना था, वह वास्तव में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी को लाभ पहुँचाने का माध्यम बन गई ।
उक्त पार्टी ने दरअसल एक बार फिर दिखाया और साबित किया कि सुभाष जैन डिस्ट्रिक्ट के ही नहीं, बल्कि रोटरी के भी 'शो मैन' हैं । 'शो मैन' बनने के चक्कर में सुभाष जैन को कुछेक बार चिढ़नतु किस्म के रोटरी नेताओं की आलोचना भी सुननी/झेलनी पड़ी है, लेकिन उन्होंने अपना स्टाइल नहीं छोड़ा । डिस्ट्रिक्ट और या रोटरी के इतिहास में इससे पहले शायद ही कभी कहीं यह हुआ हो कि कोई निवर्त्तमान और या पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अपने गवर्नर-वर्ष की टीम के सदस्यों को जोड़े रखे और उनके साथ पार्टी का आयोजन करे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तक के लिए तो अपने अधिकृत कार्यक्रम ढंग से कर पाना मुश्किल होता है, उसके लिए वह बेचारा स्पॉन्सर्स खोजते खोजते परेशान हो जाता है - ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की कुर्सी से उतरने के बाद उसके लिए कुछ करने की न हिम्मत बची रह पाती है और न उत्साह । सुभाष जैन ने लेकिन इस 'प्रथा' को तोड़ने का काम किया और एक अलग व नया उदाहरण स्थापित किया । सुभाष जैन ने पार्टी का सिर्फ आयोजन ही नहीं किया, बल्कि उसे भव्य तरीके से अंजाम भी दिया । उक्त पार्टी में शामिल होने वाले लोगों ने रेखांकित किया कि इतनी भीड़ और इतना बढ़िया इंतजाम तो डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में भी नहीं हुआ था । इतिहास बनाती/रचती एक शानदार व बड़ी पार्टी में प्रियतोष गुप्ता की उम्मीदवारी पर सुभाष जैन के समर्थन की लगती मुहर ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के परिदृश्य को भी लगभग स्पष्ट कर दिया है ।