Thursday, April 6, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में गुरचरण सिंह भोला की दिल्ली में हुई मीटिंग में दिल्ली के करीब 80 प्रतिशत वोटरों की उपस्थिति ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनावी परिदृश्य को खासा दिलचस्प बनाया

नई दिल्ली । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने और दिखाने के उद्देश्य से दिल्ली में हुई मीटिंग में दिल्ली के 30 से अधिक क्लब्स के पदाधिकारियों तथा प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने प्रतिद्धंद्धी खेमे के नेताओं के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है प्रतिद्धंद्धी खेमे के नेता अपने उम्मीदवार यशपाल अरोड़ा की जीत के दावे तो हालाँकि अभी भी कर रहे हैं, लेकिन यशपाल अरोड़ा के कई समर्थक यह भी मानने और कहने लगे हैं कि जीत को लेकर अति-विश्वास कहीं यशपाल अरोड़ा और उनके नेताओं के लिए आत्मघाती साबित न हो जाए । यशपाल अरोड़ा के ही कई समर्थकों और शुभचिंतकों का मानना और कहना है कि गुरचरण सिंह भोला ने जिस रफ्तार के साथ लोगों के बीच अपनी पैठ बनाई है और अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में समर्थन जुटाया है, उसे यशपाल अरोड़ा और उनके नेताओं को एक खतरे के रूप में देखना चाहिए और अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए । चुनाव से दस दिन पहले, जबकि उम्मीदवारों के पक्ष-विपक्ष में ध्रुवीकरण हो चुका माना/समझा जाता है और समर्थकों व शुभचिंतकों के बीच विभाजक रेखा खिंच चुकी होती है - तब किसी एक उम्मीदवार की मीटिंग में 80 प्रतिशत मतदाताओं की उपस्थिति चुनावी हवा का संकेत देने का काम तो करती ही है । यह सच है कि 'हवा' नतीजा नहीं होती है, किंतु वह नतीजे को प्रभावित करने का काम तो करती ही है ।
गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के समर्थन में हुई मीटिंग में दिल्ली के 30 से अधिक क्लब्स के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों की उपस्थिति को हालाँकि यशपाल अरोड़ा के समर्थक नेता 'खास बात' न मानते हुए यह तर्क दे रहे हैं कि मीटिंग में कुछ लोग लोकलाज में तो कुछ लोग खाने-पीने के लालच में आ ही जाते हैं, और यह जरूरी नहीं है कि मीटिंग में आने वाले लोग वोट भी दें । सिद्धांततः और व्यावहारिक रूप से यह तर्क अपनी जगह सही है, लेकिन फिर भी मीटिंग्स में लोगों की उपस्थिति से लोगों के मूड का पता तो चलता ही है । चुनाव से ऐन पहले लोगों का बदलता मूड चुनावी नतीजे पर असर करता भी है । दरअसल इसीलिए गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के समर्थन में दिल्ली में हुई मीटिंग में दिल्ली के 30 से अधिक क्लब्स के साथ-साथ सोनीपत, समालखा और गन्नौर के क्लब्स के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों की उपस्थिति गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने का काम तो करती ही है । गुरचरण सिंह भोला और उनके समर्थक नेता इस माहौल को वोटों में बदलने का काम कर पाते हैं या नहीं - चुनावी नतीजा इस पर निर्भर करेगा ।
डिस्ट्रिक्ट में जो लोग पहले गुरचरण सिंह भोला को गंभीरता से नहीं ले रहे थे, लेकिन अब उनके समर्थक और शुभचिंतक के रूप में देखे/पहचाने जा रहे हैं, उनका कहना है कि गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के समर्थन में दिल्ली में हुई मीटिंग में दिल्ली के करीब 80 प्रतिशत वोटरों का जुटना लोकलाज या खाने-पीने के लालच के चलते ही नहीं हुआ है, बल्कि गुरचरण सिंह भोला ने लायनिज्म के कामकाज के प्रति जो व्यवहार दिखाया है - उसकी प्रतिक्रिया है । गुरचरण सिंह भोला ने हाल ही के दिनों में जिस तरह से कई एक प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी दिखाई और जिस तत्परता के साथ उन्हें पूरा किया, उससे डिस्ट्रिक्ट में लोग प्रभावित हुए हैं । मजे की बात यह रही है कि गुरचरण सिंह भोला ने जब कुछेक प्रोजेक्ट्स में दिलचस्पी दिखाई थी और उन्हें पूरा करने को लेकर कमिटमेंट की थी, तब कुछेक लोगों ने उलाहने के साथ कहा था कि लोग कमिटमेंट तो कर लेते/देते हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं करते हैं । गुरचरण सिंह भोला ने लेकिन जिस तरह से निर्धारित समय में अपने सभी कमिटमेंट पूरे किए, उसने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनके बारे में सकारात्मक पहचान बनाने का काम किया । डिस्ट्रिक्ट में अपने काम और अपने व्यवहार से गुरचरण सिंह भोला ने जिस तरह से लोगों को प्रभावित किया और उनके बीच अपनी सकारात्मक पहचान बनाई है, वास्तव में उसी का नतीजा है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में दिल्ली में हुई मीटिंग में दिल्ली और आसपास के करीब 80 प्रतिशत वोटों का प्रतिनिधित्व करने वाले क्लब्स शामिल हुए ।
गुरचरण सिंह भोला की उम्मीदवारी के समर्थन में होने वाली मीटिंग में दिल्ली के क्लब्स के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों की यह उत्साहवर्धक उपस्थिति इसलिए भी उल्लेखनीय देखी/मानी जा रही है, कि तीनों सत्ताधारी गवर्नर्स उनके साथ नहीं हैं - और जिन जेपी सिंह के उम्मीदवार के रूप में उन्हें देखा/पहचाना जा रहा है, डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनकी बड़ी बदनामी है । तमाम प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद गुरचरण सिंह भोला ने अपनी उम्मीदवारी के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों का रुझान और समर्थन जिस तरह जुटाया है - दिल्ली में उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में हुई मीटिंग में जुटी लोगों की भारी भीड़ से जिसका साक्ष्य भी देखने को मिला है, उसने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनावी परिदृश्य को खासा दिलचस्प बना दिया है ।