Thursday, July 23, 2015

रोटरी कोऑर्डिनेटर विजय जालान के रवैये से निराश और नाराज होने के बाद मुकेश अरनेजा ने असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर के रूप में निमंत्रण और मान-सम्मान पाने के लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई से मदद की जो गुहार लगाई है, उसने मनोज देसाई को मुसीबत में डाला

नई दिल्ली । मुकेश अरनेजा की एक गुहार ने इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई को अजीब से संकट में फँसा दिया है । मुकेश अरनेजा ने मनोज देसाई से उन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को डांट लगाने की गुहार लगाई है, जो उन्हें असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर के उनके पद के अनुरूप काम और सम्मान नहीं दे रहे हैं । मनोज देसाई से की गई अपनी शिकायत में मुकेश अरनेजा ने अपने इमीडियेट बॉस - रोटरी कोऑर्डिनेटर विजय जालान को भी लपेट लिया है । मुकेश अरनेजा की शिकायत है कि असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर के रूप में उन्हें जिन डिस्ट्रिक्ट्स का चार्ज मिला है, उनके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अपने अपने डिस्ट्रिक्ट में उन्हें बुला ही नहीं रहे हैं; बुलाए जाने के लिए उन्होंने खुद अपनी तरफ से पहल भी की, किंतु अलग अलग तरह की बहानेबाजी करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने उन्हें टाल दिया है । मुकेश अरनेजा का कहना है कि इस बारे में पहले उन्होंने विजय जालान से शिकायत की थी, विजय जालान ने लेकिन इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करना तो दूर - उलटे उन्हें ही बदनाम करना शुरू कर दिया है । मुकेश अरनेजा के अनुसार, विजय जालान जहाँ-तहाँ लोगों को बताते फिर रहे हैं कि मुकेश अरनेजा की रोटरी में इतनी बदनामी है कि कोई गवर्नर उन्हें अपने यहाँ आमंत्रित ही नहीं करना चाहता है । जोन 4 तथा जोन 6ए के रोटरी कोऑर्डिनेटर विजय जालान के रवैये से निराश और नाराज होने के बाद मुकेश अरनेजा ने अब मनोज देसाई से गुहार लगाई है कि वह उन्हें संदर्भित डिस्ट्रिक्ट्स में असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर के रूप में निमंत्रण दिलवाएँ ।
मनोज देसाई की समस्या यह है कि मुकेश अरनेजा को असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर का पद देने के कारण वह पहले से ही रोटेरियंस की आलोचना के निशाने पर हैं । मुकेश अरनेजा जैसे बदनाम व्यक्ति को इतना महत्वपूर्ण पद देकर मनोज देसाई ने अपनी समझदारी और अपने विवेक को सवालों के घेरे में तो ला ही दिया है - रही/सही कसर मुकेश अरनेजा ने लोगों को बार बार यह बता कर पूरी कर दी कि मनोज देसाई को इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाने में नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्य के रूप में उन्होंने जो मदद की थी, उसके धन्यवाद के रूप में मनोज देसाई ने उन्हें यह पद दिया है । दरअसल पिछले दिनों मुकेश अरनेजा की हरकतों के कारण उन्हें जब उनके क्लब से निकाल दिया गया था, तब यह सवाल उठा था कि इस बिना पर क्या मनोज देसाई उनसे असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर का पद वापस ले लेंगे ? इस सवाल के जबाव में ही मुकेश अरनेजा ने लोगों के बीच दावा किया था कि उन्होंने ही मनोज देसाई को इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाया था, और इसी बात को याद रखते हुए मनोज देसाई ने उन्हें यह पद दिया है - इसलिए यह पद वापस लेने के बारे में मनोज देसाई सोच भी नहीं पायेंगे । मुकेश अरनेजा को हर बात का - खासतौर से हर किसी को चुनाव जितवाने का श्रेय लेने का बहुत शौक है; उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में उनका एक जुमला बड़ा मशहूर है कि 'मैं चाहूँ तो सड़क से एक रिक्शेवाले को पकड़ कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवा दूँ'; लेकिन मनोज देसाई के बारे में किए गए उनके इस तरह के दावे ने मनोज देसाई के लिए असहज स्थिति पैदा की । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी सँभाल रहे मनोज देसाई इस स्थिति को तो किसी तरह झेल रहे थे, लेकिन मुकेश अरनेजा की नई गुहार ने उनके लिए एक अजीब तरह की समस्या खड़ी कर दी है । 
मनोज देसाई के लिए समस्या की बात यह है कि उनके द्वारा नियुक्त एक असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर को यदि संदर्भित डिस्ट्रिक्ट्स में आमंत्रित करने लायक नहीं समझा जा रहा है, तो यह उनके 'फैसले' पर भी एक कठोर टिप्पणी है - मुकेश अरनेजा दरअसल इसी तर्क का सहारा लेकर मनोज देसाई को उकसा रहे हैं, और उन्हें संदर्भित डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं । मनोज देसाई के लिए किंतु समस्या यह है कि वह क्या कार्रवाई करें और किस आधार पर करें ? वह यदि कोई कार्रवाई करते भी हैं तो अपनी ही फजीहत करवायेंगे । रोटरी कोऑर्डिनेटर विजय जालान के अनुभव ने उनके लिए यह संभावना और बढ़ा भी दी है । मुकेश अरनेजा की शिकायत पर विजय जालान ने अपने तरीके से मामले को हल करने का प्रयास किया तो था, किंतु संदर्भित डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने जब उन्हें साफ बता दिया कि मुकेश अरनेजा जैसे बदनाम व्यक्ति को तवज्जो देने के लिए उनके डिस्ट्रिक्ट में कोई भी राजी नहीं है, तब फिर वह कैसे उन्हें अपने यहाँ आमंत्रित कर सकते हैं ? संदर्भित डिस्ट्रिक्ट्स में मुकेश अरनेजा के प्रति बने इस माहौल में असिस्टेंट रोटरी कोऑर्डिनेटर मुकेश अरनेजा के लिए कुछ करने में मनोज देसाई को खतरा ही खतरा नजर आ रहा है । 
मनोज देसाई इसीलिए चाहते हैं कि इस मामले को मुकेश अरनेजा खुद ही हल करें । मुकेश अरनेजा लेकिन रमेश अग्रवाल के साथ हुए 'हादसे' से डरे हुए हैं । उल्लेखनीय है कि अभी कुछ ही दिन पहले रमेश अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुधीर मंगला से अपने यहाँ के कार्यक्रमों में आमंत्रित न करने की शिकायत करने पर कई प्रमुख लोगों की उपस्थिति में भारी फटकार सुनने को मिली थी । रमेश अग्रवाल रोटरी इंडिया विन्स कमेटी के जोनल कोऑर्डिनेटर हैं और इस बात से बड़े परेशान रहते हैं कि उनके पास जो पद है, उसके अनुरूप उन्हें निमंत्रण और सम्मान नहीं मिलता । मुकेश अरनेजा के पहले चेले रहे और फिर साथी बने किंतु अब मुकाबलेबाज बने रमेश अग्रवाल के रंग-ढंग मुकेश अरनेजा जैसे ही हैं; और बदनामी 'कमाने' में भी उनके साथ होड़ में रहते हैं । तीन-तिकड़म से यह दोनों अपने लिए पदों का जुगाड़ तो कर लेते हैं, लेकिन पद के साथ जो मान-सम्मान मिलना चाहिए - उसके न मिलने पर परेशान रहते हैं । ये यह समझने में विफल रहे हैं कि पद तो तीन-तिकड़म से और जुगाड़ से मिल जाते हैं; किंतु मान-सम्मान तो व्यवहार और आचरण से ही मिलता है । इस बात को भूल कर एक कार्यक्रम में रमेश अग्रवाल ने जब डिस्ट्रिक्ट 3011 के गवर्नर सुधीर मंगला से शिकायत की, तो सुधीर मंगला ने उन्हें तबीयत से ऐसी झाड़ पिलाई कि उनके लिए बचना मुश्किल हो गया । मौके पर मौजूद पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता ने किसी तरह सुधीर मंगला को शांत करके रमेश अग्रवाल को बचाया । रमेश अग्रवाल के साथ यह जो बीती, उससे सबक लेते हुए मुकेश अरनेजा ने आमंत्रण न मिलने को लेकर संदर्भित डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से बात करने का साहस नहीं किया और पहले विजय जालान से मदद की गुहार लगाई, और अब मनोज देसाई से शिकायत की है । उन्हें उम्मीद है कि मनोज देसाई अवश्य ही उनकी मदद करेंगे । यह देखना दिलचस्प होगा कि मुकेश अरनेजा को संदर्भित डिस्ट्रिक्ट्स से निमंत्रण और वहाँ मान-सम्मान दिलवाने के लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई क्या करते हैं ?