Monday, July 27, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में रवि दयाल के क्लब के अधिष्ठापन समारोह की सफलता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में विनय भाटिया के लिए समस्या और चुनौती बनी

नई दिल्ली । रवि दयाल के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली मेगापोलिस के नए पदाधिकारियों के अधिष्ठापन समारोह में डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख लोगों की जुटी भीड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत रवि दयाल की उम्मीदवारी का 'वजन' बढ़ाने का काम तो किया ही है - साथ ही उनके संभावित प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार विनय भाटिया के लिए खासी मुसीबत भी खड़ी कर दी है । हुआ दरअसल यह कि रवि दयाल के क्लब के अधिष्ठापन समारोह का जलवा देख कर लोगों के बीच चर्चा छिड़ी कि विनय भाटिया के क्लब - रोटरी क्लब फरीदाबाद एनआईटी में अधिष्ठापन समारोह कब होगा । इस बारे में पक्की जानकारी तो किसी के पास नहीं थी, किंतु अधिकतर लोगों ने एक बात यह बताई कि विनय भाटिया अपने क्लब का अधिष्ठापन समारोह सितंबर माह के अंत में करने की सोच रहे हैं । इसका कारण वह यह बता रहे हैं कि तब तक क्लब्स में नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों के नाम तय हो जायेंगे और वह अधिष्ठापन समारोह में उन्हें भी खिला-'पिला' कर खुश कर लेंगे । यह जो 'कारण' सामने आया - उसने लेकिन एक उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया की किरकिरी कर दी । कई लोगों का कहना रहा कि देर से अधिष्ठापन समारोह करने का जो कारण विनय भाटिया बता रहे हैं - उसके जरिए वास्तव में वह यह दिखा/जता रहे हैं कि उन्हें न तो अधिष्ठापन समारोह की जरूरत व गरिमा का पता है, और न नोमीनेटिंग कमेटी के लिए चुने जाने वाले सदस्यों की इज्जत की परवाह है । लोगों का मानना और कहना है कि एक उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया की यह सोच ही उनकी उम्मीदवारी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है । 
उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में विनय भाटिया को सबसे ज्यादा आलोचना अपने अपरिपक्व और बचकाने किस्म के व्यवहार के कारण ही झेलनी पड़ रही है । उनकी उम्मीदवारी के कई समर्थक व शुभचिंतक भी मानते/कहते हैं कि अपने व्यवहार के कारण विनय भाटिया अपने खेमे के लोगों का समर्थन भी खोते जा रहे हैं, लेकिन फिर भी कोई सबक नहीं सीख रहे हैं । उनके कुछेक समर्थकों ने बताया कि उन्होंने विनय भाटिया को जब समझाया, तो ऐसा लगा कि जैसे विनय भाटिया हालात की नाजुकता को समझ रहे हैं और एक उम्मीदवार के अनुरूप अपने आप को बदलने के लिए तैयार कर रहे हैं - लेकिन फिर देखने में आता है कि मामला जहाँ का तहाँ ही बना हुआ है । विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थक उनके व्यवहार से लोगों के बीच पड़ रहे नकारात्मक असर से निपटने का तरीका तो अभी खोज नहीं पाए हैं; कि उनके क्लब के अधिष्ठापन समारोह को लेकर मजाक और शुरू हो गए हैं । इन मजाकों में फरीदाबाद के भी लोगों के शामिल हो जाने से इन मजाकों को न सिर्फ और हवा मिली बल्कि विश्वसनीयता भी प्राप्त हुई । 
रोटरी की चुनावी राजनीति में उम्मीदवार के क्लब का अधिष्ठापन समारोह उम्मीदवार की 'ताकत' को नापने/आँकने का एक पैमाना बन गया है - हालाँकि इस पैमाने के फूलप्रूफ होने का कोई सुबूत नहीं है । यूँ तो उम्मीदवार के क्लब में हुए अधिष्ठापन समारोह के आधार पर उम्मीदवार के जीतने/हारने का अनुमान लगाना फिजूल की कसरत ही होगी - लेकिन फिर भी यह समारोह उम्मीदवार की सोच, उसके नजरिए और अपनी उम्मीदवारी के प्रति उसकी गंभीरता का पैमाना अवश्य ही है । देखने की बात यह नहीं होती है कि उम्मीदवार के क्लब का अधिष्ठापन समारोह किस तामझाम से हुआ है; देखने की बात यह होती है कि अधिष्ठापन समारोह के जरिए उम्मीदवार लोगों को दिखाता/बताता क्या है ? विनय भाटिया के क्लब का अधिष्ठापन समारोह बिना तामझाम के, सामान्य तरीके से हो जाता - तो इतना बबाल नहीं मचता; क्योंकि तब मान लिया जाता कि अपने चुनाव अभियान में वह अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह को कोई अहमियत नहीं दे रहे हैं । लेकिन अभी जो कहा/बताया जा रहा है, उससे लोगों के बीच संदेश यह गया है कि विनय भाटिया अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह का राजनीतिक उपयोग तो करेंगे, किंतु इस उपयोग को ढंग से करने के लिए उनके पास आवश्यक तैयारी नहीं है; और इस चक्कर में वह अधिष्ठापन समारोह की जरूरत व गरिमा के साथ साथ अपने क्लब के पदाधिकारियों तथा चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों की इज्जत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं । 
विनय भाटिया के समर्थक समझे जाने वाले लोगों ने ही बताया है कि विनय भाटिया तो चाहते थे कि उनके क्लब का अधिष्ठापन समारोह जल्दी हो; क्लब में उन्होंने सुझाव दिया था कि अधिष्ठापन समारोह क्लब के सदस्य करें, और फिर सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में क्लब का एक बड़ा कार्यक्रम 'वह' करेंगे । क्लब के पदाधिकारियों ने लेकिन उन्हें स्पष्ट बता दिया कि अधिष्ठापन समारोह यदि बड़ा करना है, तो उसमें होने वाला अतिरिक्त खर्च उन्हें ही उठाना होगा । उनका तर्क रहा कि उम्मीदवार होने के नाते यह उनकी जरूरत है कि क्लब का अधिष्ठापन समारोह तामझाम से हो, लिहाजा इस तामझाम के चलते जो अतिरिक्त खर्चा आयेगा - उसे उन्हें ही उठाना पड़ेगा । क्लब के पदाधिकारियों का सुझाव था कि विनय भाटिया यदि अतिरिक्त खर्च उठाने के लिए तैयार नहीं हैं, तो फिर वह अपने सामान्य तरीके से ही अधिष्ठापन समारोह कर लेते हैं, किंतु विनय भाटिया इस बात के लिए भी राजी नहीं हुए । उनका कहना रहा कि इससे एक उम्मीदवार के रूप में उनकी बड़ी फजीहत होगी । विनय भाटिया ने तब 'बीच का' रास्ता निकाला और वह यह कि सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में नोमीनेटिंग कमेटी के लिए क्लब्स में चुने गए सदस्यों को 'निपटाने' के लिए वह जिस आयोजन के बारे में सोच रहे हैं, उसे अधिष्ठापन समारोह के रूप में ही कर लेंगे । इस तरह विनय भाटिया ने अपना काम तो बना लिया, किंतु क्लब के पदाधिकारियों को फँसा दिया । किसी भी अच्छे क्लब में नए पदाधिकारियों का अधिष्ठापन रोटरी वर्ष के शुरू के दिनों में ही हो जाता है, या हो जाना चाहिए - किंतु विनय भाटिया के रवैये के चलते रोटरी क्लब फरीदाबाद एनआईटी के पदाधिकारियों को लंबे समय तक बिना अधिष्ठापित हुए लोगों के बीच रहना होगा । इस कारण से रोटरी क्लब फरीदाबाद एनआईटी के नए पदाधिकारियों का रोटरी के प्रति सारा उत्साह फीका पड़ता जा रहा है । 
विनय भाटिया के क्लब का यह सारा झमेला सामने न आया होता, यदि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार रवि दयाल के क्लब के अधिष्ठापन समारोह को लोगों के बीच चर्चा न मिली होती । उल्लेखनीय है कि अभी कुछ ही दिन पहले रवि दयाल के क्लब को प्लेटिनम क्लब का अवार्ड मिलने तथा खुद रवि दयाल को लीडरशिप एक्सीलेंस की ट्रॉफी मिलने के कारण लोगों के बीच व्यापक चर्चा मिली ही थी । और अब क्लब के अधिष्ठापन समारोह ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को प्रभावित किया ।डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति, इंतजाम, क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के लिहाज से हर किसी को अधिष्ठापन समारोह पूरी तरह परफेक्ट लगा और सभी ने माना कि इस आयोजन से रवि दयाल की उम्मीदवारी का वजन और बढ़ा ही है । इसी प्रक्रिया में विनय भाटिया की उम्मीदवारी का वजन नापने की कोशिश हुई, तो अधिष्ठापन समारोह को लेकर उनके क्लब में चल रहा झमेला सामने आया - जिससे उनके समर्थकों व शुभचिंतकों को खासा तगड़ा वाला झटका लगा है । विनय भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थकों का ही कहना है कि क्लब के अधिष्ठापन समारोह को लेकर ही विनय भाटिया जब अपने क्लब को न तो प्रेरित कर पाए और न ही क्लब के सदस्यों का सहयोग जुटा पाए हैं, तब फिर अपनी उम्मीदवारी का अभियान वह कैसे संयोजित कर पायेंगे ? अधिष्ठापन समारोह के झमेले के बहाने से विनय भाटिया की उम्मीदवारी को लेकर जिस तरह की जो बातें सामने आईं हैं, उसके कारण फरीदाबाद के लोगों के बीच भी विनय भाटिया की उम्मीदवारी को लेकर गहरी नाराजगी और निराशा पैदा हुई है, और उनके बीच भी तरह तरह की बातें सुनाई देने लगी हैं - जो विनय भाटिया की उम्मीदवारी के संदर्भ में परेशानी खड़ी करने वाली हैं ।