नई दिल्ली ।
विनय गर्ग को धोखा देकर तेजपाल खिल्लन ने जिस तरह से विशाल सिन्हा को
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनाने की जिम्मेदारी ले ली है, उसे देख/जान कर
पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर विनोद खन्ना बहुत खुश हैं । बिना कुछ किए-धरे मल्टीपल की राजनीति में विनोद खन्ना का लक्ष्य पूरा हो रहा है - इसमें उनके लिए खुश होने की बात भी है ।
विनोद खन्ना के लिए दोहरी खुशी की बात यह है कि उनके लक्ष्य तो पूरे हो ही
रहे हैं, उनके लक्ष्य पूरे करने की जिम्मेदारी भी उनके घनघोर विरोधी
तेजपाल खिल्लन ने अपने सिर ले ली है । विनोद
खन्ना इस बार की मल्टीपल की राजनीति के संदर्भ में सचमुच किस्मत वाले हैं
कि उनका घनघोर विरोधी सरेआम बेवकूफ बन रहा है - और अपना काम समझ कर उनका
काम कर रहा है । उल्लेखनीय है कि मल्टीपल की
राजनीति में विनोद खन्ना के दो लक्ष्य थे - एक तो यह कि उनके अपने
डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर विनय गर्ग मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन न बन सकें
और मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन का पद उनके खास विशाल सिन्हा को मिले । अभी पंद्रह दिन पहले तक विनोद खन्ना के यह लक्ष्य लेकिन पूरे होते हुए नहीं दिख रहे थे ।
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद पर विनय गर्ग की उम्मीदवारी सबसे मजबूत
मानी/पहचानी जा रही थी, और विशाल सिन्हा के लिए कहीं कोई उम्मीद नजर नहीं आ
रही थी । इसी कारण से, विनय गर्ग का रास्ता
रोकने के लिए विनोद खन्ना ने पहले योगेश सोनी और फिर अनिल तुलस्यान को अपने
उम्मीदवार के रूप में देखना शुरू किया था ।
पिछले कुछ दिनों में लेकिन तेजी से हालात बदले हैं, और नई बनी स्थिति में
विनय गर्ग के रास्ते से हटने का विनोद खन्ना का एक लक्ष्य तो पूरा हो गया
है - जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी निभाई मल्टीपल की राजनीति में उनके कट्टर विरोधी तेजपाल खिल्लन ने, और तेजपाल
खिल्लन ने ही विशाल सिन्हा को मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनाने/बनवाने की
जिम्मेदारी ले ली है ।
तेजपाल खिल्लन ने एक बड़ा काम यह किया है कि विनय गर्ग को रास्ते से हटा देने के बाद भी - विनय गर्ग का साथ देने की कसमें खाने वाले उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह को अपने साथ बनाए रखा है । तेजपाल खिल्लन ने इंद्रजीत सिंह को अगले वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुनवाने का वायदा किया है । अगले वर्ष क्या होगा, यह तो अगले वर्ष ही पता चलेगा - इस वर्ष लेकिन इंद्रजीत सिंह के लिए भी बिडंवना की बात यह हो गई है कि यदि वह तेजपाल खिल्लन के साथ रहते हैं, तो अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने विरोध में चल रहे विनोद खन्ना के लक्ष्य पूरे करने में मददगार बनेंगे । तेजपाल खिल्लन ने दीपक राज आनंद का समर्थन जुटा लेने का भी दावा किया है; उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि दीपक राज आनंद के डिस्ट्रिक्ट की पूर्व गवर्नर किरण सिंह मल्टीपल ट्रेजरर बनना चाहती हैं और इसके लिए दीपक राज आनंद का समर्थन उन्हें दिलवाने के लिए तैयार हैं । दीपक राज आनंद को हालाँकि अनिल तुलस्यान के समर्थन में देखा/पहचाना जा रहा था, लेकिन तेजपाल खिल्लन का दावा है कि किरण सिंह के दबाव में दीपक राज आनंद वही करेंगे - जो वह कहेंगी । तेजपाल खिल्लन को अपना मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुनवाने के लिए बाकी जरूरी समर्थन भी जुटा लेने का भरोसा है ।
तेजपाल खिल्लन को लेकिन विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन देने के मामले में अपने कई संभावित साथियों/सहयोगियों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है - जिनका कहना है कि अपने ही डिस्ट्रिक्ट के जेसी वर्मा से तो तेजपाल खिल्लन इसलिए नाराज हो गए, क्योंकि वह विनोद खन्ना से जा मिले; लेकिन विशाल सिन्हा को लेकर तो वह सब कुछ जानते/बूझते हुए मक्खी निगलने की तैयारी कर रहे हैं । तेजपाल खिल्लन ने उन्हें बताया है कि विशाल सिन्हा ने उनसे वायदा किया है कि वह विनोद खन्ना के साथ हरगिज हरगिज नहीं जायेंगे । विशाल सिन्हा को जानने वाले लोगों ने तेजपाल खिल्लन को बताया है कि विशाल सिन्हा एक नंबर के झूठे और अवसरवादी व्यक्ति हैं और रंग बदलने में गिरगिट को भी हरा देने में कुशल हैं; विश्वास न हो तो उनके ही डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर केएस लूथरा से उनकी असलियत पूछ लो - गवर्नर बनने के लिए विशाल सिन्हा को जब केएस लूथरा के समर्थन की जरूरत थी, तब विशाल सिन्हा ने जमकर उनकी खुशामद की; लेकिन गवर्नर बनते ही विशाल सिन्हा ने केएस लूथरा को न सिर्फ अपमानित करना शुरू कर दिया, बल्कि उन्हें लायनिज्म और डिस्ट्रिक्ट से निकलवाने की तैयारी तक शुरू कर दी । कई लोगों ने तेजपाल खिल्लन को चेताया है कि विशाल सिन्हा को समर्थन देना तो साँप को दूध पिलाने जैसा मामला है, जो अंततः विनोद खन्ना के साथ मिल कर आपको ही डसेगा ।
विशाल सिन्हा के मामले में तेजपाल खिल्लन को जिस तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, और विशाल सिन्हा की जैसी जैसी कारस्तानियाँ उन्हें सुनने को मिल रही हैं - उससे तेजपाल खिल्लन को कैसा लग रहा है, यह तो तेजपाल खिल्लन को ही पता होगा; दूसरों को लेकिन यह दिलचस्प नजारा देखने को जरूर मिल रहा है कि तेजपाल खिल्लन कैसे अपने ही जाल में फँस गए हैं, और विनोद खन्ना से 'लड़ने' के नाम पर वह विनोद खन्ना का ही 'काम' करने में लग गए हैं ।
तेजपाल खिल्लन ने एक बड़ा काम यह किया है कि विनय गर्ग को रास्ते से हटा देने के बाद भी - विनय गर्ग का साथ देने की कसमें खाने वाले उनके फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह को अपने साथ बनाए रखा है । तेजपाल खिल्लन ने इंद्रजीत सिंह को अगले वर्ष मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुनवाने का वायदा किया है । अगले वर्ष क्या होगा, यह तो अगले वर्ष ही पता चलेगा - इस वर्ष लेकिन इंद्रजीत सिंह के लिए भी बिडंवना की बात यह हो गई है कि यदि वह तेजपाल खिल्लन के साथ रहते हैं, तो अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने विरोध में चल रहे विनोद खन्ना के लक्ष्य पूरे करने में मददगार बनेंगे । तेजपाल खिल्लन ने दीपक राज आनंद का समर्थन जुटा लेने का भी दावा किया है; उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि दीपक राज आनंद के डिस्ट्रिक्ट की पूर्व गवर्नर किरण सिंह मल्टीपल ट्रेजरर बनना चाहती हैं और इसके लिए दीपक राज आनंद का समर्थन उन्हें दिलवाने के लिए तैयार हैं । दीपक राज आनंद को हालाँकि अनिल तुलस्यान के समर्थन में देखा/पहचाना जा रहा था, लेकिन तेजपाल खिल्लन का दावा है कि किरण सिंह के दबाव में दीपक राज आनंद वही करेंगे - जो वह कहेंगी । तेजपाल खिल्लन को अपना मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन चुनवाने के लिए बाकी जरूरी समर्थन भी जुटा लेने का भरोसा है ।
तेजपाल खिल्लन को लेकिन विशाल सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन देने के मामले में अपने कई संभावित साथियों/सहयोगियों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है - जिनका कहना है कि अपने ही डिस्ट्रिक्ट के जेसी वर्मा से तो तेजपाल खिल्लन इसलिए नाराज हो गए, क्योंकि वह विनोद खन्ना से जा मिले; लेकिन विशाल सिन्हा को लेकर तो वह सब कुछ जानते/बूझते हुए मक्खी निगलने की तैयारी कर रहे हैं । तेजपाल खिल्लन ने उन्हें बताया है कि विशाल सिन्हा ने उनसे वायदा किया है कि वह विनोद खन्ना के साथ हरगिज हरगिज नहीं जायेंगे । विशाल सिन्हा को जानने वाले लोगों ने तेजपाल खिल्लन को बताया है कि विशाल सिन्हा एक नंबर के झूठे और अवसरवादी व्यक्ति हैं और रंग बदलने में गिरगिट को भी हरा देने में कुशल हैं; विश्वास न हो तो उनके ही डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर केएस लूथरा से उनकी असलियत पूछ लो - गवर्नर बनने के लिए विशाल सिन्हा को जब केएस लूथरा के समर्थन की जरूरत थी, तब विशाल सिन्हा ने जमकर उनकी खुशामद की; लेकिन गवर्नर बनते ही विशाल सिन्हा ने केएस लूथरा को न सिर्फ अपमानित करना शुरू कर दिया, बल्कि उन्हें लायनिज्म और डिस्ट्रिक्ट से निकलवाने की तैयारी तक शुरू कर दी । कई लोगों ने तेजपाल खिल्लन को चेताया है कि विशाल सिन्हा को समर्थन देना तो साँप को दूध पिलाने जैसा मामला है, जो अंततः विनोद खन्ना के साथ मिल कर आपको ही डसेगा ।
विशाल सिन्हा के मामले में तेजपाल खिल्लन को जिस तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, और विशाल सिन्हा की जैसी जैसी कारस्तानियाँ उन्हें सुनने को मिल रही हैं - उससे तेजपाल खिल्लन को कैसा लग रहा है, यह तो तेजपाल खिल्लन को ही पता होगा; दूसरों को लेकिन यह दिलचस्प नजारा देखने को जरूर मिल रहा है कि तेजपाल खिल्लन कैसे अपने ही जाल में फँस गए हैं, और विनोद खन्ना से 'लड़ने' के नाम पर वह विनोद खन्ना का ही 'काम' करने में लग गए हैं ।