Thursday, January 12, 2017

लायंस इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में लायंस ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से मुकेश गोयल का संभावित इस्तीफा जेपी सिंह के लिए फजीहत भरा तथा गुरचरण सिंह के लिए परेशानी बढ़ाने वाला ही साबित होगा

नई दिल्ली । मुकेश गोयल के लायंस ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से इस्तीफा दे देने के लिए तैयार हो जाने की खबरों ने गुरचरण सिंह को तो खुश किया है, लेकिन उनके सबसे बड़े समर्थक जेपी सिंह को बुरी तरह से परेशान किया है - और इस तरह गुरुचरण सिंह की खुशी को तुरंत से निराशा व मुसीबत में बदल दिया है । मजे की बात यह हुई है कि गुरचरण सिंह तो इस खबर को अपनी नैतिक जीत के रूप में देख रहे हैं, लेकिन जेपी सिंह के लिए यह खबर नैतिक रूप से लज्जित करने वाली तो है ही - साथ ही उनकी मुसीबत बढ़ाने वाली भी है । उल्लेखनीय है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत मुकेश गोयल की उम्मीदवारी के खिलाफ जेपी सिंह खेमे की तरफ से लगातार यह सवाल उठाया जा रहा था कि मुकेश गोयल ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद पर होते हुए सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर अपना दावा कैसे पेश सकते हैं; डिस्ट्रिक्ट में सारे पद उन्हीं के पास क्यों होने चाहिएँ ? मुकेश गोयल और उनके समर्थक नेताओं ने इस सवाल को अनसुना करने का काम किया; और जहाँ कहीं जबाव देना जरूरी भी हुआ वहाँ तर्क दिया कि मुकेश गोयल दोनों पदों को एक दूसरे के पूरक के रूप में इस्तेमाल करने की काबिलियत रखते हैं, और इसलिए उनके गवर्नर होने से लायंस ब्लड बैंक का काम बढ़ेगा भी और व्यवस्थित भी होगा । इससे साफ हो गया कि मुकेश गोयल ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से इस्तीफा नहीं देंगे, जिसके चलते विरोधियों ने 'अपने' सवाल को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया । उन्हें लगा कि इस सवाल के जरिए वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच मुकेश गोयल की छवि पद-लोभी की बना सकेंगे और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में गुरचरण सिंह के पक्ष में फायदा उठा सकेंगे ।
जेपी सिंह खेमे की यह चाल सफल होती हुई दिखी, और मुकेश गोयल तथा उनके समर्थक नेता दबाव में आते हुए नजर आए । यही कारण रहा कि मुकेश गोयल पर ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से इस्तीफा देने के लिए 'अपनों' का भी दबाव बढ़ने लगा । मुकेश गोयल के शुभचिंतकों ने ही उन्हें समझाया कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में उन्हें लोगों का प्रभावी समर्थन मिलता नजर आ रहा है, जिस कारण से चुनाव में उनके जीतने की अच्छी संभावना है - इस संभावना को ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद के चक्कर में वह खतरे में क्यों डाल रहे हैं ? इस समझाइस का नतीजा यह हुआ कि मुकेश गोयल ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से इस्तीफा देने के लिए अंततः राजी हो गए हैं; और डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच चर्चा है कि किसी भी दिन ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से उनके इस्तीफे की औपचारिक घोषणा हो सकती है ।
इस चर्चा ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए मुकेश गोयल के प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार गुरचरण सिंह का तो मनोबल बढ़ाया है, लेकिन गुरचरण सिंह के सबसे बड़े समर्थक जेपी सिंह के सामने बड़ा भारी संकट खड़ा कर दिया है । दरअसल जेपी सिंह समझ रहे हैं कि ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से मुकेश गोयल के इस्तीफे के बाद, उनके विरोधी उन पर दबाव बनायेंगे कि वह इंटरनेशनल डायरेक्टर एंडोर्सी पद के लिए उम्मीदवार बनना चाहते हैं, तो उन्हें मुकेश गोयल का अनुसरण करते हुए जीएलटी एरिया लीडर पद से इस्तीफा दे देना चाहिए । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट की दूसरी कैबिनेट मीटिंग में यह बात जोरशोर के साथ कही ही गई थी कि जीएलटी एरिया लीडर के रूप में जेपी सिंह ने लायंस इंटरनेशनल में अपनी पहचान बनाई ही हुई है, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर (एंडोर्सी) का पद उन्हें छोड़ देना चाहिए ताकि दूसरे लोगों को भी आगे बढ़ने का मौका मिले - और जेपी सिंह को पदों के लोभी/लालची व्यक्ति की तरह सारे ही पद अपने पास रखने का प्रयास नहीं करना चाहिए । जेपी सिंह अभी तक तो इस तरह की बातों को एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देते रहे हैं, लेकिन वह भी समझ रहे हैं कि ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से मुकेश गोयल का इस्तीफा हो जाने के बाद उनके लिए दोनों कानों का उपयोग करने वाली बेशर्मी को धारण किए रहना मुश्किल होगा ।
जेपी सिंह के लिए विडंबना की बात यह हुई है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में मुकेश गोयल को 'गिराने' के लिए 'एक व्यक्ति एक पद' का नारा उन्होंने ही लगाया/लगवाया था; उन्हें उम्मीद नहीं थी कि मुकेश गोयल ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद को छोड़ने के लिए राजी हो जायेंगे - उन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि वह जो गड्ढा मुकेश गोयल के लिए खोद रहे हैं, उसमें गिरने से मुकेश गोयल खुद को तो बचा लेंगे - लेकिन उन्हें धकेल देंगे । उम्मीद की जा रही है कि ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से मुकेश गोयल का इस्तीफा हो जाने के बाद सत्ता खेमे की तरफ से माँग की जाएगी कि लायनिज्म में और डिस्ट्रिक्ट में ऊँचा आदर्श दिखाने व उच्चस्तरीय नैतिकता का पालन करने का जैसा उदाहरण मुकेश गोयल ने प्रस्तुत किया है, वैसा ही उदाहरण जेपी सिंह को भी प्रस्तुत करना चाहिए । यह माँग जेपी सिंह की तो फजीहत करेगी/करायेगी ही, मुकेश गोयल के इस्तीफे में अपनी नैतिक जीत देखने वाले गुरचरण सिंह को भी अपनी खुशी प्रकट करने से रोकेगी । इस तरह, ब्लड बैंक के ट्रेजरार पद से मुकेश गोयल का संभावित इस्तीफा जेपी सिंह के साथ-साथ गुरचरण सिंह के लिए भी परेशानी बढ़ाने वाला ही साबित होगा ।