Monday, March 25, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 के प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार में ललित खन्ना ने प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के साथ पर्सनल संबंध बनाने का ख्याल रखने के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट में बनी अपनी पहचान और महत्ता 'दिखाने' पर जोर देकर प्रेसीडेंट्स इलेक्ट तथा अन्य रोटेरियंस पर अच्छा प्रभाव बनाया

नई दिल्ली । 'धनक' शीर्षक से आयोजित हुए प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार में ललित खन्ना ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के अभियान की जो धमक पैदा की, वह अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को एक तरफा बनाने/करने का काम करती दिख रही है । रोटरी में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति में   प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार को उम्मीदवारों के 'लॉन्चिंग पैड' के रूप में देखा/पहचाना जाता है । माना/समझा जाता है कि आने वाले रोटरी वर्ष में जो जो लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करना चाहते हैं, उनके लिए प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार अपनी उम्मीदवारी के प्रस्तुतिकरण के लिए एक शानदार और प्रभावी मौका होता है । दरअसल यह एक बड़ा और प्रभावशाली कार्यक्रम होता है, जिसमें कि प्रेसीडेंट्स इलेक्ट अगले रोटरी वर्ष में प्रेसीडेंट के रूप में अपना अपना कार्य-व्यवहार तय करते हैं । उनके लिए अपने कार्य-व्यवहार को तय करने का यह चूँकि पहला मौका होता है, इसलिए 'पहले प्यार' की तर्ज पर यह मौका एक अलग तरह की छाप छोड़ता है - जो संभावित उम्मीदवारों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण, यहाँ तक कि निर्णायक भूमिका निभाता है । इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के संभावित उम्मीदवार इस मौके को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं । जो उम्मीदवार इस मौके को गंभीरता से नहीं लेते हैं, और या इस मौके तक अपनी उम्मीदवारी को तय नहीं कर पाते हैं, उन्हें कन्फ्यूज उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जाता है - और उन्हें प्रेसीडेंट्स इलेक्ट गंभीरता से नहीं लेते हैं । 
दरअसल प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार हो जाने के बाद जो कोई अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करता है, उसके बारे में मान लिया जाता है कि उम्मीदवारी को लेकर उसकी अपनी कोई तैयारी या सोच नहीं थी; वह तो बस 'इसके' या 'उसके' द्वारा सब्जबाग दिखाए जाने और या उकसाने पर उम्मीदवार बन गया है; और ऐसे में 'इसकी' या 'उसकी' कठपुतली बन कर ही रहेगा । ऐसे कठपुतली उम्मीदवारों को डिस्ट्रिक्ट के लोग, खासकर  प्रेसीडेंट्स इलेक्ट चूँकि गंभीरता से नहीं लेते हैं, इसलिए जो भी लोग अपनी खुद की सोच व अपने खुद के भरोसे उम्मीदवार बनना चाहते हैं, वह प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार से पहले ही अपनी उम्मीदवारी के बारे में फैसला कर लेते हैं, और प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के साथ तालमेल बनाने लगते हैं । इसी 'परंपरा' और प्रक्रिया के तहत ललित खन्ना और सुनील मल्होत्रा ने अपनी अपनी उम्मीदवारी के अभियान पर जोर देने के इरादे के साथ प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के बीच अच्छे से प्रभावी संपर्क अभियान चलाया । कई एक प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ने बताया है कि ट्रेनिंग सेमीनार से पहले ही ललित खन्ना और सुनील मल्होत्रा उनसे मिल चुके थे; और इसलिए ट्रेनिंग सेमीनार के दौरान उन्हें उन दोनों को पहचानने तथा उनके साथ जुड़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई ।
ट्रेनिंग सेमीनार से लौटे प्रेसीडेंट्स इलेक्ट लेकिन ललित खन्ना के प्रेजेंटेशन से काफी प्रभावित दिखे और सुनील मल्होत्रा का 'प्रदर्शन' उन्हें काफी फीका लगा । दरअसल ललित खन्ना ने ट्रेनिंग सेमीनार के विभिन्न अवसरों को प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के साथ 'कनेक्ट' होने के लिए योजनाबद्ध व बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया, जिसे सुनील मल्होत्रा बिलकुल भी नहीं कर सके । ऐसा कर सकने के लिए सुनील मल्होत्रा को अपने क्लब के सदस्यों का भी सहयोग नहीं मिला, और वह दूसरे अनुभवी लोगों का सहयोग भी नहीं ले पाए । ट्रेनिंग सेमीनार में पहुँचे हुए सुनील मल्होत्रा के क्लब के कई एक सदस्य तो दूसरे दिन ही वापस लौट आये, जिस कारण वह अकेले और अलग-थलग पड़ गए । ललित खन्ना ने लेकिन अवसरों को पहले से पहचाना और उनका भरपूर इस्तेमाल किया । प्रेसीडेंट्स इलेक्ट को ललित खन्ना का वह तरीका खूब भाया और प्रभावित करने वाला लगा, जिसमें परफॉर्मेंस देने जाते समय और परफॉर्मेंस देकर लौटते समय प्रेसीडेंट्स इलेक्ट को ललित खन्ना शुभकामनाएँ और बधाई दे रहे थे । ललित खन्ना ने एक तरफ प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के साथ पर्सनल संबंध बनाने का ख्याल रखा और दूसरी तरफ प्रेसीडेंट्स इलेक्ट को यह 'दिखाने'/जताने पर भी जोर दिया कि डिस्ट्रिक्ट में उनकी अपनी एक पहचान और महत्ता है, और इसके लिए उन्होंने हर उस अवसर का उपयोग किया जो संयोगवश उन्हें मिले । प्रेसीडेंट्स इलेक्ट ट्रेनिंग सेमीनार में ललित खन्ना ने अपनी उम्मीदवारी के संदर्भ में अपनी सक्रियता को जिस तरह से संयोजित किया, उसका प्रेसीडेंट्स इलेक्ट के साथ-साथ दूसरे रोटेरियंस पर भी अच्छा प्रभाव पड़ा दिखा है; जो उनकी उम्मीदवारी को खासी बढ़त दिलवाने वाला माना/समझा जा रहा है ।