Thursday, August 3, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में गुरनाम सिंह और उनके लोगों की चालबाजियों ने कमल शेखर गुप्ता को क्या सचमुच केएस लूथरा खेमे से बाहर करवा दिया है ?

लखनऊ । अशोक अग्रवाल को लखनऊ में आयोजित डिस्ट्रिक्ट के तीज फंक्शन में मिली तवज्जो को देख कर कमल शेखर गुप्ता को केएस लूथरा खेमे से उम्मीदवारी का टिकट मिलने की उम्मीद को तगड़ा झटका लगा है, जिसकी प्रतिक्रिया में उनके नजदीकियों ने केएस लूथरा पर धोखाधड़ी का आरोप तक लगाना शुरू कर दिया है । समझा जाता है कि यह गुरनाम सिंह और उनके लोगों की चाल है, जिसके तहत पहले तो उन्होंने केएस लूथरा खेमे में कमल शेखर गुप्ता के प्रति संदेह की बीज डाले और अब वह कमल शेखर गुप्ता को केएस लूथरा के खिलाफ भड़का रहे हैं । कमल शेखर गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि अभी तक तो केएस लूथरा का रवैया सकारात्मक ही दिख रहा था - वह कमल शेखर गुप्ता को सलाह और निर्देश दे रहे थे तथा कमल शेखर गुप्ता भी उनकी बातें और उनके निर्देश मान रहे थे; ऐसे में उनके लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है कि डिस्ट्रिक्ट के तीज फंक्शन में उन्होंने अचानक से अशोक अग्रवाल को 'सिर' पर क्यों उठा लिया ?
डिस्ट्रिक्ट के तीज फंक्शन में अशोक अग्रवाल को जो इम्पोर्टेंस मिली, उसे देख/जान कर हर किसी को लगा है कि जैसे इस वर्ष होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के लिए केएस लूथरा ने अशोक अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाने का निश्चय कर लिया है । चूँकि हर किसी को ऐसा लगा है, इसलिए कमल शेखर गुप्ता और उनके संगी-साथियों ने अपने आप को मुसीबत में घिरा पाया है - क्योंकि केएस लूथरा का समर्थन पाने की उन्होंने काफी उम्मीद लगाई हुई थी । उन्हें पिछले कुछ दिनों से यह तो सुनने को मिल रहा था कि केएस लूथरा उनसे इस बात पर खफा हैं कि वह गुपचुप रूप से गुरनाम सिंह तथा उनके लोगों से तार जोड़े हुए हैं । हालाँकि कमल शेखर गुप्ता की तरफ से केएस लूथरा को समझाने की कोशिश हो रही थी कि हाल-फिलहाल में उनकी गुरनाम सिंह और या उनके लोगों से जो बातें/मुलाकातें हुई हैं, वह संयोगवश हुई हैं और उनका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए । लेकिन लगता है कि वह केएस लूथरा को समझा सकने में असफल रहे हैं ।
मजे की बात यह रही कि इस वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के लिए जो तीन लोग सामने आए वह सभी केएस लूथरा का समर्थन पाने के लिए प्रयास करते नजर आए । केएस लूथरा ने भी इस स्थिति का फायदा उठाया और जल्दी से किसी एक को अपनाने का फैसला करने से उन्होंने इंकार किया - उनकी तरफ से कहा/बताया गया कि वह उचित समय पर 'अपने उम्मीदवार' के बारे में फैसला करेंगे । समझा गया कि इस तरकीब से उन्होंने तीनों संभावित उम्मीदवारों को अपनी मुट्ठी में बनाए रखने और उन्हें अपने तरीके से इस्तेमाल करते रहने का प्रयास किया । पीएसटी स्कूलिंग में कुछ छिपाने और कुछ दिखाने वाले अंदाज में मीरा सेठ से स्पॉन्सर कराई गयी शराब को लेकर जो बबाल मचा, उससे लगा कि केएस लूथरा के लिए अपनी तरकीब को ज्यादा समय तक चला पाना संभव नहीं होगा । उस बबाल के चलते मीरा सेठ अपनी उम्मीदवारी से पीछे सरकती हुईं नजर आईं तो मुकाबले में अशोक अग्रवाल और कमल शेखर गुप्ता बचे रह गए । क्लब के अधिष्ठापन समारोहों में कमल शेखर गुप्ता को जो तवज्जो मिलती दिखी, उससे लगा कि वह केएस लूथरा के उम्मीदवार हो सकते हैं । लेकिन इसी बीच इन खबरों ने चर्चा पकड़ी कि कमल शेखर गुप्ता ने गुरनाम सिंह के साथ भी तार जोड़े हुए हैं, और वह शायद इस प्रयास में हैं कि पिछले लायन वर्ष में जिस तरह मनोज रुहेला को दोनों खेमों का समर्थन मिला और वह चुनाव का सामना किए बिना ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन गए - वैसे ही उनका काम भी बन जाए और वह भी बिना चुनाव के ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुन लिए जाएँ ।
गुरनाम सिंह के साथ कमल शेखर गुप्ता के मेलमिलाप की खबरों को लगता है कि केएस लूथरा ने गंभीरता से लिया । कुछेक लोगों का कहना है कि गुरनाम सिंह ने ही अपने लोगों के जरिए केएस लूथरा तक कमल शेखर गुप्ता की मेलमिलाप की खबरों को पहुँचवाया, ताकि कमल शेखर गुप्ता का पत्ता वहाँ से कटे और कमल शेखर गुप्ता अपनी उम्मीदवारी को झंडा उनके हवाले करें । गुरनाम सिंह और उनके लोग चाहते ही थे कि केएस लूथरा 'अपने उम्मीदवार' का फैसला जल्दी करें, ताकि दूसरा उम्मीदवार उनके पास आए । केएस लूथरा उन्हें यह मौका दे नहीं रहे थे; तब गुरनाम सिंह और उनके लोगों ने कमल शेखर गुप्ता की भलमनसाहत का फायदा उठाया और उन्हें बताए बिना उनका इस्तेमाल करते हुए उन्हें केएस लूथरा खेमे में बदनाम कर दिया । केएस लूथरा को कमल शेखर गुप्ता के गुरनाम सिंह के साथ मेलमिलाप करने की खबरें मिलीं, तो उन्होंने अशोक अग्रवाल पर ध्यान केंद्रित किया और उन्हें बढ़ावा देना शुरू किया - जिसकी परिणति तीज फंक्शन में देखने को मिली । कमल शेखर गुप्ता के लिए यह समझना ही मुश्किल हुआ कि उनके साथ हुआ क्या; और उनके साथ खेल कौन रहा है - केएस लूथरा या गुरनाम सिंह ? कमल शेखर गुप्ता के नजदीकियों को अभी तो केएस लूथरा ही खलनायक नजर आ रहे हैं, और इस स्थिति में गुरनाम सिंह और उनके लोगों को 'अपना काम' बनता हुआ दिख रहा है ।