Tuesday, January 10, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ई में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के मुख्य सलाहकार डॉक्टर क्षितिज शर्मा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने से रोकने के लिए मुकेश पाठक को आगे करने की वीरेंद्र गोयल एंड पार्टी की तैयारी सवालों के घेरे में

वाराणसी । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए डॉक्टर क्षितिज शर्मा की उम्मीदवारी में रोड़े अटकाने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान तथा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीरेंद्र गोयल और उनके ग्रुप के दूसरे पूर्व गवर्नर्स ने जिस तरह की तैयारी शुरू की है, उसे देख/सुन कर डिस्ट्रिक्ट के लोग खासे हैरान हैं । क्षितिज शर्मा के खिलाफ मुकेश पाठक को उम्मीदवार बनाने की इनकी कोशिश ने तो खुद इनके ग्रुप के लायन सदस्यों को भी हैरान और निराश किया है । उल्लेखनीय है कि मुकेश पाठक पहले भी दो-तीन बार उम्मीदवार बन चुके हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों का समर्थन पाने में बुरी तरह असफल रहे हैं । मुकेश पाठक के क्लब - लायंस क्लब वाराणसी शिवगंगा में गिनती के सदस्य हैं; और वह भी ड्यूज जमा न होने के कारण सस्पेंड है और उस पर लायंस इंटरनेशनल के ड्यूज के करीब 60/70 हजार रुपए बकाया बताए/सुने जा रहे हैं । लोगों के बीच सवाल यही चर्चा में है कि जो मुकेश पाठक अपना क्लब तक नहीं चला पा रहे हैं, और लायंस इंटरनेशनल के ड्यूज तक चुकाने से बचते रहे हैं - वीरेंद्र गोयल एंड पार्टी उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आखिर क्यों बनाना चाहती है ? खुद इनके नजदीकियों व साथियों का कहना है कि खेमेबाजी की राजनीति के चलते वीरेंद्र गोयल एंड पार्टी को अपना कोई उम्मीदवार यदि लाना ही है - तो पर्सनलिटी, कामकाज और ख्याति में कम से कम डॉक्टर क्षितिज शर्मा की टक्कर का तो लाएँ । लायनिज्म में मुकेश पाठक की सक्रियता से परिचित लोगों का भी मानना और कहना है कि मुकेश पाठक एक अच्छे कार्यकर्त्ता तो हो सकते हैं, पर लीडर बनने की क्षमता उनमें नहीं है - उनके अपने क्लब की हालत से भी यह स्पष्ट है । यह सब जानते बूझते हुए भी वीरेंद्र गोयल एंड पार्टी उन्हें डिस्ट्रिक्ट और डिस्ट्रिक्ट के सदस्यों पर जबर्दस्ती थोपने के लिए भला क्यों तत्पर है ?
डिस्ट्रिक्ट में जिन भी लोगों ने डॉक्टर क्षितिज शर्मा को जाना/पहचाना है, उन्होंने माना और कहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डॉक्टर क्षितिज शर्मा निश्चित ही एक बेहतर च्वाइस हैं; और उनके गवर्नर होने से डिस्ट्रिक्ट का मान/सम्मान शर्तिया रूप से बढ़ेगा ही । डॉक्टर क्षितिज शर्मा बच्चों के हृदय रोग के विशेषज्ञ और प्रतिष्ठित फिजिशियन हैं । मेडीकल की पढ़ाई उन्होंने बंगलौर व मणिपाल की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज और दिल्ली व चेन्नई के प्रमुख संस्थानों से की है । उनके पिता भी डॉक्टर थे और उनकी माँ व पत्नी भी डॉक्टर हैं - इस नाते से मेडीकल प्रोफेशन में उनका अच्छा नाम और सम्मान है । डॉक्टर क्षितिज शर्मा की सामाजिक सक्रियता भी खासी उल्लेखनीय रही है - लायनिज्म के साथ-साथ वह इंडियन मेडीकल एसोसिएशन तथा बच्चों के डॉक्टर्स की एसोसिएशन में भी सक्रिय तथा पदाधिकारी रहे हैं । लायनिज्म में उनकी सक्रियता तथा उपलब्धियों को खासी ऊँची पहचान मिली है - क्लब के प्रेसीडेंट, जोन चेयरमैन तथा रीजन चेयरमैन के रूप में उन्हें लायंस इंटरनेशनल के एक्सीलेंस अवॉर्ड तो मिले ही हैं; लायनिज्म के प्रति उनकी सोच तथा उनकी व्यापक संलग्नता को देखते हुए मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान ने उन्हें अपना - यानि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का मुख्य सलाहकार बनाया हुआ है । अब जो व्यक्ति डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का मुख्य सलाहकार बन/बनाया जा सकता है, वह यदि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनना चाहता है - तो उसकी राह में रोड़े अटकाने का भला क्या औचित्य हो सकता है ?
निस्संदेह मुकेश पाठक ने भी डिस्ट्रिक्ट में महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया है, और कुछेक लायन वर्षों में वह लोगों के बीच बहुत सक्रिय भी रहे हैं और एक अच्छे कार्यकर्त्ता होने का सुबूत देने में भी वह सफल रहे हैं । लेकिन, जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि, अपनी सक्रियता को वह 'राजनीतिक उपलब्धि' में बदल पाने में वह हमेशा ही असफल साबित हुए हैं । वह चूँकि कई बार गवर्नर पद की परीक्षा में बैठ चुके हैं, और हर बार बुरी तरह फेल हुए हैं - इससे साबित है कि डिस्ट्रिक्ट में लोग उन्हें गवर्नर के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं । लोगों के इतने स्पष्ट रवैये के बावजूद वीरेंद्र गोयल एंड पार्टी मुकेश पाठक को क्यों डिस्ट्रिक्ट पर जबर्दस्ती थोपना चाहती है - यह डिस्ट्रिक्ट के लोगों की समझ में नहीं आ रहा है ।
वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी के लोगों से ही यह भी सुनने को मिल रहा है कि मुकेश पाठक को चुनाव लड़वाने का खर्चा भी डिस्ट्रिक्ट के लोगों से ही बसूल किये जाने की तैयारी की जा रही है; और इस तैयारी के तहत डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल तुलस्यान पर दबाव बनाया जा रहा है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए रजिस्ट्रेशन फीस वह पिछले वर्षों के मुकाबले तिगुनी-चौगुनी बढ़ा कर बसूल करें । बढ़ी रजिस्ट्रेशन फीस से जो रकम इकट्ठा होगी, उससे मुकेश पाठक को एक बार फिर चुनाव लड़वाया जायेगा । मुकेश पाठक उम्मीदवार बनने के 'योग्य' हो सकें, इसके लिए पहले तो उनके क्लब के ड्यूज जमा करवा कर उनके क्लब को सस्पेंशन से बाहर निकलवाने की जरूरत है - और इस जरूरत को पूरा करने के लिए पैसे चाहिए होंगे; क्लब की स्थिति ऐसी है नहीं कि वह बकाया ड्यूज जमा करवा सके - होती, तो यह नौबत आती ही क्यों ? लिहाजा, अलग अलग तरीकों से लोगों से पैसे ऐंठ कर ही मुकेश पाठक के क्लब को 'जिंदा' करके उन्हें उम्मीदवार बनाने/बनवाने की तरकीबें लगाई/भिड़ाई जा रही हैं । इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट में सभी को हैरान किया हुआ है - और वीरेंद्र गोयल एंड कंपनी की मंशा सवालों के घेरे में आ फँसी हैं ।