चंडीगढ़
। राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू तथा उनके गिरोह के सदस्यों को रोटरी इंटरनेशनल
बोर्ड से एक बार फिर बड़ी चमाट पड़ी है - और इस तरह रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व
प्रेसीडेंट्स में राजा साबू ने अकेले ऐसे पूर्व प्रेसीडेंट बनने का
रिकॉर्ड बनाया है, जिन्हें रोटरी इंटरनेशनल से कई बार लताड़ खाने को मिली है
। अभी हाल ही में संपन्न हुई रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड की मीटिंग में
राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3080 में वर्ष 2017-18 के
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के हुए चुनाव को रद्द करने का फैसला करते हुए, इस चुनाव
में अपनाई गई भूमिका के लिए डिस्ट्रिक्ट लीडरशिप की कड़ी भर्त्सना की गई है
। उल्लेखनीय है कि उक्त चुनाव में राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के प्रायः सभी
पूर्व गवर्नर्स ने खुली तरफदारी, तिकड़म, मनमानी और बेईमानी से डीसी बंसल
को चुनाव जितवाया था । इसकी शिकायत हुई, जिसे रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने सही
पाया और अंततः चुनाव रद्द घोषित कर दिया । गौर करने वाली बात यह है कि
अभी जिस चुनाव पर फैसला हुआ है, वह दूसरी बार हुआ था । पहली बार, फरवरी
2015 में हुआ चुनाव भी मनमानियों और बेईमानियों के आरोपों में घिरा था; और
रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स के
मुँह पर तमाचा-सा जड़ते हुए दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया था । राजा
साबू और डिस्ट्रिक्ट के दूसरे अधिकतर पूर्व गवर्नर्स ने उससे लेकिन कोई सबक
नहीं लिया, और पूरी बेशर्मी और निर्लज्जता के साथ दोबारा हुए चुनाव में भी
अपनी मनमानियाँ और बेईमानियाँ कीं - जिसकी शिकायत को सही पाकर रोटरी
इंटरनेशनल बोर्ड ने उसे भी रद्द कर दिया है ।
राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के अन्य पूर्व गवर्नर्स बस एक बात पर 'गर्व' कर सकते हैं कि अंततः उन्होंने टीके रूबी को गवर्नर न बनने देने में सफलता प्राप्त कर ली । उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता होगा कि इस चक्कर में पिछले दो वर्षों में उन्हें कई कई बार अपने अपने चेहरों पर कालिख पुतवानी पड़ी है । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने पिछले दो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स - दिलीप पटनायक तथा डेविड हिल्टन की नाम लेकर भर्त्सना की है कि चुनावी प्रक्रिया में इन्होंने नियमों व व्यवस्था का पालन नहीं किया । इन दोनों को इस भर्त्सना का शिकार सिर्फ इसलिए होना पड़ा है, क्योंकि इन्होंने अपने आपको राजा साबू तथा दूसरे पूर्व गवर्नर्स की कठपुतलियाँ बना लिया था और उनके इशारों पर ही काम करना मंजूर कर लिया था ।
जो हुआ है, उससे राजा साबू और दूसरे पूर्व गवर्नर्स तथा मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा ने शायद ही कोई सबक सीखा है - क्योंकि इस बार के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में फिर वही मनमानियाँ, तिकड़में और बेईमानियाँ हो रही हैं; क्योंकि एक बार फिर राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के दूसरे पूर्व गवर्नर्स ने तय कर लिया है कि इस बार उन्हें जितेंद्र ढींगरा को जीतने नहीं देना है । पिछले अनुभव से, उन्होंने यह सबक जरूर सीख लिया है कि मनमानियाँ, तिकड़में और बेईमानियाँ पहले से ही कर लो - पिछली बार पहले से तैयारी नहीं की थी, जिसके चलते बाद में करना पड़ीं । पिछली बार नोमीनेटिंग कमेटी ने अपनी मर्जी से फैसला करते हुए टीके रूबी को चुन लिया था, इसलिए इस बार नोमीनेटिंग कमेटी को ही मजाक बनाते हुए रोटरी की 'व्यवस्था' को ही मानने से इंकार कर दिया गया है ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी की व्यवस्था में क्लब का बड़ा महत्त्व है । रोटरी के किसी भी चुनाव में रोटेरियन खुद सामने नहीं आता है, बल्कि क्लब उसे अपने उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करता है । लेकिन राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में इस बार बनाए गए अनोखे नियम के तहत डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए होने वाले चुनाव में क्लब के इस अधिकार को खत्म कर दिया गया है । नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार तय करने के क्लब के अधिकार को छीन कर नई व्यवस्था यह बनाई गई है कि नोमीनेटिंग कमेटी बनने के दौरान क्लब्स के जो पूर्व प्रेसीडेंट्स मौके पर उपस्थित होंगे, उनके नाम की पर्ची पड़ेगी और उसमें से नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों का नाम निकलेगा । क्या किसी डिस्ट्रिक्ट को यह अधिकार है कि वह रोटरी इंटरनेशनल के नियमों तथा व्यवस्थाओं में मनमाने तरीके से परिवर्तन कर ले, और रोटरी इंटरनेशनल के मूल आदर्शों के साथ खिलवाड़ करे ? इससे भी बड़ा मजाक इस बार यह हो रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी की चुनावी प्रक्रिया में उन क्लब्स को शामिल होने का अधिकार नहीं है, जिनके सभी ड्यूज निर्धारित समय पर जमा नहीं हो सके हैं - किंतु डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार प्रस्तुत करने को लेकर उन क्लब्स पर कोई रोक नहीं है । इस तरह के तमाशे सिर्फ इसलिए किए जा रहे हैं ताकी राजा साबू और उनके गुर्गे पूर्व गवर्नर्स किसी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनवा सकें या किसी को बनने से रोक सकें ।
इस 'काम' को अंजाम तक पहुँचाने के लिए राजा साबू और उनके गुर्गे पूर्व गवर्नर्स ने पहला काम मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा को दिलीप पटनायक तथा डेविड हिल्टन की तरह से ही अपनी कठपुतली बनाने का किया है । यह बात रमन अनेजा की एक हरकत से साबित होती है । रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के पूर्व प्रेसीडेंट मोहिंदर पॉल गुप्ता ने नोमीनेटिंग कमेटी बनने/बनाने की प्रक्रिया में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों व दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले को लेकर रमन अनेजा से शिकायत की । रमन अनेजा ने उन्हें उस समय तो ठीक वैसे ही जबाव दिया, जैसे एक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को देना चाहिए - रमन अनेजा ने उनसे कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना है उसे वह अपने क्लब से एक प्रस्ताव के रूप में भेजें, जिसे डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में विचार के लिए लोगों के सामने रख दिया जायेगा । लेकिन दो दिन बाद ही रमन अनेजा ने पलटी मारी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का चोला उतार कर कठपुतली का चोला पहन कर मोहिंदर पॉल गुप्ता से कहा कि उन्हें अपने क्लब से प्रस्ताव भिजवाने की जरूरत नहीं है, वह खुद ही उक्त मामले में कार्रवाई करेंगे । रमन अनेजा का यह बदला हुआ रवैया बता/दिखा रहा है कि यह सिर्फ उनकी बहानेबाजी है, जिसका उद्देश्य मोहिंदर पॉल गुप्ता को प्रस्ताव भेजने से रोकना है । समझा जाता है कि राजा साबू और दूसरे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की तरफ से रमन अनेजा के कान उमेंठे गए होंगे कि प्रस्ताव मँगा कर क्यों मुसीबत पैदा कर/करवा रहे हो; सो, रमन अनेजा ने खुद ही कार्रवाई करने का वायदा करते हुए मोहिंदर पॉल गुप्ता को प्रस्ताव भेजने/भिजवाने से रोकने का काम किया । हर कोई जानता है कि रमन अनेजा भले ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के नाते उन्हें रोटरी इंटरनेशनल के नियमों के अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन वह करेंगे वही जो राजा साबू और उनकी 'कंपनी' के लोग कहेंगे ।
मजेदार संयोग है कि इन्हीं मोहिंदर पॉल गुप्ता ने पिछले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन को रोटरी इंटरनेशनल की व्यवस्थानुसार ई-वोटिंग के जरिए चुनाव करवाने का सुझाव दिया था, जिसे स्वीकार करने से डेविड हिल्टन ने इंकार कर दिया था । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने अपने फैसले में डेविड हिल्टन के रवैये की भर्त्सना करते हुए साफ कहा है कि वह यदि ई-वोटिंग से चुनाव करवाते, तो चुनाव में बेईमानी नहीं हो पाती; डेविड हिल्टन को लेकिन मोहिंदर पॉल गुप्ता के सुझाव को मानने की बजाए राजा साबू एंड कंपनी की बात माननी थी, ताकि उन्हें चुनाव में मनमानी व बेईमानी करने का मौका मिल सके । रमन अनेजा भी लगता है कि डेविड हिल्टन की राह पर हैं - और रोटरी इंटरनेशनल की व्यवस्थानुसार काम करने के मोहिंदर पॉल गुप्ता के सुझाव को मानने से बचने तथा राजा साबू एंड कंपनी की मनमानी के अनुसार ही काम करने की तिकड़म लगा रहे हैं ।
रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने अपने फैसले में इस तथ्य को बहुत स्पष्टता के साथ रेखांकित किया है कि वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट की लीडरशिप 4-वे-टेस्ट तथा रोटरी के आदर्शों का पालन करने में फेल रही है । यह देखना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी करतूतों से डिस्ट्रिक्ट तथा रोटरी का नाम खराब करने वाली वही लीडरशिप इस वर्ष भी अपनी टुच्ची हरकतों के सहारे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है ।
राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के अन्य पूर्व गवर्नर्स बस एक बात पर 'गर्व' कर सकते हैं कि अंततः उन्होंने टीके रूबी को गवर्नर न बनने देने में सफलता प्राप्त कर ली । उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता होगा कि इस चक्कर में पिछले दो वर्षों में उन्हें कई कई बार अपने अपने चेहरों पर कालिख पुतवानी पड़ी है । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने पिछले दो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स - दिलीप पटनायक तथा डेविड हिल्टन की नाम लेकर भर्त्सना की है कि चुनावी प्रक्रिया में इन्होंने नियमों व व्यवस्था का पालन नहीं किया । इन दोनों को इस भर्त्सना का शिकार सिर्फ इसलिए होना पड़ा है, क्योंकि इन्होंने अपने आपको राजा साबू तथा दूसरे पूर्व गवर्नर्स की कठपुतलियाँ बना लिया था और उनके इशारों पर ही काम करना मंजूर कर लिया था ।
जो हुआ है, उससे राजा साबू और दूसरे पूर्व गवर्नर्स तथा मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा ने शायद ही कोई सबक सीखा है - क्योंकि इस बार के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में फिर वही मनमानियाँ, तिकड़में और बेईमानियाँ हो रही हैं; क्योंकि एक बार फिर राजा साबू और डिस्ट्रिक्ट के दूसरे पूर्व गवर्नर्स ने तय कर लिया है कि इस बार उन्हें जितेंद्र ढींगरा को जीतने नहीं देना है । पिछले अनुभव से, उन्होंने यह सबक जरूर सीख लिया है कि मनमानियाँ, तिकड़में और बेईमानियाँ पहले से ही कर लो - पिछली बार पहले से तैयारी नहीं की थी, जिसके चलते बाद में करना पड़ीं । पिछली बार नोमीनेटिंग कमेटी ने अपनी मर्जी से फैसला करते हुए टीके रूबी को चुन लिया था, इसलिए इस बार नोमीनेटिंग कमेटी को ही मजाक बनाते हुए रोटरी की 'व्यवस्था' को ही मानने से इंकार कर दिया गया है ।
उल्लेखनीय है कि रोटरी की व्यवस्था में क्लब का बड़ा महत्त्व है । रोटरी के किसी भी चुनाव में रोटेरियन खुद सामने नहीं आता है, बल्कि क्लब उसे अपने उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करता है । लेकिन राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में इस बार बनाए गए अनोखे नियम के तहत डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए होने वाले चुनाव में क्लब के इस अधिकार को खत्म कर दिया गया है । नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार तय करने के क्लब के अधिकार को छीन कर नई व्यवस्था यह बनाई गई है कि नोमीनेटिंग कमेटी बनने के दौरान क्लब्स के जो पूर्व प्रेसीडेंट्स मौके पर उपस्थित होंगे, उनके नाम की पर्ची पड़ेगी और उसमें से नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों का नाम निकलेगा । क्या किसी डिस्ट्रिक्ट को यह अधिकार है कि वह रोटरी इंटरनेशनल के नियमों तथा व्यवस्थाओं में मनमाने तरीके से परिवर्तन कर ले, और रोटरी इंटरनेशनल के मूल आदर्शों के साथ खिलवाड़ करे ? इससे भी बड़ा मजाक इस बार यह हो रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी की चुनावी प्रक्रिया में उन क्लब्स को शामिल होने का अधिकार नहीं है, जिनके सभी ड्यूज निर्धारित समय पर जमा नहीं हो सके हैं - किंतु डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार प्रस्तुत करने को लेकर उन क्लब्स पर कोई रोक नहीं है । इस तरह के तमाशे सिर्फ इसलिए किए जा रहे हैं ताकी राजा साबू और उनके गुर्गे पूर्व गवर्नर्स किसी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनवा सकें या किसी को बनने से रोक सकें ।
इस 'काम' को अंजाम तक पहुँचाने के लिए राजा साबू और उनके गुर्गे पूर्व गवर्नर्स ने पहला काम मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा को दिलीप पटनायक तथा डेविड हिल्टन की तरह से ही अपनी कठपुतली बनाने का किया है । यह बात रमन अनेजा की एक हरकत से साबित होती है । रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के पूर्व प्रेसीडेंट मोहिंदर पॉल गुप्ता ने नोमीनेटिंग कमेटी बनने/बनाने की प्रक्रिया में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों व दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले को लेकर रमन अनेजा से शिकायत की । रमन अनेजा ने उन्हें उस समय तो ठीक वैसे ही जबाव दिया, जैसे एक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को देना चाहिए - रमन अनेजा ने उनसे कहा कि उन्हें जो कुछ भी कहना है उसे वह अपने क्लब से एक प्रस्ताव के रूप में भेजें, जिसे डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में विचार के लिए लोगों के सामने रख दिया जायेगा । लेकिन दो दिन बाद ही रमन अनेजा ने पलटी मारी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का चोला उतार कर कठपुतली का चोला पहन कर मोहिंदर पॉल गुप्ता से कहा कि उन्हें अपने क्लब से प्रस्ताव भिजवाने की जरूरत नहीं है, वह खुद ही उक्त मामले में कार्रवाई करेंगे । रमन अनेजा का यह बदला हुआ रवैया बता/दिखा रहा है कि यह सिर्फ उनकी बहानेबाजी है, जिसका उद्देश्य मोहिंदर पॉल गुप्ता को प्रस्ताव भेजने से रोकना है । समझा जाता है कि राजा साबू और दूसरे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की तरफ से रमन अनेजा के कान उमेंठे गए होंगे कि प्रस्ताव मँगा कर क्यों मुसीबत पैदा कर/करवा रहे हो; सो, रमन अनेजा ने खुद ही कार्रवाई करने का वायदा करते हुए मोहिंदर पॉल गुप्ता को प्रस्ताव भेजने/भिजवाने से रोकने का काम किया । हर कोई जानता है कि रमन अनेजा भले ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के नाते उन्हें रोटरी इंटरनेशनल के नियमों के अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन वह करेंगे वही जो राजा साबू और उनकी 'कंपनी' के लोग कहेंगे ।
मजेदार संयोग है कि इन्हीं मोहिंदर पॉल गुप्ता ने पिछले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन को रोटरी इंटरनेशनल की व्यवस्थानुसार ई-वोटिंग के जरिए चुनाव करवाने का सुझाव दिया था, जिसे स्वीकार करने से डेविड हिल्टन ने इंकार कर दिया था । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने अपने फैसले में डेविड हिल्टन के रवैये की भर्त्सना करते हुए साफ कहा है कि वह यदि ई-वोटिंग से चुनाव करवाते, तो चुनाव में बेईमानी नहीं हो पाती; डेविड हिल्टन को लेकिन मोहिंदर पॉल गुप्ता के सुझाव को मानने की बजाए राजा साबू एंड कंपनी की बात माननी थी, ताकि उन्हें चुनाव में मनमानी व बेईमानी करने का मौका मिल सके । रमन अनेजा भी लगता है कि डेविड हिल्टन की राह पर हैं - और रोटरी इंटरनेशनल की व्यवस्थानुसार काम करने के मोहिंदर पॉल गुप्ता के सुझाव को मानने से बचने तथा राजा साबू एंड कंपनी की मनमानी के अनुसार ही काम करने की तिकड़म लगा रहे हैं ।
रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने अपने फैसले में इस तथ्य को बहुत स्पष्टता के साथ रेखांकित किया है कि वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट की लीडरशिप 4-वे-टेस्ट तथा रोटरी के आदर्शों का पालन करने में फेल रही है । यह देखना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपनी करतूतों से डिस्ट्रिक्ट तथा रोटरी का नाम खराब करने वाली वही लीडरशिप इस वर्ष भी अपनी टुच्ची हरकतों के सहारे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है ।