Tuesday, April 4, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंदरजीत सिंह के खिलाफ झूठा अभियान चलाना/चलवाना जेपी सिंह को खासा भारी पड़ा है

नई दिल्ली । जेपी सिंह और उनके बड़बोले व मूर्ख साथियों के फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंदरजीत सिंह के खिलाफ चलाए गए अभियान में खुद ही फँस जाने से उक्त मुद्दे पर अब उनके सामने लोगों से मुँह छिपाने की जो नौबत आ गई है, उसने जेपी सिंह के लिए मुसीबतों को और बढ़ा दिया है । जेपी सिंह के खिलाफ जो नए आरोप सामने आए हैं, उसमें शान ट्रैवल्स को भी चपेट में ले लिया गया है, जिसके चलते जेपी सिह की दबी-छिपी कारगुजारियाँ भी बेनकाब होने लगी हैं । नए आरोपों से घबराए जेपी सिंह और उनके साथियों ने अपने को बचाने के लिए तर्क देना शुरू किया है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में व्यक्तिगत आरोपों को नहीं उछालना चाहिए । इस पर उन्हें सुनने को मिल रहा है कि इंदरजीत सिंह के खिलाफ जब झूठे आरोप लगाकर हमला किया जा रहा था, तब उन्हें यह अक्ल क्यों नहीं आई थी ? अब जब जेपी सिंह पर सच्चे आरोप लग रहे हैं तो उन्हें याद आया कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाने चाहिए - और इसमें व्यक्तिगत क्या है ? जेपी सिंह ने लायन पदाधिकारी के रूप में जो घपलेबाजियाँ की हैं, उनकी बात करना और उन पर सवाल उठाना व्यक्तिगत कैसे हो गया ? जेपी सिंह के नजदीकियों और शुभचिंतकों को ही लगता है और वह कहते हैं कि जेपी सिंह अपनी और अपने समर्थकों की उदंड व बदतमीजीपूर्ण हरकतों के चलते बदनामी के जिस दलदल में फँसते जा रहे हैं, वह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा नहीं है । जेपी सिंह लायनिज्म में अपने लिए जो बड़ी भूमिका देख रहे हैं और उसे पाने के लिए प्रयत्नशील हैं, उसमें उनकी बदनामी भी रोड़ा अटका सकती है ।
जेपी सिंह लायनिज्म में जिस ऊँची उड़ान पर हैं, उसमें विरोधियों का बनना और सक्रिय होना स्वाभाविक ही है - सयानों ने कहा है कि जिसे ऊँची उड़ान भरनी हो, उसकी पहली जरूरत है कि वह अपने विरोधियों की संख्या को न बढ़ने दे तथा उनकी सक्रियता को नियंत्रित करने के उपाय करे; जेपी सिंह ने लेकिन उलटी ही राह पकड़ी है । अपनी हरकतों और अपने रवैये से वह विरोधियों की संख्या में तो इजाफा कर ही रहे हैं, उन्हें भड़का कर आक्रामक और बना रहे हैं । जेपी सिंह के शह पाकर उनके समर्थक उनसे चार कदम और आगे हैं - जिसका नतीजा है कि जेपी सिंह रोज नई मुसीबतों में फँस जा रहे हैं । इंदरजीत सिंह के मामले में तो यह हुआ कि बिना बात के जेपी सिंह और उनके साथियों ने मुसीबत आमंत्रित कर ली । यह भी तब हुआ जब जेपी सिंह और उनके साथी पिछले वर्ष हुई जेपी सिंह की फजीहत के लिए प्रमुख रूप से इंदरजीत सिंह को ही जिम्मेदार मानते और ठहराते हैं । यदि यह बात सच है, और पिछले वर्ष हुई जेपी सिंह की फजीहत के लिए वास्तव में इंदरजीत सिंह ही प्रमुख रूप से जिम्मेदार थे - तो जेपी सिंह के लिए अक्लमंदी की बात यह होती कि वह इंदरजीत सिंह के साथ अपने झगड़े को बढ़ाने की बजाए कम करने का प्रयास करें । जेपी सिंह के नजदीकियों ने इन पँक्तियों के लेखक को बताया है कि जेपी सिंह ने इसके लिए प्रयास किए थे, और इस बाबत उन्होंने अपनी पत्नी की भी मदद ली थी - जिन्होंने इंदरजीत सिंह की पत्नी के जरिए इंदरजीत सिंह को जेपी सिंह के करीब लाने की कोशिश की थी । जेपी सिंह की कोशिशों के कारण ही डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोगों को लगने भी लगा था कि इंदरजीत सिंह पहले की ही तरह जेपी सिंह के साथ फिर आ मिलेंगे । डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच इस तरह की चर्चा जोर पकड़ ही रही थी कि दृश्य बदला और जेपी सिंह व इंदरजीत सिंह के बीच दूरियाँ कम होने की बजाए बढ़ती हुई देखी जाने लगीं ।
जेपी सिंह के नजदीकियों के अनुसार ही, बनते-बनते बिगड़ गई बात के लिए खुद जेपी सिंह ही जिम्मेदार हैं । दरअसल, उस दौरान विनय गर्ग से निपटने के लिए जेपी सिंह ने इंदरजीत सिंह को ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया । अपनी पत्नी और इंदरजीत सिंह की पत्नी के बीच की सामान्य-सी बातों को इस्तेमाल करते हुए जेपी सिंह ने विनय गर्ग और इंदरजीत सिंह के बीच फूट डालने तथा सत्ता खेमे के लोगों के बीच इंदरजीत सिंह को बदनाम करने की कोशिश की । तब इंदरजीत सिंह को भी समझने में देर नहीं लगी कि जेपी सिंह उनके साथ संबंध सुधारना नहीं चाहते हैं, बल्कि उन्हें सिर्फ इस्तेमाल करना चाहते हैं । इंदरजीत सिंह जब उनकी चाल में नहीं फँसे, तो जेपी सिंह तरह तरह से इंदरजीत सिंह को फँसाने और बदनाम करने के मौकों की तलाश में जुट गए । इस काम के लिए उनकी तड़प ऐसी रही कि प्रोमिला घई की दोहरी सदस्यता के चक्कर में इंदरजीत सिंह का क्लब - लायंस क्लब दिल्ली मेरिडियन जब स्टेटस-को घोषित हुआ, तो जेपी सिंह मामले को बिना जाने-समझे अपने साथियों सहित इंदरजीत सिंह पर टूट पड़े । इन्होंने लोगों के बीच झूठ प्रचारित किया कि ड्यूज न देने के कारण इंदरजीत सिंह का क्लब स्टेटस-को में गया है । डिस्ट्रिक्ट और लायनिज्म के लिए सबसे ज्यादा शर्म की बात यह रही कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना तक इस झूठे प्रचार में शामिल हुए । लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो इन्हें साँप सूँघ गया । अब इंदरजीत सिंह माँग कर रहे हैं कि उनके और उनके क्लब के बारे में झूठ फैलाने वाले लोग डिस्ट्रिक्ट के लोगों से माफी माँगे ।
जेपी सिंह और उनके साथियों का रवैया यह है कि झूठे आरोप लगाओ और भाग जाओ - ऐसे में, माफी कौन माँगे ? इंदरजीत सिंह और उनके क्लब को बदनाम करने के लिए लगाए गए झूठे आरोपों पर जेपी सिंह और उनके साथी माफी माँगने से भले ही बच रहे हों, लेकिन इस मामले को लेकर लोगों के बीच उनकी फजीहत खूब हो रही है । इस मामले के चलते लोगों का गुस्सा इतना भड़का हुआ है कि जेपी सिंह पर नए नए आरोपों की बौछार होने लगी है । जेपी सिंह पर नया आरोप यह लगा है कि जेपी सिंह शान ट्रैवल्स के साथ मिल कर लायन सदस्यों तथा पदाधिकारियों के कार्यक्रमों के नाम पर विदेशी टूर आयोजित करते हैं, और उससे पैसा बनाते/कमाते हैं । इस आरोप ने जेपी सिंह और उनके साथियों को बुरी तरह तिलमिला दिया है । तिलमिलाहट में इस आरोप का सीधा जबाव देने की बजाए उनकी तरफ से तर्क किया जा रहा है कि लायन राजनीति में व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाना चाहिए । आरोप लगाने वाले लोगों का कहना लेकिन यह है कि इस आरोप में व्यक्तिगत क्या है ? लायन पदाधिकारी के रूप में लायनिज्म के आयोजनों को जेपी सिंह ने यदि धंधा बनाया हुआ है, तो इस बारे में आरोप व्यक्तिगत कैसे हुए ? डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति जिस तरह से दिन-पर-दिन तीखी होती जा रही है, उसमें जेपी सिंह के लिए मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है । ऐसे में, बात सिर्फ चुनावी जीत-हार की ही नहीं रह गई है - जेपी सिंह के खिलाफ जिस तरह से नाराजगी बढ़ रही है और संगठित तथा आक्रामक हो रही है, उसे जेपी सिंह की भविष्य की राजनीति के लिए बड़े खतरे और फजीहत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।