Thursday, August 11, 2016

लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों का उल्लंघन करने व मजाक बनाने वाले छुट्भैय्यों तक के सामने आत्मसमर्पण करते रहे नरेश अग्रवाल, लेकिन क्या अब अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग को 'पटरी' पर लाने के बारे में सोचेंगे ?

नई दिल्ली । अधिष्ठापन समारोह के नाम पर डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय गर्ग द्धारा करवाए जा रहे दुबई दौरे के महँगे पैकेज का मामला अब नरेश अग्रवाल की 'अदालत' में पहुँच गया है । अपने आप को डिस्ट्रिक्ट का वरिष्ठ लायन बताते हुए शिवशंकर अग्रवाल ने इस संबंध में नरेश अग्रवाल को एक पत्र लिखा है, जिसकी एक प्रति 'रचनात्मक संकल्प' को भी मिली है । अपने पत्र में शिवशंकर अग्रवाल ने विनय गर्ग की कैबिनेट पर ही सवाल उठाते हुए नरेश अग्रवाल से पूछा है कि विनय गर्ग ने जो तीन सौ से अधिक लोगों की कैबिनेट बनाई है, वह क्या लायंस इंटरनेशनल के नियमानुसार है ? शिवशंकर अग्रवाल का कहना है कि विनय गर्ग ने फर्जी तरीके से कैबिनेट के पदों को गढ़ा है, जिन्हें न तो लायंस इंटरनेशनल से कोई मान्यता प्राप्त है और वास्तव में न जिनका कोई काम है - इन्हें सिर्फ पैसे बटोरने के लिए गढ़ा है; और इनसे चार-चार हजार, आठ-आठ हजार और ग्यारह-ग्यारह हजार रुपए तक लिए गए हैं । शिवशंकर अग्रवाल का कहना है कि विनय गर्ग बातें तो ऊँची ऊँची करते हैं और दावा करते हैं कि उन्होंने लायनिज्म के लिए यह किया है-वह किया है-न जाने क्या क्या किया है; आखिर तब फिर उन्हें अपनी कैबिनेट में फर्जी पद गढ़ने और उन पदों की 'कीमतें' बसूलने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी ? नरेश अग्रवाल को लिखे पत्र में शिवशंकर अग्रवाल ने लिखा है कि इसके बाद, विनय गर्ग डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारियों के अधिष्ठापन समारोह को दुबई में करके - और उसे खासा महँगा बना कर - पदाधिकारियों को अधिष्ठापित होने का मौका भी नहीं दे रहे हैं; क्योंकि अधिकतर पदाधिकारी दुबई जाने के विनय गर्ग के पैकेज को महँगा पा कर वहाँ नहीं जा रहे हैं ।
शिवशंकर अग्रवाल ने अनुमान लगाया है कि विनय गर्ग ने दुबई के लिए करीब ढाई सौ लोगों का जो लक्ष्य तय किया है, उसमें आधे से ज्यादा तो 'बेटर हाफ' और बच्चे होंगे । कई ऐसे लायन होंगे, जो कैबिनेट पदाधिकारी नहीं होंगे - यानि ढाई सौ की संख्या में कैबिनेट पदाधिकारी तो मुश्किल से अस्सी से सौ के बीच ही होंगे; जबकि विनय गर्ग ने कैबिनेट में पदाधिकारी तो तीन सौ से ज्यादा बनाए हैं । इससे लगता है कि विनय गर्ग दुबई में कैबिनेट पदाधिकारियों का अधिष्ठापन करने/करवाने नहीं जा रहे हैं, बल्कि तफरीह करने/करवाने जा रहे हैं । इससे लगता है कि विनय गर्ग को इस बात का बिलकुल भी अहसास नहीं है कि लायनिज्म में अधिष्ठापन की क्या महत्ता है; और उन्होंने लायनिज्म को तफरीह करने का एक अड्डा भर समझा हुआ है । शिवशंकर अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि विनय गर्ग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो बन गए हैं, लेकिन लगता है कि उन्हें लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानून तथा लायनिज्म की महान परंपरा व उसके आदर्शों के बारे में कोई ज्ञान नहीं है; यदि है, तो उनकी परवाह नहीं है; यदि होती तो वह अधिष्ठापन कार्यक्रम को तफरीह का मौका बना कर इस तरह मजाक का विषय नहीं बना देते । शिवशंकर अग्रवाल ने अपने पत्र में नरेश अग्रवाल से अनुरोध किया है कि वह विनय गर्ग को - तथा उनके जैसे दूसरे अन्य लोगों को भी - लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों से परिचित होने के लिए कहें तथा उनका पालन करने के लिए प्रेरित करें ।
शिवशंकर अग्रवाल ने अपने पत्र में नरेश अग्रवाल का ध्यान इस तथ्य की तरफ खींचा है कि वह इंटरनेशनल फर्स्ट वाइस प्रेसीडेंट हैं, और अगले लायन वर्ष में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होंगे - इसलिए दुनिया भर के लायन सदस्यों व पदाधिकारियों की नजर इस बात पर होगी कि उनके अपने देश और खासकर उनके अपने मल्टीपल ड्रिस्ट्रिक्ट में लायनिज्म के नाम पर हो क्या रहा है; और ऐसे में जब उन्हें अधिष्ठापन कार्यक्रम के नाम पर किए जा रहे विनय गर्ग के तफरीह भरे तमाशे की जानकारी मिलेगी तो यह - नरेश जी, आपके लिए भी फजीहत की बात होगी । इसी आधार पर, शिवशंकर अग्रवाल ने नरेश अग्रवाल से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए माँग की है कि वह विनय गर्ग से कहें कि तफरीह करने/करवाने के लिए वह दुबई जाना तथा लोगों को ले जाना चाहें - तो जरूर जाएँ/ले जाएँ; किंतु अधिष्ठापन कार्यक्रम ऐसी जगह करें, जहाँ कैबिनेट के सभी पदाधिकारी आसानी से पहुँच सकें । उन्होंने नरेश अग्रवाल से कहा है कि वह विनय गर्ग को लायनिज्म में अधिष्ठापन का जो महत्त्व है, उसके बारे में बताएँ और अधिष्ठापन कार्यक्रम को इस तरह से करने के लिए कहें, जिससे कि उक्त महत्त्व को वास्तव में हासिल किया जा सके । शिवशंकर अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि विनय गर्ग को लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों से तथा लायनिज्म की महान परंपरा व उसके उच्च आदर्शों से परिचित करवाना जरूरी है, अन्यथा वह इसी तरह से लायनिज्म का मजाक बनाते/बनवाते रहेंगे ।
यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा कि शिवशंकर अग्रवाल ने विनय गर्ग के मामले में इंटरनेशनल फर्स्ट वाइस प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल से जो उम्मीद की है, उस पर नरेश अग्रवाल कोई ध्यान देते भी हैं - या उनकी बातों को हवा में उड़ा देते हैं । उल्लेखनीय है कि नरेश अग्रवाल का अपना ट्रैक रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं है; वह लायनिज्म का मजाक बनाने वाली हरकतों का अक्सर सहयोग और समर्थन करते हुए देखे गए हैं; इसलिए बहुत उम्मीद नहीं है कि वह विनय गर्ग को लायनिज्म की 'पटरी' पर लाने के लिए सचमुच में कोई प्रयास करेंगे । पिछले दिनों की कई घटनाओं का हवाला देते हुए लोग देखते, मानते और कहते रहे हैं कि तीन-तिकड़म से नरेश अग्रवाल इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने की लाइन में तो लग गए हैं; किंतु अपनी लीडरशिप क्वालिटी को दिखाने/जताने का नैतिक बल और हौंसला उनमें नहीं है - जिस कारण लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों का उल्लंघन करने व मजाक बनाने वाले छुट्भैय्यों तक के सामने वह आत्मसमर्पण करते नजर आते रहे हैं । हालाँकि कुछेक लोगों को यह भी लगता है, जैसा कि शिवशंकर अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने जा रहे नरेश अग्रवाल को कम से कम अब तो मैच्योरिटी और गंभीरता के साथ अपनी 'जिम्मेदारी' निभानी चाहिए और जानते-बूझते हुए कोई ऐसा काम नहीं होने देना चाहिए - जिससे लायनिज्म का मजाक बनता हो और लायनिज्म की बदनामी होती हो । दरअसल इसीलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवशंकर अग्रवाल द्धारा उठाए गए मुद्दों का इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने जा रहे नरेश अग्रवाल कोई संज्ञान लेते भी हैं, या लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों तथा उसके उच्च आदर्शों का मजाक बनता चुपचाप देखते रहते हैं ?