Tuesday, January 3, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3250 की डिस्ट्रिक्ट कांफ्रेंस में राजा साबू तथा बासकर की उपस्थिति जोन 6ए की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में कमल सांघवी की उम्मीदवारी को घेरने की रणनीति का संकेत है क्या ?

जमशेदपुर । कमल सांघवी के डिस्ट्रिक्ट - यानि डिस्ट्रिक्ट 3250 की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू तथा भावी इंटरनेशनल डायरेक्टर सी बासकर की उपस्थिति अगला इंटरनेशनल डायरेक्टर चुन जाने के लिए दौड़ रहे कमल सांघवी के लिए क्या स्पीड ब्रेकर का काम करती है ? उल्लेखनीय है कि अगले रोटरी वर्ष में जोन 6ए में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के लिए बिछ रही राजनीतिक बिसात में कमल सांघवी को पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है, जबकि अजॉय छाबड़ा को शेखर मेहता के खेमे के प्रतिद्धंद्धी खेमे के नेताओं की 'प्रेरणा' के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । प्रतिद्धंद्धी खेमे के नेताओं में अलग अलग कारणों से राजा साबू और सी बासकर की विशेष हैसियत है । इसी नाते से डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में इन दोनों की उपस्थिति से अजॉय छाबड़ा और उनके समर्थकों को बल्ले-बल्ले वाले मूड में देखा गया, जबकि कमल सांघवी तथा उनके समर्थक निराश-से नजर आए । कमल सांघवी के कुछेक समर्थकों ने हालाँकि अपने आप को भी और दूसरों को भी यह समझाने की कोशिश तो बहुत की कि इन दोनों की उपस्थिति को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉक्टर भरत की अपनी कांफ्रेंस को बड़ा बनाने/दिखाने की निजी कोशिश के नतीजे के रूप में देखा जाना चाहिए, और इसमें कोई राजनीति - या राजनीतिक संदेश नहीं देखा/पढ़ा जाना चाहिए । कमल सांघवी के समर्थक नेताओं का तर्क रहा कि डॉक्टर भरत ने अपनी कांफ्रेंस को यादगार बनाने के लिए ही राजा साबू तथा सी बासकर की उपस्थिति के लिए प्रयास किया, और उनकी किस्मत अच्छी रही कि उनका प्रयास सफल रहा - बात बस इतनी सी है, इसमें राजनीति देखना ठीक नहीं है ।
बात बस इतनी सी है - कमल सांघवी के समर्थक नेता लोग दूसरों को तो यह बताने/समझाने का प्रयास करते रहे, किंतु अपने ही इस तर्क को वह खुद हजम नहीं कर पाए; और राजा साबू व सी बासकर की उपस्थिति से जले-भुने से रहे/दिखे । खासकर राजा साबू की उपस्थिति ने कई लोगों को चौंकाया । दरअसल राजा साबू के बारे में मशहूर है कि वह डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंसेस में नहीं जाते हैं । इसीलिए जमशेदपुर में डिस्ट्रिक्ट 3250 की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उनकी उपस्थिति की बात जिसने भी सुनी, वह हैरान हुआ और उसने इस उपस्थिति के राजनीतिक 'इरादे' पढ़ने/समझने का प्रयास किया । राजा साबू अभी दुबई में आयोजित हुई रोटरी जोन इंस्टीट्यूट में नहीं गए थे, और उनकी तरफ से इसका कारण बताया गया था कि उनकी पत्नी ऊषा साबू को चूँकि बाहर आने-जाने में तकलीफ होने लगी है और उनको साथ लिए बिना वह कहीं आते-जाते नहीं हैं । जमशेदपुर लेकिन वह उनके बिना आ गए । दुबई इंस्टीट्यूट में राजा साबू की अनुपस्थिति के पीछे भी जिस तरह से 'राजनीति' देखी/पहचानी गई थी; ठीक उसी तरह से जमशेदपुर में उनकी उपस्थिति के पीछे भी राजनीति देखी गई । कमल सांघवी के समर्थकों व शुभचिंतकों ने इस राजनीति को पहचानने में लगता है कि कोई चूक नहीं की है ।
कमल सांघवी और उनके समर्थकों को दरअसल महसूस यह हो रहा है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में उनके डिस्ट्रिक्ट के नेताओं के साथ-साथ ऊपर के कुछेक नेता भी उनकी घेराबंदी करने की तैयारी कर रहे हैं । कमल सांघवी और उनके समर्थकों को अजॉय छाबड़ा की उम्मीदवारी प्रस्तुत होने की आशंका तो थी; किंतु उनका आकलन था कि अजॉय छाबड़ा की उम्मीदवारी को ज्यादा समर्थन नहीं मिलेगा और अजॉय छाबड़ा की उम्मीदवारी उनके लिए कोई चुनौती या समस्या खड़ी नहीं पायेगी । जोन 6ए की इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले दूसरे लोग भी इस आकलन से सहमत रहे हैं । असल में, रोटरी में अजॉय छाबड़ा की तुलना में कमल सांघवी की सक्रियता और संलग्नता बहुत ज्यादा रही है; डिस्ट्रिक्ट से बाहर तथा ऊपर की रोटरी में तो कमल सांघवी उनसे बहुत - बहुत आगे बने और 'दिखते' रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट से बाहर तथा ऊपर की रोटरी में पहचान के मामले में भी कमल सांघवी का पलड़ा हमेशा ही अजॉय छाबड़ा से भारी नजर आता रहा है । इसीलिए अजॉय छाबड़ा की तरफ से कमल सांघवी को ज्यादा समस्या होने का कोई डर नहीं था । लेकिन अब अचानक से अजॉय छाबड़ा की उम्मीदवारी के अभियान में जिस तरह की आक्रामकता देखी जा रही है, उससे कमल सांघवी के समर्थकों और शुभचिंतकों को लग रहा है कि अजॉय छाबड़ा की उम्मीदवारी की डोर कहीं और किन्हीं हाथों में है ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए जोगेश गंभीर की उम्मीदवारी आने से कमल सांघवी के लिए मामला खासा गंभीर हो गया है । जोगेश गंभीर को अजॉय छाबड़ा के समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । डिस्ट्रिक्ट में हालाँकि कई लोगों को लगता है कि नोमीनेटिंग कमेटी के लिए कमल सांघवी अपने उम्मीदवार के रूप में संजय खेमका को आराम से जितवा लेंगे; लेकिन ऐसा मानने वाले लोगों में भी कई एक को लगता है कि कमल सांघवी के लिए झंझट तो खड़ा हो ही गया है । जोन में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार के रूप में और जो कुछ नाम सुने जा रहे हैं, उन्हें भी कमल सांघवी की उम्मीदवारी के लिए झंझट खड़ा करने के उद्देश्य को पाने की कार्रवाई के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । इसी सब नजारे को देखते हुए जोन 6ए में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को लग रहा है कि रोटरी के किन्हीं बड़े नेताओं ने कमल सांघवी की उम्मीदवारी के खिलाफ जैसे 'सुपारी' ले ली है, और उन्होंने कमल सांघवी की उम्मीदवारी को चारों तरफ से घेरना शुरू कर दिया है । कमल सांघवी के डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट कांफ्रेंस में ही कमल सांघवी को जो झटका दिया गया है, वह इस बात का सुबूत है कि उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ काम कर रहे लोग बहुत बारीकी और गंभीरता से अपनी चाल चल रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट में अजॉय छाबड़ा और जोगेश गंभीर के साथ ऐसे ऐसे लोग नजर आने लगे हैं, जो प्रायः इनके खिलाफ रहे हैं; जाहिर है कि जो इनके साथ सिर्फ कमल सांघवी का खेल बिगाड़ने के लिए खड़े हुए हैं या खड़े किये गए हैं । डिस्ट्रिक्ट के बाद जोन के दूसरे डिस्ट्रक्ट्स में भी जिस तरह से कमल सांघवी तथा उनके समर्थकों के खिलाफ लोगों को सक्रिय और इकट्ठा किया जा रहा है, उससे लग रहा है कि कमल सांघवी के लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई खासी मुश्किल होने जा रही है ।