Sunday, April 16, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में सीओएल के चुनाव में रूपक जैन के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रहे केके गुप्ता की उम्मीदवारी प्रस्तुत होने से रूपक जैन पर सम्मानस्वरूप उम्मीदवारी छोड़ने के लिए नैतिक दबाव बना

नई दिल्ली । केके गुप्ता ने सीओएल (काउंसिल ऑन लेजिस्लेशन) के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करके रूपक जैन के सामने एक बड़ा नैतिक संकट पैदा करके उनके लिए अच्छी-खासी मुसीबत खड़ी कर दी है दरअसल रूपक जैन को मुकेश अरनेजा ने सीओएल के लिए उम्मीदवार बनाया हुआ है - कई लोगों ने मुकेश अरनेजा से कहा भी कि रूपक जैन की डिस्ट्रिक्ट में कोई सक्रियता नहीं है; पिछले कुछ वर्षों में रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में जुड़े लोगों को न वह जानते/पहचानते हैं और न लोग उन्हें जानते/पहचानते हैं; इस नाते से रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में जो नई चुनौतियाँ पैदा हुई हैं, उन्हें भी रूपक जैन समझते/पहचानते नहीं होंगे, इसलिए सीओएल में जाकर वह आखिर करेंगे क्या ? लेकिन मुकेश अरनेजा तो मुकेश अरनेजा हैं, उन्हें रोटरी से और डिस्ट्रिक्ट से क्या, उन्हें तो सिर्फ इससे मतलब है कि वह तय करेंगे कि कौन कहाँ जायेगा - सो, उन्होंने तय कर दिया कि रूपक जैन सीओएल में जायेंगे । उन्होंने तो रूपक जैन से कह भी दिया कि अमेरिका जाने के लिए अपना सामान बाँध लो - हो सकता है कि मुकेश अरनेजा की बातों में आकर रूपक जैन ने सामान बाँध भी लिया हो मुकेश अरनेजा ने उन्हें आश्वस्त किया था कि बिना किसी प्रयास के, घर बैठे बैठे ही उनका मुफ्त में अमेरिका जाने का जुगाड़ हो जायेगा । केके गुप्ता की उम्मीदवारी आने से मुकेश अरनेजा और रूपक जैन की यह योजना तो ध्वस्त हो गई है कि वह बिना कोई प्रयास किए, घर बैठे बैठे ही अमेरिका का टिकट प्राप्त कर लेंगे
केके गुप्ता की उम्मीदवारी ने रूपक जैन के लिए एक बड़ा नैतिक संकट भी खड़ा कर दिया है
। दरअसल केके गुप्ता करीब बीस वर्ष पहले रूपक जैन के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर थे । रूपक जैन के सामने नैतिक संकट के रूप में यह सवाल आ खड़ा हुआ है कि अपनी गवर्नरी को ठीक से चलाने के लिए उन्होंने जिन केके गुप्ता पर भरोसा करते हुए उनकी मदद लेने के लिए उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया था, क्या अब उन्हीं केके गुप्ता के सामने उन्हें अपनी उम्मीदवारी बनाए रखनी चाहिए ? लोगों का मानना और कहना है कि इस तथ्य के प्रति कि केके गुप्ता उनके गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रहे हैं - आभार और सम्मान व्यक्त करते हुए रूपक जैन को सीओएल पद की अपनी उम्मीदवारी छोड़ देना चाहिए
यूँ भी रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में केके गुप्ता की सक्रियता का जो रिकॉर्ड है, रूपक जैन उसके सामने कहीं नहीं ठहरते/टिकते ! डिस्ट्रिक्ट और जोन में तो विभिन्न भूमिकाओं में केके गुप्ता की सक्रियता रही ही है; वह दो बार इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के प्रतिनिधि के रूप में दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स में जाने के लिए भी चुने गए हैं, और रोटरी फाउंडेशन (इंडिया) के कई वर्षों तक सेक्रेटरी भी रहे हैं इंटरनेशनल डायरेक्टर के रूप में ओपी वैश्य को वर्ष 1999 में जब रोटरी जोन इंस्टीट्यूट का आयोजन करना था, तब उन्होंने उक्त इंस्टीट्यूट के चेयरमैन के रूप में केके गुप्ता को ही चुना था
बात सिर्फ महत्त्वपूर्ण पदों पर रहने की ही नहीं है, महत्त्वपूर्ण बात यह है कि केके गुप्ता ने रोटरी में अपनी सक्रियता में निरंतरता बनाए रखी है - और
पच्चीस वर्ष पहले, वर्ष 1992-93 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रहे केके गुप्ता अपनी वरिष्ठता की गरिमा के साथ आज भी रोटरी की मुख्य धारा में सक्रिय हैं - जिसका उदाहरण और सुबूत दुबई में आयोजित हुई पिछली रोटरी जोन इंस्टीट्यूट में उनका शामिल होना है
उल्लेखनीय है कि रोटरी जोन इंस्टीट्यूट में वही (वरिष्ठ) रोटेरियंस शामिल होते हैं, जिन्हें रोटरी के प्रति सचमुच का लगाव होता है और जो रोटरी के लिए वास्तव में कुछ करना चाहते हैं । प्रसंगवश बता दें कि उक्त रोटरी जोन इंस्टीट्यूट में न मुकेश अरनेजा शामिल हुए थे, और न रूपक जैन ने उसमें शामिल होने की जरूरत समझी थी हाँ, सीओएल सदस्य के रूप में मुफ्त में अमेरिका जाने का मौका लेने के लिए रूपक जैन खुशी से तैयार हो गए हैं । गौर करने वाली बात है कि केके गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के चार वर्ष बाद ही रूपक जैन भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने थे - बाद के वर्षों में लेकिन रूपक जैन अपनी ऐसी कोई सक्रियता नहीं दिखा सके, जो दूसरों को प्रेरित या प्रभावित कर सके
। यही कारण है कि रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में उनकी पहचान 'मुकेश अरनेजा के आदमी' के रूप में है - जबकि मुकेश अरनेजा उनके ग्यारह वर्ष बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बने हैं । वरिष्ठता के क्रम के अनुसार, मुकेश अरनेजा को उनका 'आदमी' होना चाहिए था - लेकिन चूँकि वरिष्ठ होने के बावजूद उन्होंने रोटरी और डिस्ट्रिक्ट में कुछ किया ही नहीं, इसलिए हो उल्टा गया और वह मुकेश अरनेजा के 'आदमी' हो कर रह गए
रूपक जैन के विपरीत, केके गुप्ता को रोटरी में अपनी संलग्नता और सक्रियता की निरंतरता को बनाए रखने के कारण ही - रोटरी समुदाय और डिस्ट्रिक्ट में रोटरी की गहरी जानकारी रखने वाले तथा रोटरी व डिस्ट्रिक्ट के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहने वरिष्ठ रोटेरियन के रूप में जाना/पहचाना जाता है । केके गुप्ता की उम्मीदवारी प्रस्तुत होने से डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लगा है कि सीओएल के लिए केके गुप्ता ही उचित रूप से प्रतिनिधित्व कर सकेंगे - और सीओएल में उनकी उपस्थिति से रोटरी को तो जो लाभ होगा, वह होगा ही - साथ ही डिस्ट्रिक्ट की पहचान और प्रतिष्ठा में भी इजाफा होगा केके गुप्ता वरिष्ठ होने के साथ-साथ चूँकि लगातार रोटरी में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं, इसलिए समाज के बदलते स्वरूप के साथ-साथ रोटरी में जो बदलाव आ रहे हैं या आने चाहिएँ - उन्हें भी वह अच्छी तरह जान/समझ रहे हैं, और इसलिए वह सीओएल की मीटिंग में अच्छे और व्यावहारिक सुझाव दे सकेंगे । रूपक जैन तो सीओएल की मीटिंग में शामिल होने को बस एक पिकनिक के रूप में ही देख/मना सकेंगे - इससे न तो रोटरी का ही भला होगा, और न ही डिस्ट्रिक्ट की छवि में कुछ जुड़ेगा डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि रूपक जैन सीओएल के लिए अपनी उम्मीदवारी को सिर्फ मुकेश अरनेजा की खुश्की पूरी करने के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं - इस बात से लोगों को हैरानी भी हो रही है कि वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के बावजूद रूपक जैन आखिर क्यों मुकेश अरनेजा जैसे व्यक्ति की कठपुतली बने हुए हैं, और उन केके गुप्ता के सामने उम्मीदवार बने रहने की जिद ठाने हुए हैं - जिन्हें उन्होंने अपने गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया था