नई
दिल्ली । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल की पूर्व कार्यकारी चेयरपरसन पूजा
अग्रवाल बंसल ने अपने ऊपर लगे आरोपों का करीब 350 पृष्ठों में जो जबाव
दिया है, वह मौजूदा चेयरमैन राकेश मक्कड़ और सेक्रेटरी राजिंदर अरोड़ा की
कारस्तानियों के साथ-साथ बेवकूफियों की भी अच्छे से पोल खोलता है । पूजा
अग्रवाल बंसल ने अपने जबाव में जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, वह काउंसिल के
पदाधिकारी के रूप में राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा के निकम्मेपन का तो
सुबूत पेश करते ही हैं, यह भी दिखाते हैं कि बातों और तथ्यों के मामले में
यह लोग झूठ और बेवकूफी की चरमसीमा को प्राप्त हैं । पूजा अग्रवाल बंसल ने
इनके द्वारा लगाए गए हर आरोप का प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव दिया है और अपने
हर प्वाइंट का सुबूत प्रस्तुत किया है । उन्होंने राकेश मक्कड़ और
राजिंदर अरोड़ा को चुनौती दी है कि वह उनके द्वारा दिए गए तथ्यों को गलत
साबित करें, अन्यथा अपने आरोप वापिस लें । पूजा अग्रवाल बंसल ने साफ कहा है
कि राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने यदि ऐसा नहीं किया, तो वह इनके खिलाफ
उचित कार्रवाई करेंगी ।
पूजा अग्रवाल बंसल के जबावी हमले ने राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा को गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर कर दिया है और अब वह लोगों से कहते फिर रहे हैं कि पूजा अग्रवाल बंसल ने अपने जबाव की कॉपी सेंट्रल काउंसिल और पाँचों रीजनल काउंसिल के सभी सदस्यों के साथ-साथ इंस्टीट्यूट के सभी पूर्व प्रेसीडेंट्स तथा नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के सभी पूर्व चेयरमैन्स को भेज कर प्रोफेशन के लोगों के बीच उनकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती की है । इस पर पूजा अग्रवाल बंसल की तरफ से सुनने को मिला है कि इन्होंने उन पर आरोप लगाते हुए जो मेल लिखा था, उसकी कॉपी भी इन्होंने काउंसिल के कई सदस्यों को भेजी थी - इसलिए उनके लिए भी जरूरी हुआ कि वह इंस्टीट्यूट से संबद्ध सभी लोगों को सच्चाई से अवगत कराएँ और सभी लोगों को यह जानकारी उपलब्ध करवाएँ कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में आखिर हो क्या रहा है ? जाहिर है कि आरोपों के जरिए विरोधी को बदनाम करने का खेल राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की जोड़ी ने शुरू किया था - लेकिन उन्होंने इतनी बेवकूफी से इस खेल में हाथ डाला कि पूजा अग्रवाल बंसल ने पलटवार करते हुए खेल में उनकी ही गर्दन फँसा दी है ।
राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने पूजा अग्रवाल बंसल को आरोपों की जो फेहरिस्त दी, वह इतनी बेवकूफी से तैयार की गयी थी कि उनके आरोप झूठ का पुलिंदा बन कर रह गए - इसीलिए पूजा अग्रवाल बंसल को पलटवार करने का बढ़िया मौका मिला और उन्होंने राकेश मक्कड़ व राजिंदर अरोड़ा के आरोपों की तथ्यों और सुबूतों के साथ धज्जियाँ उड़ा दीं । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने अपने आरोप पत्र में सबसे गंभीर आरोप लगाया कि पूजा अग्रवाल बंसल बेकार की बातों को लेकर मेल लिखती रहती हैं और इस तरह नॉन-कंस्ट्रक्टिव बातों में अपना और दूसरों का समय खराब करती हैं । इसके जबाव में पूजा अग्रवाल बंसल ने सिलसिलेबार तरीके से अपनी 26 मेल्स का जिक्र किया है और पूछा है कि इनमें जिन भी विषयों पर बात की गयी है, उनमें कौन सी बात बेकार की और या नॉन-कंस्ट्रक्टिव है ? काउंसिल को समय न देने के आरोप पर पूजा अग्रवाल बंसल ने रिकॉर्ड बताते हुए दावा किया कि काउंसिल की मीटिंग्स में पिछले वर्ष उनकी नब्बे प्रतिशत और इस वर्ष अभी तक सौ प्रतिशत उपस्थिति है - जाहिर है कि काउंसिल को समय न देने का आरोप पूरी तरह झूठ है ? मीटिंग्स में देर से आने और जल्दी चले जाने के आरोप पर पूजा अग्रवाल बंसल ने दावा किया कि काउंसिल की मीटिंग्स के रिकॉर्ड देखे जा सकते हैं जिनके अनुसार अधिकतर मीटिंग्स में 'वोट ऑफ थैंक्स' उन्होंने दिया है, जो मीटिंग का अंतिम एजेंडा होता है । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों को भी प्वाइंट टू प्वाइंट झूठा साबित करते हुए पूजा अग्रवाल बंसल ने जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उनसे साबित होता है कि राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा रीजनल काउंसिल के पदाधिकारी होने के बावजूद दूसरों को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक झूठ बोल सकते हैं ।
राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की फितरत को न जानने/पहचानने वाले लोगों को हैरानी है कि यह कैसे लोग हैं; इन्हें इतनी भी अक्ल नहीं है कि काउंसिल के ही सदस्य के खिलाफ झूठे आरोप लगाओगे तो वह पलभर में ही झूठ की पोल खोल देगा । इनके नजदीकियों का कहना है कि 4 अगस्त की रीजनल काउंसिल की मीटिंग में पूजा अग्रवाल बंसल पर चुप रहने का दबाव बनाने के उद्देश्य से राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने एक अगस्त को उन्हें आरोप पत्र थमा दिया था । रीजनल काउंसिल के इन दोनों पदाधिकारियों ने उम्मीद की थी कि आरोप पत्र से पूजा अग्रवाल बंसल दबाव में आ जायेंगी और मीटिंग में चुप रहेंगी । लेकिन हुआ उल्टा ही । पूजा अग्रवाल बंसल ने 4 अगस्त की मीटिंग में तो राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की कारस्तानियों को लेकर मोर्चा संभाला ही, आरोप पत्र का प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव देकर भी इनके लिए मुसीबत और बढ़ा दी है । झूठे आरोपों को लेकर पूजा अग्रवाल बंसल ने तो कार्रवाई करने की चेतावनी दी ही हुई है; दूसरे लोगों का भी कहना है कि राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा में यदि जरा सी भी शर्महया हो और उनकी औकात हो तो उन्हें जल्दी से जल्दी पूजा अग्रवाल बंसल के द्वारा प्रस्तुत तथ्यों का उन्हीं की ही तरह प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव देना चाहिए अन्यथा झूठे आरोप लगाने के लिए उनसे माफी माँगनी चाहिए । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा को जानने/पहचानने वाले लोगों का मानना और कहना लेकिन यह है कि समझदारी के मामले में इनकी 'औकात' ऐसी नहीं है कि यह प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव दे सकें; यह निहायत बेशर्म लोग हैं, इसलिए अपने झूठे आरोपों पर यह माफी भी नहीं माँगेंगे - यह तो बस अपनी हरकतों से काउंसिल, प्रोफेशन और इंस्टीट्यूट को बदनाम करने के साथ-साथ अपनी खुद की फजीहत भी करवाते रहेंगे । यानि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में अभी और तमाशे देखने/सुनने को मिलते रहेंगे ।
पूजा अग्रवाल बंसल के जबावी हमले ने राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा को गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर कर दिया है और अब वह लोगों से कहते फिर रहे हैं कि पूजा अग्रवाल बंसल ने अपने जबाव की कॉपी सेंट्रल काउंसिल और पाँचों रीजनल काउंसिल के सभी सदस्यों के साथ-साथ इंस्टीट्यूट के सभी पूर्व प्रेसीडेंट्स तथा नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के सभी पूर्व चेयरमैन्स को भेज कर प्रोफेशन के लोगों के बीच उनकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती की है । इस पर पूजा अग्रवाल बंसल की तरफ से सुनने को मिला है कि इन्होंने उन पर आरोप लगाते हुए जो मेल लिखा था, उसकी कॉपी भी इन्होंने काउंसिल के कई सदस्यों को भेजी थी - इसलिए उनके लिए भी जरूरी हुआ कि वह इंस्टीट्यूट से संबद्ध सभी लोगों को सच्चाई से अवगत कराएँ और सभी लोगों को यह जानकारी उपलब्ध करवाएँ कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में आखिर हो क्या रहा है ? जाहिर है कि आरोपों के जरिए विरोधी को बदनाम करने का खेल राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की जोड़ी ने शुरू किया था - लेकिन उन्होंने इतनी बेवकूफी से इस खेल में हाथ डाला कि पूजा अग्रवाल बंसल ने पलटवार करते हुए खेल में उनकी ही गर्दन फँसा दी है ।
राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने पूजा अग्रवाल बंसल को आरोपों की जो फेहरिस्त दी, वह इतनी बेवकूफी से तैयार की गयी थी कि उनके आरोप झूठ का पुलिंदा बन कर रह गए - इसीलिए पूजा अग्रवाल बंसल को पलटवार करने का बढ़िया मौका मिला और उन्होंने राकेश मक्कड़ व राजिंदर अरोड़ा के आरोपों की तथ्यों और सुबूतों के साथ धज्जियाँ उड़ा दीं । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने अपने आरोप पत्र में सबसे गंभीर आरोप लगाया कि पूजा अग्रवाल बंसल बेकार की बातों को लेकर मेल लिखती रहती हैं और इस तरह नॉन-कंस्ट्रक्टिव बातों में अपना और दूसरों का समय खराब करती हैं । इसके जबाव में पूजा अग्रवाल बंसल ने सिलसिलेबार तरीके से अपनी 26 मेल्स का जिक्र किया है और पूछा है कि इनमें जिन भी विषयों पर बात की गयी है, उनमें कौन सी बात बेकार की और या नॉन-कंस्ट्रक्टिव है ? काउंसिल को समय न देने के आरोप पर पूजा अग्रवाल बंसल ने रिकॉर्ड बताते हुए दावा किया कि काउंसिल की मीटिंग्स में पिछले वर्ष उनकी नब्बे प्रतिशत और इस वर्ष अभी तक सौ प्रतिशत उपस्थिति है - जाहिर है कि काउंसिल को समय न देने का आरोप पूरी तरह झूठ है ? मीटिंग्स में देर से आने और जल्दी चले जाने के आरोप पर पूजा अग्रवाल बंसल ने दावा किया कि काउंसिल की मीटिंग्स के रिकॉर्ड देखे जा सकते हैं जिनके अनुसार अधिकतर मीटिंग्स में 'वोट ऑफ थैंक्स' उन्होंने दिया है, जो मीटिंग का अंतिम एजेंडा होता है । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों को भी प्वाइंट टू प्वाइंट झूठा साबित करते हुए पूजा अग्रवाल बंसल ने जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उनसे साबित होता है कि राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा रीजनल काउंसिल के पदाधिकारी होने के बावजूद दूसरों को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक झूठ बोल सकते हैं ।
राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की फितरत को न जानने/पहचानने वाले लोगों को हैरानी है कि यह कैसे लोग हैं; इन्हें इतनी भी अक्ल नहीं है कि काउंसिल के ही सदस्य के खिलाफ झूठे आरोप लगाओगे तो वह पलभर में ही झूठ की पोल खोल देगा । इनके नजदीकियों का कहना है कि 4 अगस्त की रीजनल काउंसिल की मीटिंग में पूजा अग्रवाल बंसल पर चुप रहने का दबाव बनाने के उद्देश्य से राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा ने एक अगस्त को उन्हें आरोप पत्र थमा दिया था । रीजनल काउंसिल के इन दोनों पदाधिकारियों ने उम्मीद की थी कि आरोप पत्र से पूजा अग्रवाल बंसल दबाव में आ जायेंगी और मीटिंग में चुप रहेंगी । लेकिन हुआ उल्टा ही । पूजा अग्रवाल बंसल ने 4 अगस्त की मीटिंग में तो राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा की कारस्तानियों को लेकर मोर्चा संभाला ही, आरोप पत्र का प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव देकर भी इनके लिए मुसीबत और बढ़ा दी है । झूठे आरोपों को लेकर पूजा अग्रवाल बंसल ने तो कार्रवाई करने की चेतावनी दी ही हुई है; दूसरे लोगों का भी कहना है कि राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा में यदि जरा सी भी शर्महया हो और उनकी औकात हो तो उन्हें जल्दी से जल्दी पूजा अग्रवाल बंसल के द्वारा प्रस्तुत तथ्यों का उन्हीं की ही तरह प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव देना चाहिए अन्यथा झूठे आरोप लगाने के लिए उनसे माफी माँगनी चाहिए । राकेश मक्कड़ और राजिंदर अरोड़ा को जानने/पहचानने वाले लोगों का मानना और कहना लेकिन यह है कि समझदारी के मामले में इनकी 'औकात' ऐसी नहीं है कि यह प्वाइंट टू प्वाइंट जबाव दे सकें; यह निहायत बेशर्म लोग हैं, इसलिए अपने झूठे आरोपों पर यह माफी भी नहीं माँगेंगे - यह तो बस अपनी हरकतों से काउंसिल, प्रोफेशन और इंस्टीट्यूट को बदनाम करने के साथ-साथ अपनी खुद की फजीहत भी करवाते रहेंगे । यानि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में अभी और तमाशे देखने/सुनने को मिलते रहेंगे ।