Friday, January 27, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ई में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान के मुकुंद लाल टंडन के प्रति 'दुश्मनी' तथा क्षितिज शर्मा के प्रति 'दोस्ती' वाले रवैये ने लोगों को हैरान किया है

वाराणसी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान की तरफ से हाल के दिनों में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकुंद लाल टंडन को डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच बदनाम करने तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार क्षितिज शर्मा को अपनी तरफ करने के लिए जो प्रयास किए गए हैं, उन्हें देखने/जानने वाले डिस्ट्रिक्ट के लायंस सदस्यों को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति एक नई करवट लेती दिख रही है । मुकुंद लाल टंडन को ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग करने या न करने के मामले में जिस तरह से बदनाम किया जा रहा है, वह अपने आप में खासा दिलचस्प मामला बन गया है - जो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अनिल तुलस्यान की कार्यप्रणाली की पोल खोलता है । मुकुंद लाल टंडन यूँ तो उसी 'गिरोह' के सदस्य हैं, जिसके प्रतिनिधि के रूप में अनिल तुलस्यान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर हैं - और इसी 'रिश्ते' से वह ऑनरेरी कमेटी के चेयरमैन बने हुए हैं; लेकिन फिर भी वह अनिल तुलस्यान की चालबाजियों का शिकार बनने से नहीं बच सके हैं । मजे की बात यह है कि अनिल तुलस्यान खुद ही तो ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग करने से बच रहे हैं, ताकि उन्हें अपनी कारस्तानियों को लेकर उठने वाले सवालों का सामना न करना पड़े; लेकिन इसका ठीकरा वह मुकुंद लाल टंडन के सिर यह आरोप लगाते हुए फोड़ रहे हैं कि मीटिंग के खर्चे से बचने के लिए मुकुंद लाल टंडन ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में कैबिनेट मीटिंग से पहले ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग होने की एक गौरवशाली परंपरा बनी हुई है । पिछले कई वर्षों से इस परंपरा का निर्वाह होता रहा है, और चार नहीं तो तीन कैबिनेट मीटिंग से पहले तो ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग होती ही रही है । अनिल तुलस्यान दूसरी कैबिनेट मीटिंग से पहले ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग नहीं करवा सके थे; इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि डिस्ट्रिक्ट की तीसरी कैबिनेट मीटिंग से पहले तो ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग अवश्य ही होगी । तीसरी कैबिनेट मीटिंग में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं, लेकिन उससे पहले ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग होने को लेकर किसी को कोई जानकारी नहीं है । जिस किसी ने इसके बारे में अनिल तुलस्यान से पूछा, उसे यही जबाव सुनने को मिला कि ऑनरेरी कमेटी के चेयरमैन मुकुंद लाल टंडन मीटिंग करने को लेकर इच्छुक नहीं हैं । अनिल तुलस्यान पूछने वाले को यह बताने से भी नहीं चूक रहे हैं कि मुकुंद लाल टंडन ने ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग का खर्चा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट पद के उम्मीदवार क्षितिज शर्मा से करवाने का जुगाड़ बैठाने का प्रयास किया/करवाया था, जिसमें असफल रहने के बाद उन्होंने उक्त मीटिंग को लेकर बात करना ही छोड़ दिया । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग का खर्चा करने की जिम्मेदारी कमेटी के चेयरमैन की होती है, और वही यह जिम्मेदारी निभाता है; चेयरमैन 'होशियार' होता है तो वह यह खर्चा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार से भी करवा लेता है । हालाँकि जो लोग मुकुंद लाल टंडन को जानते हैं, उन्हें अनिल तुलस्यान की इस बात पर भरोसा है नहीं कि मुकुंद लाल टंडन खर्चे से बचने की कोशिश करेंगे ।
अब पर्दे के पीछे की सच्चाई चाहे जो हो, पर्दे के सामने का सच यह है कि तीसरी कैबिनेट मीटिंग से पहले ऑनरेरी कमेटी की मीटिंग होने को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है - और लोगों के लिए हैरानी की बात है कि ऑनरेरी कमेटी के चेयरमैन मुकुंद लाल टंडन उक्त मीटिंग को लेकर अनिल तुलस्यान पर निर्भर तथा उनके सामने मजबूर आखिर क्यों हैं ? अनिल तुलस्यान ने मुकुंद लाल टंडन को डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच बदनाम करने के मामले में ही नहीं, बल्कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार क्षितिज शर्मा को अपनी तरफ करने के प्रयासों के मामले में भी लोगों को हैरान किया हुआ है । लोगों के लिए हैरानी का कारण यह है कि जो अनिल तुलस्यान और लायनिज्म में उनके गुरू पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीरेंद्र गोयल अभी कुछ दिन पहले तक सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए मुकेश पाठक को अपनी पसंद बताने का संकेत दे रहे थे - अब अचानक से क्षितिज शर्मा की उम्मीदवारी की तरफ झुकते हुए से क्यों दिख रहे हैं ? समझा जा रहा है कि अनिल तुलस्यान की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के तथा अन्य खर्चों की पूर्ति के लिए क्षितिज शर्मा की जेब पर निगाह पड़ गई है और इसलिए उन्होंने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार क्षितिज शर्मा को पटाने का काम करना शुरू किया है ।
अनिल तुलस्यान की बातों से अब यह पोल भी खुल रही है कि पहले उनकी तरफ से मुकेश पाठक की उम्मीदवारी को समर्थन देने के जो संकेत दिए जा रहे थे, उसके पीछे उनकी वास्तव में क्षितिज शर्मा को अपनी तरफ खींचने की चाल थी । यूँ तो क्षितिज शर्मा को वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी की तरफ होने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन चूँकि क्षितिज शर्मा ने पूरी तरह उनके कहे में चलने में दिलचस्पी नहीं ली है - इसलिए बात कभी बनती तो कभी बिगड़ती से रही है । क्षितिज शर्मा की तरफ से उन्हें बता दिया गया है कि वह जरूरी खर्चे करने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन 'लुटने' के लिए तैयार नहीं हैं । क्षितिज शर्मा को पूरी तरह अपने कब्जे में लेने के लिए ही वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी ने मुकेश पाठक की उम्मीदवारी की बात करना और उन्हें अपने उम्मीदवार के रूप में 'दिखाने' का काम शुरू किया । वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी को लगा कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए क्षितिज शर्मा के अलावा चूँकि कोई और उम्मीदवार नहीं है, इसलिए क्षितिज शर्मा उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं । मुकेश पाठक की उम्मीदवारी को हवा देकर उन्होंने वास्तव में क्षितिज शर्मा को संदेश देने की कोशिश की कि वह यदि पूरी तरह से उनके कहने में नहीं चले, तो फिर उन्हें कड़े चुनावी मुकाबले का सामना करना पड़ेगा । क्षितिज शर्मा ने चूँकि तब भी परवाह नहीं की, और वह वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी के सामने समर्पण के लिए तैयार नहीं हुए - तब अनिल तुलस्यान को डर हुआ कि ज्यादा लालच के चक्कर में कहीं ऐसा न हो कि वह घर/घाट कहीं के न रहें, सो उन्होंने क्षितिज शर्मा के प्रति अपने रवैये को थोड़ा लचीला बनाया है । इससे पहले लेकिन अनिल तुलस्यान तथा उनके साथियों ने जो किया, उससे मुकेश पाठक की उम्मीदवारी को भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण बना दिया है । इस कारण सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संदर्भ में डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक समीकरण एक नई करवट लेते नजर आ रहे हैं ।