मेरठ । सुनील गुप्ता पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में तरह तरह से पैसे जुटाने/बसूलने के गंभीर आरोपों को लेकर 'रचनात्मक संकल्प' ने पीछे जो रिपोर्ट प्रकाशित की थी, उसे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एमएस जैन द्वारा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को लिखी चिट्ठी में दिए गए विवरणों ने न केवल सही साबित कर दिया है, बल्कि सुनील गुप्ता द्वारा मचाई गई लूट-खसोट के मामले को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है । एमएस जैन ने अपनी चिट्ठी में जिस विस्तार के साथ डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी तथा रोटरी के विभिन्न कार्यक्रमों की आड़ में सुनील गुप्ता द्वारा पैसा बनाने के तथ्यों का हवाला दिया है, उसने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुनील गुप्ता की सरेआम फजीहत कर दी है - लोगों को लग रहा है कि एमएस जैन ने सुनील गुप्ता को जैसे भरे बाजार रंगे हाथ पकड़ लिया है । मजे की बात यह हुई है कि एमएस जैन ने अपनी इसी चिट्ठी में निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी पर भी अपने अवार्ड फंक्शन को एक उम्मीदवार से स्पॉन्सर कराने का आरोप लगाया, किंतु संजीव रस्तोगी ने तुरंत से इस आरोप का प्रतिवाद किया और ऐलान किया कि इस आरोप को एमएस जैन यदि साबित कर दें तो वह कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं - जिसके बाद एमएस जैन, संजीव रस्तोगी से माफी माँगने के 'मोड' में आ गए । संजीव रस्तोगी ने तो अपने ऊपर लगे आरोप का तत्परता से जबाव दिया और सुबूत प्रस्तुत करने की चुनौती दी, लेकिन सुनील गुप्ता ने एमएस जैन के आरोपों पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है । दरअसल सुनील गुप्ता जानते हैं कि वह संजीव रस्तोगी जैसा न तो साहस दिखा सकते हैं और न साफगोई अपना सकते हैं - क्योंकि उनपर जो आरोप लगे हैं, वह पूरी तरह सच हैं ।
एमएस जैन की चिट्ठी ने और इस चिट्ठी में लिखी बातों ने सुनील गुप्ता की इतनी फजीहत नहीं की है, जितनी एमएस जैन के आरोपों पर सुनील गुप्ता द्वारा अपनाई गई चुप्पी ने और आरोपों पर मिट्टी डालने की उनकी कोशिश ने की है । सुनील गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि एमएस जैन की चिट्ठी पर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसे डिस्ट्रिक्ट के लोगों से छिपा कर सुनील गुप्ता ने मामले को दबा देने का पक्का इंतजाम कर लिया था - किंतु संजीव रस्तोगी ने उनके सारे इंतजाम पर पानी फेर दिया । उल्लेखनीय है कि केआर रवींद्रन को संबोधित चिट्ठी की कॉपी एमएस जैन ने इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई को भी भेज दी थी । मनोज देसाई ने उनकी चिट्ठी संजीव रस्तोगी तथा सुनील गुप्ता को भेज कर दोनों से जबाव देने को लिखा/कहा । सुनील गुप्ता का इरादा और प्रयास था कि मनोज देसाई को जबाव दे दिया जाए और इस बात को डिस्ट्रिक्ट के लोगों से छिपा लिया जाए । संजीव रस्तोगी ने लेकिन इस बात को मंजूर नहीं किया और डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच झूठे आरोप लगाने के लिए एमएस जैन की लानत-मलानत की, और एमएस जैन को माफी माँगने पर मजबूर किया । सुनील गुप्ता ऐसा नहीं कर सके, क्योंकि वह जानते हैं कि एमएस जैन ने उनपर जो आरोप लगाए हैं उनके सुबूत तो जगजाहिर हैं ।
मजे की बात यह हुई है कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को संबोधित एमएस जैन की चिट्ठी जिसने भी देखी/पढ़ी है, वह इस बात पर हैरान हुआ है कि एमएस जैन को यह चिट्ठी लिखने की जरूरत आखिर पड़ी क्यों, और इस चिट्ठी से वह वास्तव में हासिल क्या करना चाहते हैं ? इस चिट्ठी में जो कुछ भी झूठ-सच कहा गया है, उसे पढ़कर साफ पता चलता है कि एमएस जैन ने यह चिट्ठी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए इस वर्ष होने वाले चुनाव को प्रभावित करने के इरादे से लिखी है - और इसमें दिवाकर अग्रवाल को लपेटने का तथा राजीव सिंघल के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनाने का प्रयास किया गया है । इस 'उद्देश्य' के चलते किंतु फिर उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील गुप्ता को निशाना क्यों बनाया, क्योंकि सुनील गुप्ता तो राजीव सिंघल की उम्मीदवारी के घनघोर समर्थक हैं ? एमएस जैन के नजदीकियों के अनुसार, इसके दो कारण हैं : एक तो यह कि उन्हें पता चला कि सुनील गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में मदद करने के नाम पर राजीव सिंघल से मोटी रकम ऐंठने की तिकड़म लगा रहा है; और दूसरा यह कि राजीव सिंघल की उम्मीदवारी की बागडोर सँभाले एमएस जैन को लग यह रहा है कि सुनील गुप्ता पहले तो राजीव सिंघल से पैसे ऐंठ लेगा, और फिर और रकम बटोरने के उद्देश्य से दिवाकर अग्रवाल से जा मिलेगा तथा राजीव सिंघल को धोखा देगा । इसलिए ही, एमएस जैन को सुनील गुप्ता को अभी ही बेनकाब करना जरूरी लगा, जिससे कि सुनील गुप्ता की गर्दन को पकड़े रखा जा सके । राजीव सिंघल के कुछेक समर्थकों ने एमएस जैन से कहा भी कि इस तरह से तो सुनील गुप्ता बिदक जायेगा और वह अभी से राजीव सिंघल के खिलाफ हो जायेगा; लेकिन एमएस जैन ने उन्हें यह कर चुप कर दिया कि वह सुनील गुप्ता को अच्छे से जानते हैं, वह पैसे का लालची है और अभी राजीव सिंघल के खिलाफ जाने की हिम्मत बिलकुल भी नहीं करेगा ।
सुनील गुप्ता हिम्मत करेंगे या नहीं; और सरे आम 'जूते मारने' वाले लोगों के साथ ही बने रहेंगे या उनका साथ छोड़ेंगे - यह तो आगे पता चलेगा; लेकिन एक बात साफ है कि एमएस जैन की इस चिट्ठी ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में राजीव सिंघल के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है । मेरठ के दो गवर्नर्स - संजीव रस्तोगी और सुनील गुप्ता पर एमएस जैन ने झूठे/सच्चे आरोपों के साथ जो हमला बोला है, उसके कारण मेरठ में राजीव सिंघल के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है । एमएस जैन की इस चिट्ठी को बदनीयतीभरा माना/देखा गया है, और कहा जा रहा है कि दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी को डिस्ट्रिक्ट में मिलते दिख रहे समर्थन से राजीव सिंघल के समर्थक नेता इस कदर हताश/निराश होकर बौखला गए हैं कि 'अपनों' को ही निशाना बनाने लगे हैं । राजीव सिंघल के ही समर्थकों ने कहना शुरू कर दिया है कि एमएस जैन जैसे समर्थकों के होते हुए राजीव सिंघल को दुश्मनों की जरूरत नहीं पड़ेगी; और एमएस जैन जैसे समर्थक ही राजीव सिंघल की उम्मीदवारी का बाजा बजा देंगे । एमएस जैन ने चिट्ठी लिखी तो थी दिवाकर अग्रवाल की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने के लिए, किंतु उनकी चिट्ठी पर डिस्ट्रिक्ट में जो तमाशा हुआ - झूठे आरोपों के कारण उन्हें संजीव रस्तोगी से माफी माँगने के लिए मजबूर होना पड़ा, तथा सच्चे आरोपों के कारण सुनील गुप्ता को लोगों से मुँह छिपाना पड़ रहा है - उससे नुकसान राजीव सिंघल की उम्मीदवारी को होता दिखा है । एमएस जैन की इस चिट्ठी से दरअसल राजीव सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थकों की फूट सामने आई है और उनमें आपस में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की तथा एक-दूसरे पर हावी होने की होड़ लोगों के बीच प्रकट हुई है । इससे राजीव सिंघल की उम्मीदवारी ही संकट में फँसी नजर आने लगी है ।