आगरा
। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पारस अग्रवाल डिस्ट्रिक्ट का अधिष्ठापन समारोह दुबई
में करने तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए श्याम बिहारी
अग्रवाल की उम्मीदवारी को शह देने के मामले में डिस्ट्रिक्ट के कई प्रमुख
लोगों की आलोचना का शिकार बन रहे हैं । कुछेक लोगों का तो यहाँ तक कहना
है कि इन दोनों मामलों में पारस अग्रवाल ने जो रवैया दिखाया है, उससे
लगता है कि वह भी निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल के पदचिन्हों पर
हैं; उन्हें डर है कि पारस अग्रवाल कहीं सीपी सिंघल से भी गए-गुजरे न
साबित हों ! इन दोनों ही मामलों में पैसों के 'घपलेबाज' इस्तेमाल को प्रेरक
तत्त्व के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । मजे की बात है कि डिस्ट्रिक्ट
के दो वरिष्ठ और नियम-कानून की फिक्र करने वाले पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
जगदीश मेहरा और अशोक कपूर इस बात की लगातार वकालत करते रहे हैं कि
डिस्ट्रिक्ट का अधिष्ठापन समारोह डिस्ट्रिक्ट की भौगोलिक सीमा में ही होना
चाहिए, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में पारस अग्रवाल ने उनकी बात का
भी मान रखने की कोई परवाह नहीं की । पारस अग्रवाल की इस हरकत पर परिवार
में उपेक्षा का शिकार होते और असहाय पड़ते बड़े-बुजुर्गों की तरह इन दोनों ने
तो चुप्पी साध ली है; किंतु दूसरे कुछेक पूर्व गवर्नर्स पारस अग्रवाल की
हरकत पर बुरी तरह नाराज हैं । हालाँकि पारस अग्रवाल को उनकी नाराजगी की
कोई परवाह नहीं है; उनकी तरफ से सुनने को मिला है कि जिन पूर्व गवर्नर्स
को मुफ़्त में दुबई जाने का मौका नहीं मिल रहा है, वही लोग दुबई में
अधिष्ठापन समारोह किए जाने का विरोध कर रहे हैं ।
दुबई में हो रहे अधिष्ठापन समारोह के विवाद में फँसने का कारण दरअसल इसी तरह के आरोप-प्रत्यारोप हैं । पारस अग्रवाल ने दुबई के जिस पैकेज के लिए हरी झंडी दी, उसे महँगा बताते हुए आरोप लगाया गया है कि पारस अग्रवाल ने अपने कुछेक चहेतों को मुफ़्त में दुबई ले जाने की व्यवस्था करने के लिए ही महँगे पैकेज को स्वीकार किया और अपनाया । इस तरह की बातों के चलते दुबई में होने वाले अधिष्ठापन समारोह में जाने वाले पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स भी निशाने पर आ गए हैं - उन पर आरोप लग रहे हैं कि मुफ़्त में दुबई जाने के चक्कर में उन्होंने पारस अग्रवाल को यह समझाने/बताने की जरूरत भी नहीं समझी कि पिकनिक मनाने दुबई जाना ही है तो कभी भी चले जाना और लोगों को ले जाना; लेकिन डिस्ट्रिक्ट का अधिष्ठापन समारोह ऐसी जगह पर करो, जहाँ कि डिस्ट्रिक्ट के ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो सकें । आरोपपूर्ण चर्चाएँ हैं कि लगता है कि पारस अग्रवाल ने लायनिज्म को पिकनिक मनाने का ही जरिया मान/समझ लिया है और दूसरों के पैसे पर अपने और अपने संगी-साथियों के मौज-मजे का इंतजाम कर लेने को ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की ड्यूटी समझ लिया है ।
पारस अग्रवाल को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए श्याम बिहारी अग्रवाल की उम्मीदवारी को शह देने के कारण भी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है । दरअसल श्याम बिहारी अग्रवाल की नजदीकियत सीपी सिंघल के साथ देखते हुए कोई भी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने को तैयार नहीं हो रहा है । हर किसी का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जिस तरह से सीपी सिंघल ने डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का नाम खराब किया है, श्याम बिहारी अग्रवाल तो उनसे भी बुरे साबित होंगे । इसी कुख्याति के चलते श्याम बिहारी अग्रवाल को अपने ही शहर - हाथरस के अकेले पूर्व गवर्नर अशोक कपूर का भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है । श्याम बिहारी अग्रवाल लेकिन खुशकिस्मत हैं कि उन्हें पारस अग्रवाल के रूप में एक समर्थक मिल गया है । पारस अग्रवाल ने अपने बॉन वॉएज में फैलोशिप का मौका श्याम बिहारी अग्रवाल को देकर उनके प्रति अपने समर्थन का सार्वजनिक प्रदर्शन पहले ही कर दिया था । इसके बाद वृन्दावन में हुई स्कूलिंग में भी लोगों को शराब पिलवाने की जिम्मेदारी पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को ही सौंपी । धार्मिक नगरी होने के कारण वृन्दावन में शराब पिलवाने का काम खुले में तो नहीं हो सकता था, लिहाजा पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को सलाह दी कि कुछेक नेताओं के गले के नीचे जब तक शराब नहीं उतरेगी तब तक उनका लायनिज्म तो पूरा नहीं होगा - इसलिए अपनी गाड़ी में शराब का पूरा पूरा इंतजाम रखो और अच्छे से लायनिज्म की सेवा करो । स्कूलिंग में शामिल हुए लोग बताते हैं कि श्याम बिहारी अग्रवाल ने सेवा में वास्तव में कोई कमी नहीं रहने दी ।
उल्लेखनीय है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अलीगढ़ के अजय सनाढ्य को कई पूर्व गवर्नर्स का खुला समर्थन मिल रहा है; और माना/समझा जा रहा था कि वह निर्विरोध ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुन लिए जायेंगे । लेकिन श्याम बिहारी अग्रवाल को शह देकर पारस अग्रवाल ने चुनावी मुकाबले की स्थिति बना दी है । पारस अग्रवाल के नजदीकियों का ही कहना है कि चुनाव के नजदीक आते आते हो सकता है कि पारस अग्रवाल भी अजय सनाढ्य के समर्थक बन जाएँ - अभी लेकिन वह श्याम बिहारी अग्रवाल को इसलिए शह दे रहे हैं ताकि उन्हें दोनों से ही खर्चे करवाने का मौका मिलता रहे । पारस अग्रवाल को डर है कि यदि अजय सनाढ्य अकेले उम्मीदवार रहे, तो वह उनकी परवाह नहीं करेंगे और उनकी नहीं सुनेंगे । अजय सनाढ्य की गर्दन पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ही पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को शह देकर उम्मीदवार बना दिया है ।
पारस अग्रवाल की इस तरह की चालबाजियों को देख कर ही लोगों को लग रहा है कि पारस अग्रवाल की भी सोच बिलकुल निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल जैसी ही है और चालाकियों व बेईमानियों में लगता है कि वह सीपी सिंघल के भी गुरु साबित होंगे ।
दुबई में हो रहे अधिष्ठापन समारोह के विवाद में फँसने का कारण दरअसल इसी तरह के आरोप-प्रत्यारोप हैं । पारस अग्रवाल ने दुबई के जिस पैकेज के लिए हरी झंडी दी, उसे महँगा बताते हुए आरोप लगाया गया है कि पारस अग्रवाल ने अपने कुछेक चहेतों को मुफ़्त में दुबई ले जाने की व्यवस्था करने के लिए ही महँगे पैकेज को स्वीकार किया और अपनाया । इस तरह की बातों के चलते दुबई में होने वाले अधिष्ठापन समारोह में जाने वाले पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स भी निशाने पर आ गए हैं - उन पर आरोप लग रहे हैं कि मुफ़्त में दुबई जाने के चक्कर में उन्होंने पारस अग्रवाल को यह समझाने/बताने की जरूरत भी नहीं समझी कि पिकनिक मनाने दुबई जाना ही है तो कभी भी चले जाना और लोगों को ले जाना; लेकिन डिस्ट्रिक्ट का अधिष्ठापन समारोह ऐसी जगह पर करो, जहाँ कि डिस्ट्रिक्ट के ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो सकें । आरोपपूर्ण चर्चाएँ हैं कि लगता है कि पारस अग्रवाल ने लायनिज्म को पिकनिक मनाने का ही जरिया मान/समझ लिया है और दूसरों के पैसे पर अपने और अपने संगी-साथियों के मौज-मजे का इंतजाम कर लेने को ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की ड्यूटी समझ लिया है ।
पारस अग्रवाल को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए श्याम बिहारी अग्रवाल की उम्मीदवारी को शह देने के कारण भी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है । दरअसल श्याम बिहारी अग्रवाल की नजदीकियत सीपी सिंघल के साथ देखते हुए कोई भी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने को तैयार नहीं हो रहा है । हर किसी का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जिस तरह से सीपी सिंघल ने डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का नाम खराब किया है, श्याम बिहारी अग्रवाल तो उनसे भी बुरे साबित होंगे । इसी कुख्याति के चलते श्याम बिहारी अग्रवाल को अपने ही शहर - हाथरस के अकेले पूर्व गवर्नर अशोक कपूर का भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है । श्याम बिहारी अग्रवाल लेकिन खुशकिस्मत हैं कि उन्हें पारस अग्रवाल के रूप में एक समर्थक मिल गया है । पारस अग्रवाल ने अपने बॉन वॉएज में फैलोशिप का मौका श्याम बिहारी अग्रवाल को देकर उनके प्रति अपने समर्थन का सार्वजनिक प्रदर्शन पहले ही कर दिया था । इसके बाद वृन्दावन में हुई स्कूलिंग में भी लोगों को शराब पिलवाने की जिम्मेदारी पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को ही सौंपी । धार्मिक नगरी होने के कारण वृन्दावन में शराब पिलवाने का काम खुले में तो नहीं हो सकता था, लिहाजा पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को सलाह दी कि कुछेक नेताओं के गले के नीचे जब तक शराब नहीं उतरेगी तब तक उनका लायनिज्म तो पूरा नहीं होगा - इसलिए अपनी गाड़ी में शराब का पूरा पूरा इंतजाम रखो और अच्छे से लायनिज्म की सेवा करो । स्कूलिंग में शामिल हुए लोग बताते हैं कि श्याम बिहारी अग्रवाल ने सेवा में वास्तव में कोई कमी नहीं रहने दी ।
उल्लेखनीय है कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अलीगढ़ के अजय सनाढ्य को कई पूर्व गवर्नर्स का खुला समर्थन मिल रहा है; और माना/समझा जा रहा था कि वह निर्विरोध ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुन लिए जायेंगे । लेकिन श्याम बिहारी अग्रवाल को शह देकर पारस अग्रवाल ने चुनावी मुकाबले की स्थिति बना दी है । पारस अग्रवाल के नजदीकियों का ही कहना है कि चुनाव के नजदीक आते आते हो सकता है कि पारस अग्रवाल भी अजय सनाढ्य के समर्थक बन जाएँ - अभी लेकिन वह श्याम बिहारी अग्रवाल को इसलिए शह दे रहे हैं ताकि उन्हें दोनों से ही खर्चे करवाने का मौका मिलता रहे । पारस अग्रवाल को डर है कि यदि अजय सनाढ्य अकेले उम्मीदवार रहे, तो वह उनकी परवाह नहीं करेंगे और उनकी नहीं सुनेंगे । अजय सनाढ्य की गर्दन पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ही पारस अग्रवाल ने श्याम बिहारी अग्रवाल को शह देकर उम्मीदवार बना दिया है ।
पारस अग्रवाल की इस तरह की चालबाजियों को देख कर ही लोगों को लग रहा है कि पारस अग्रवाल की भी सोच बिलकुल निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल जैसी ही है और चालाकियों व बेईमानियों में लगता है कि वह सीपी सिंघल के भी गुरु साबित होंगे ।