Tuesday, August 22, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की मदद करने की कोशिश, प्रेसीडेंट्स को नाराज करने के कारण संजीव राय मेहरा का काम बनाने की बजाए बिगाड़ती दिख रही है

नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ एण्ड के चार वोटों को कब्जाने को लेकर संजीव राय मेहरा और अनूप मित्तल के बीच मची होड़ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी के भी होड़ में कूद पड़ने के कारण खासी गंभीर हो गयी है । क्लब के पदाधिकारियों का ही कहना है कि रवि चौधरी ने कई बार उनसे उनकी चुनावी पक्षधरता के बारे में पूछताछ की है और उन्हें कहा है कि उन्हें किसी भी तरह के प्रेशर में आने की जरूरत नहीं है । रवि चौधरी ने उनसे अभी किसी की तरफदारी तो नहीं की है, लेकिन संकेतों में यह आभास कराने का पूरा पूरा प्रयास किया है कि उन्हें अनूप मित्तल से दूर रहना है । रवि चौधरी के इस हस्तक्षेप पर क्लब के कुछेक प्रमुख लोगों ने ऐतराज भी जताया है, और रवि चौधरी को यह 'बताने' का काम भी किया है कि वह क्लब के चुनावी फैसले को प्रभावित करने का प्रयास न करें - अपनी पक्षधरता तय करने में क्लब के पदाधिकारी पूरी तरह से सक्षम हैं । क्लब की चुनावी पक्षधरता को प्रभावित करने की रवि चौधरी की कोशिश पर क्लब के लोगों की तरफ से जो प्रतिक्रिया देखने को मिली है, उसने संजीव राय मेहरा के लिए परेशानी खड़ी करने का काम किया है । संजीव राय मेहरा की उम्मीदवारी के समर्थकों व शुभचिंतकों को डर हुआ है कि रवि चौधरी की इस तरह की हरकत उन्हें फायदा पहुँचाने की बजाए कहीं नुकसान न पहुँचाए ।
संजीव राय मेहरा के लिए रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ एण्ड का बहुत महत्त्व है । यह क्लब उनके पक्के समर्थक के रूप में पहचाना जाता है । पिछले चुनाव में संजीव राय मेहरा इसकी हैंडलिंग ठीक से नहीं कर पाए थे । चुनाव का नतीजा आने के बाद संजीव राय मेहरा और उनके समर्थकों ने ही नहीं, बल्कि उनके विरोधियों ने भी माना कि दिल्ली साऊथ एण्ड की हैंडलिंग यदि ठीक से की गयी होती - तो सुरेश भसीन की जगह संजीव राय मेहरा चुनाव जीते होते । क्लब के कई प्रमुख सदस्य संजीव राय मेहरा के नजदीकी और शुभचिंतक हैं । पिछले चुनाव में लेकिन अनूप मित्तल ने तत्कालीन क्लब प्रेसीडेंट को अपने पक्ष में कर लिया था; हालाँकि रवि दयाल के समर्थक कुछेक नेताओं का दावा था कि प्रेसीडेंट रवि दयाल को वोट देना चाहता है । संजीव राय मेहरा और उनके समर्थकों को जब पता चला कि प्रेसीडेंट उन्हें तो वोट नहीं ही देगा, तब उन्होंने क्लब के अपने नजदीकियों व शुभचिंतकों के साथ मिल कर प्रेसीडेंट की घेराबंदी की - लेकिन घेराबंदी का दबाव इतना ज्यादा हो गया कि प्रेसीडेंट ने चुनाव का ही बहिष्कार कर दिया । चुनावी नतीजे के डिटेल्स मिलने के बाद संजीव राय मेहरा और उनके समर्थकों को महसूस हुआ कि अपने पक्के समझे जाने वाले क्लब के प्रेसीडेंट को 'साधने' के लिए वह यदि होशियारी से काम लेते, तो वरीयता क्रम में सुरेश भसीन से ऊपर होते और सुरेश भसीन की जगह वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुने जाते ।
संजीव राय मेहरा और उनके समर्थक पिछले रोटरी वर्ष में की गयी चूक इस वर्ष नहीं दोहराना चाहते हैं; और इसलिए रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ एण्ड का समर्थन जुटाने को लेकर इस वर्ष वह सावधानी के साथ काम कर रहे हैं । एक उम्मीदवार के रूप में अनूप मित्तल भी इस क्लब का समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं । चार वोटों का मामला होने के कारण हर उम्मीदवार की इस क्लब पर 'निगाह' होना स्वाभाविक ही है । वास्तव में इसीलिए संजीव राय मेहरा और अनूप मित्तल की कोशिशों पर कोई विवाद नहीं हुआ; विवाद तब शुरू हुआ, जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी इसमें कूदे । क्लब्स के प्रेसीडेंट्स को तरह तरह की तिकड़मों से अपने 'नजदीक' करने की कोशिशों के कारण रवि चौधरी पहले से ही आरोपों के घेरे में हैं; उनकी कोशिशों से कई प्रेसीडेंट्स अपने को अपमानित महसूस कर चुके हैं और इस बारे में आपस में शिकायत करते हुए सुने गए हैं । रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ एण्ड के मामले में लेकिन रवि चौधरी कुछ ज्यादा ही 'सक्रिय' हुए हैं, क्लब के पदाधिकारियों तथा अन्य सदस्यों ने उनकी इस अतिरिक्त सक्रियता को क्लब में अनावश्यक हस्तक्षेप के रूप में देखा/पहचाना है और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी के इस रवैये के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट की है ।
रवि चौधरी के रवैये और व्यवहार पर रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ एण्ड के सदस्यों के बीच जिस तरह की नाराजगी सुनी/देखी गई है, उसने संजीव राय मेहरा और उनके समर्थकों को डरा दिया है - उन्हें डर हुआ है कि रवि चौधरी की हरकतों और उससे पैदा होने वाली नाराजगी के चलते कहीं इस बार भी उनका काम न बिगड़ जाए, पिछली बार भी उनके समर्थकों की जोशभरी बेवकूफी ने ही उनका काम खराब किया था । इससे रवि चौधरी के सामने दोहरी फजीहत की स्थिति बनी है - उन्हें एक तरफ तो क्लब्स के प्रेसीडेंट्स की नाराजगी का शिकार होना पड़ रहा है; और दूसरी तरफ प्रेसीडेंट्स की यह नाराजगी वह जिन संजीव राय मेहरा के लिए मोल ले रहे हैं - वह संजीव राय मेहरा तथा उनके समर्थक उन पर 'काम' बिगाड़ने का आरोप लगा रहे हैं । इस तरह, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी के लिए 'हवन करते, हाथ जलने' के हालात बन गए हैं ।